जांजगीर-चांपा 24 सितम्बर 2022: जांजगीर-चांपा जिले के सेवा सहकारी समिति तुलसी और किरीत में फर्जी पंजीयन नवीनीकरण कर 2 करोड़ 51 लाख रुपए के धान का गबन करने वाले आरोपी को कटघोरा (कोरबा जिला) से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी अजय प्रकाश नागेश ने (32 वर्ष) 1294.71 क्विंटल धान का गबन किया था। इसकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी। इससे पहले इस मामले में एक और आरोपी रामनारायण कश्यप की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
आरोपी ने धान खरीदी के दौरान किसानों की कुल रकबा में अतिरिक्त रकबा शामिल कर और उस रकबे को जोड़कर 2 करोड़ 51 लाख 4 हजार 982 रुपए का गबन किया था। तुलसी सेवा सहकारी समिति का प्रभारी अजय प्रकाश नागेश पिछले 7 महीने से फरार था। 8 फरवरी 2022 को नोडल अधिकारी अश्विनी पांडेय (जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नोडल कार्यालय जांजगीर) ने नवागढ़ थाने में केस दर्ज कराया था। अश्विनी पांडेय ने ग्राम तुलसी के धान खरीदी केन्द्र प्रभारी अजय प्रकाश नागेश, किरीत धान खरीदी केन्द्र प्रभारी रामनारायण कश्यप और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान धारा 467, 468, 471,120बी, 408,409, 173(8) भी जोड़ी गई। इसके बाद एक आरोपी रामनारायण कश्यप को 26 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब 23 सितंबर को दूसरे आरोपी अजय प्रकाश को भी पुलिस ने कोरबा से गिरफ्तार कर लिया है।
उसके पास से धान खरीदी केन्द्र तुलसी के दस्तावेज, गबन की गई राशि और अन्य सबूत जब्त किए गए हैं। पुलिस को पूछताछ के लिए कोर्ट से आरोपी की 2 दिन की रिमांड मिली है।
हर चौथे दिन चेंज कर देता था मोबाइल सिम
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी अजय प्रकाश नागेश कोरबा के कटघोरा में छिपा बैठा है और वो हुलिया बदलकर रह रहा है। जांजगीर-पुलिस की टीम ने वहां डेरा डाल लिया। करीब 15 दिनों तक उसकी तलाश में पुलिस ने दिनरात एक कर दिया। आरोपी इतना शातिर था कि वो पिछले 7 महीनों से हर चौथे-पांचवें दिन अपने मोबाइल का सिम चेंज कर देता था। लेकिन साइबर सेल ने उसे ट्रेस करने के लिए उस पर बारीकी से नजर रखी। आखिरकार पुलिस और साइबर सेल की मेहनत रंग लाई और आरोपी को अपनी गिरफ्त में ले लिया गया।
अब पुलिस 3 अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। जिसमें तुलसी सेवा सहकारी समिति का कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रहलाद कश्यप, किरीत का कम्प्यूटर ऑपरेटर गांधी दास महंत और तहसील नवागढ़ का कम्प्यूटर ऑपरेटर रामकुमार कुर्रे शामिल है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम देता था। उसने बताया कि धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान उसने किसानों के कुल रकबे में अतिरिक्त रकबा शामिल किया। फिर उस अतिरिक्त रकबे में धान समर्थन मूल्य में खरीदी कर लाभ लिया। कुछ किसानों की धान बिक्री की राशि जिस बैंक अकाउंट में आने वाली होती थी, उन किसानों के खाते की जगह पर अपने जान-पहचान के लोगों का खाता क्रमांक और नाम वे डाल देते थे और पैसों का गबन कर लेते थे।