Amritpal Singh Arrest:
चंडीगढ़: पंजाब से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया है। अमृतपाल के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस का सर्च अभियान थम गया है। अमृतपाल की गिरफ्तारी 36वें दिन हो सकी है। हालांकि पुलिस ने अभी तक अमृतपाल के पकड़े जाने को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल मोगा पुलिस की हिरासत में है। अमृतपाल को भी असम के डिब्रूगढ़ जेल में ही भेजा जा रहा है।
परिवार पर दबाव के बाद टूटा अमृतपाल!
14 अप्रैल बैशाखी के दिन पूरे कयास लगाए जा रहे थे कि अमृतपाल सरेंडर कर सकता है लेकिन नहीं आया। केंद्रीय एजेंसियां लगीं, खुफिया एजेंसियां लगाई गईं और लगभग 20 हजार पुलिसवाले लगाए गए लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी पर शिकंजा कसने पर वह टूट गया और उसने सरेंडर किया।
3 दिन पहले पत्नी को लंदन जाने से रोक गया था
तीन दिन पहले ही अमृतपाल की पत्नी को लंदन जाने से रोका गया था। उसे अमृतसर एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। इसे लेकर पंजाब में सियासत तेज हो गई थी। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भगोड़े अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को परेशान करने और अपमानित करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना की थी।
अमृतपाल की NRI पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया था।
अमृतपाल 36 दिन बाद अरेस्ट, असम जेल ले गए:मोगा में गुरुद्वारे गया, पोशाक बदली और प्रवचन दिया; सरेंडर करने का प्लान था
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक उसकी गिरफ्तारी मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से हुई। अरेस्टिंग से पहले वह गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। पंजाब पुलिस अमृतपाल को बठिंडा से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले गई है।
गुरुद्वारे के ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल शनिवार रात को रोडे गांव पहुंचा था। पुलिस को खबर मिली थी कि वह समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ने की आशंका थी। लिहाजा पंजाब पुलिस की टीम सादे कपड़ों में पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
अमृतपाल की गिरफ्तारी की दो तस्वीरें…
अमृतपाल ने मोगा के रोडे गांव के गुरुद्वारे में पहुंचकर माथा टेका। पोशाक बदलकर चोला और परना पहना
पंजाब पुलिस और इंटेलिजेंस अफसर अमृतपाल सिंह को लेकर बठिंडा एयरपोर्ट रवाना हुए, जहां से उसे असम ले जाया गया।
NSA का आरोपी, 36 दिन से फरार था
अमृतपाल पर NSA के तहत केस दर्ज है। वह पिछले 36 दिन से फरार था। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वह फरार हो गया था।
इस बार रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अमृतसर के SSP सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के IG रविवार सुबह ही गांव रोडे के गुरूद्वारे में पहुंच गए थे। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने अल सुबह ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।
रविवार सुबह गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने रोडे गांव के गुरुद्वारे में प्रवचन देकर अपने समर्थकों के संबोधित किया।
भिंडरावाले के जन्म स्थान पर ही सरेंडर की प्लानिंग की
अमृतपाल को जिस रोडे गांव से पकड़ा गया, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं उसका दस्तारबंदी समारोह हुआ था। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ यहीं सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए रविवार का दिन चुना गया था। उसके करीबियों ने ही पंजाब पुलिस से संपर्क कर सरेंडर के बारे में बताया था।
तख्त पर सरेंडर से मना करने पर गांव रोडे को चुना
पुलिस सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन यानी 14 अप्रैल को सरेंडर करना चाहता था। उसकी शर्त थी कि वह बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब आकर सरेंडर करेगा। जैसे ही इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अमृतपाल को दमदमा साहिब पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी। जिसके बाद वह रोडे पहुंचा और यहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया।