वाशिंगटन 24 जनवरी 2023: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच नाटो में सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर कवायद चल रही है. स्टॉकहोम में हुए प्रदर्शन के बाद भी अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होने के लिए तैयार हैं.अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को कहा कि फिनलैंड और स्वीडन नाटो गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कल संवाददाताओं से कहा कि कई लोगों के लिए पवित्र पुस्तकों को जलाया जाना एक बहुत ही अपमानजनक कार्य है, साथ ही यह भी कहा कि “कुछ वैध लेकिन भयानक हो सकता है.”
स्वीडन और फिनलैंड लंबे समय से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि तुर्किए की आपत्ति के चलते स्वीडन का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। स्वीडन में तुर्किए के दूतावास के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता रासमस पालूदान ने पवित्र कुरान की एक प्रति जलाई थी। इस पर तुर्किए और अन्य कई मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसके बाद तुर्की ने स्वीडन के रक्षा मंत्री का तुर्की दौरा भी रद्द कर दिया था। इस दौरे में तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो में शामिल होने के लिए अहम बातचीत होनी थी। स्वीडन के रक्षा मंत्री का दौरा रद्द होने से स्वीडन के नाटो में शामिल होना खटाई में पड़ गया था।
तुर्किए का आरोप है कि स्वीडन की सरकार कुर्दिस्तान वर्किंग पार्टी का समर्थन करती है। साथ ही तुर्किए की मांग है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के आलोचकों को स्वीडन की सरकार निर्वासित करे। हालांकि स्वीडन अपनी संप्रभुता और बोलने की आजादी के अधिकार के चलते तुर्किए की इन मांगों को नहीं मान रहा है। यही वजह है कि तुर्किए, स्वीडन के नाटो का सदस्य बनने की राह में रोड़ा बन रहा है