नई दिल्ली: अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ रुपये का अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) रद्द करने का ऐलान किया है. कंपनी ने बुधवार देर रात यह ऐलान करते हुए बताया कि वह इस एफपीओ के निवेशकों के सारे पैसे लौटाएगा.कंपनी ने कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1 फरवरी को हुई बैठक में एफपीओ पर बड़ा फैसला लिया है। 20 हजार करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों के एफपीओ के साथ आंशिक रुप से पेड-अप आधार पर 1 रुपए प्रत्येक के अंकित मूल के साथ आगे नहीं बढ़ेंगे।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर कीमत नीचे चली गई। बजट के दिन ही अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 28 फीसदी की गिरावट आई है। गौतम अडानी एशिया से सबसे अमीर कारोबारी नहीं रहे हैं। अब उनकी जगह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर कारोबारी बन गए हैं। फोर्ब्स की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया के शीर्ष अमीरों की सूची में 83.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी नौवें स्थान पर पहुंच गए हैं। गौतम अडानी 44 अरब डॉलर की संपत्ति गंवाकर 15वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उनकी संपत्ति अब 75.1 अरब डालर रह गई है।
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क्या है एफपीओ?
एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) है। इसके जरिये पहले से शेयर बाजार में लिस्टेडड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं। कंपनी एक प्राइस बैंड तय करती है और एफपीओ का प्रचार किया जाता है। इसे द्वितीयक पेशकश के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध मौजूदा कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है। बता दें कि किसी भी कंपनी का पहला ऑफर आईपीओ कहलाता है। इसके बाद ही कंपनी लिस्टेड होती है। लिस्टेड होने के बाद शेयर बेचने का पब्लिक ऑफर एफपीओ कहलाता है। एफपीओ का मुख्य मकसद अतिरिक्त राशि जुटाना होता है।