Friday, April 19, 2024

33 आरोपी और लाखों की ठगीः साइबर ठगों ने मिनटों में पार किए 52 लाख

जगदलपुर. आजकल देश भर में होने वाली साइबर ठगी में मोबाइल इंटरनेट सबसे बड़ा हथियार बन गया है. मोबाइल के माध्यम से ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं और कई अवसरों पर इन पेमेंट अकाउंट पर नजर रखते हैं और सेकंड में बैंक के खातों से लाखों पार कर देते हैं. कई बार इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बना देता है. साइबर क्राइम में बैंकिंग फ्रॉड, ऑनलाइन स्कैम और महिला अपराध संबंधित काफी मामले शामिल है.

बता दें कि, साइबर क्राइम को देखते हुए इसे रोकने के लिए भारत सरकार ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 के बाद अब साइबर क्राइम पोर्टल लांच किया है. इस पोर्टल से आप अपने साथ हुए साइबर क्राइम की शिकायत घर बैठे ऑनलाइन कर सकते हैं. एनसीआरबी के वर्ष 2022 से मिले आंकड़ों के अनुसार साइबर क्राइम में ज्यादातर मामले धोखाधड़ी के तकरीबन 32 हजार 230 मामले मिले हैं. यानी साइबर क्राइम के कुल मामलों में 60.8 प्रतिशत मामले धोखाधड़ी के सामने आ रहे हैं.वहीं बस्तर सीएसपी का कहना है कि, पुलिस साइबर क्राइम की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई कर रही है. आम जनता अपने साथ हुए साइबर अपराध की शिकायत सीधे पुलिस अधिकारी से कर सकते हैं. यहां हेल्पलाइन नंबर के साथ एनसीआर पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष साइबर के कुल 22 बड़े अपराध दर्ज किए गए थे, जिनमें 33 आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई थी. इस सभी प्रकरण में 52 लाखों रुपए की ठगी हुई थी, जिसमें 42 लाख 50 हजार की रिकवरी बस्तर पुलिस ने की है. वहीं अब तक छोटे बड़े कुल मामले मिलाकर 300 दर्ज किए गए हैं. जिसमें 169 पर कार्रवाई करते हुए 9 लाख 50 हजार की वापसी की गई है. बस्तर पुलिस साइबर क्राइम को देखते हुए लोगों को जागरुक करने अलग-अलग अभियान भी चला रही है.

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