Special News
बड़ी उपलब्धि : छत्तीसगढ़ पुलिस को देशभर में दूसरा स्थान, 18 राज्यों की रैंकिंग में प्रदेश ने कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा


रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिसिंग को देशभर में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। प्रतिष्ठित टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट -2020 में छत्तीसगढ़ पुलिसिंग को देशभर में दूसरी रैंकिंग दी गयी है। रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। पहले नंबर पर कर्नाटक को स्थान मिला है। रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जो पुलिस बल की विविध आवश्यकताओं को पूरा करता है।
RO-NO-12059/77
पिछले साल जारी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ को दसवां स्थान हासिल हुआ था। इस लिहाज से इस साल छत्तीसगढ़ ने 8 रैंक उपर आकर दूसरे नंबर पर जगह बनाई है। आपको बता दें कि टाटा ट्रस्ट की ओर से हर साल इंडिया जस्टिस रिपोर्ट जारी की जाती है। जिसमें पुलिसिंग, जेल, ज्यूडिशरी, समेत कई मानकों पर हर राज्य को रैंकिंग दी जाती है। टाटा ट्रस्ट की ओर से जारी इस रैंकिंग का बेहद प्रतिष्ठित स्थान है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में बुनियादी ढांचा, कानूनी सहायता, मानव संसाधन और 5 साल के रुझानों का आकलन के लिये सरकारी डाटा का उपयोग किया जाता है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीमित संसाधनों के बावजूद कई बड़े राज्यों जैसे उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, गुजरात, बिहार, पंजाब, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल को पीछे छोड़ा है। दूसरी रैंकिंग हासिल करने में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पिछले दो सालों से चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भूमिका है। स्पंदन, समाधान, खुशियों का शुक्रवार, समर्पण जैसे कार्यक्रमों ने छत्तीसगढ़ पुलिस और आम नागरिकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित किया है।
इन मानकों पर खरा उतरा छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई ऐसे मापदंडों पर खरा उतरा है जिनमें लगभग सभी बड़े राज्य पीछे हैं। टाटा ट्रस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस प्रति पुलिसकर्मी पर 1080 रूपये से अधिक खर्चा करती है। वहीं पुलिस ट्रेनिंग में प्रति पुलिसकर्मी 5805 रूपये खर्च होता है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में 63213 की जनसंख्या में और शहरी इलाकों में 95974 की जनसंख्या में पुलिस स्टेशन मौजूद हैं , जो कई बड़े राज्यों से कहीं अच्छी स्थिति में है। रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस के पोर्टल में सभी जनसुविधाओं को मानकों पर खरा पाया गया है, जिसमें शिकायतों को दर्ज कराने से लेकर एफआईआर की कॉपी तक उपलब्ध की जा सकती है। वहीं कई बड़े राज्यों में पुलिस के पोर्टल तक नहीं है। इसके अलावा मॉर्डनाइजेशन, महिला स्टॉफ, बजट, वैकेंसी, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे में अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति आयी है।



Special News
777 Charlie Review : कलयुग के ‘धर्मराज’ की रुला देने वाली कहानी ; श्वान और इंसान के बीच अनोखा रिश्ता समझाएगा ये फिल्म ; देखिए ट्रेलर


Entertainment Desk : जानवरों और इंसानों के रिश्तों पर फिल्में बनाने में दक्षिण भारतीय फिल्म कंपनी देवर फिल्म्स का बोलबाला रहा है। एम एम ए चिनप्पा देवर की इस कंपनी ने तमिल में ढेरों फिल्में बनाने के बाद ‘हाथी मेरे साथी’, ‘जानवर और इंसान’, ‘गाय और गौरी’ और ‘मेरा रक्षक’ जैसी हिंदी फिल्में भी बनाई। के सी बोकाडिया की फिल्म ‘तेरी मेहरबानियां’ इंसान और कुत्ते के रिश्ते पर बनी अपने जमाने की सुपरहिट फिल्म रही है। अब कन्नड़ सिनेमा के मशहूर फिल्ममेकर रक्षित शेट्टी ऐसी ही एक फिल्म लेकर आए हैं, ‘777 चार्ली’।
RO-NO-12059/77
फिल्म के निर्देशक एवं लेखक किरणराज के ने CNT का इंस्टाग्राम पोस्ट लाइक किया
View this post on Instagram
रक्षित शेट्टी का नाम हाल के दिनों में उनकी फिल्म ‘किरिक पार्टी’ को लेकर काफी चर्चा में रहा है। ये फिल्म पहले कार्तिक आर्यन और जैकलीन फर्नांडीज के साथ हिंदी में बनने की बात चली। फिर इसके लिए विकी कौशल और रश्मिका मंदाना का नाम भी चर्चा में रहा। रक्षित शेट्टी फिल्मकारों की उस जमात से है जो इंजीनियरिंग पढ़कर सिनेमा में आई है। जाहिर है ऐसे लोगों का सिनेमा समावेशी होता है और फिल्म ‘777 चार्ली’ भी कुत्तों से जुड़े एक ऐसे बड़े मुद्दे को उठाती है, जिसपर आम तौर पर इंसानों का ध्यान नहीं जाता।
देखिए ट्रेलर :
पालतू से प्यार की भावुक कहानी
फिल्म ‘777 चार्ली’ एक इमोशनल कहानी है। ये यात्रा है एक इंसान की अपने पालतू को उसकी खुशियां दिलाने की। कहानी का नायक कुछ कुछ ‘कबीर सिंह’ जैसा है। फैक्ट्री, घर, बीयर, इडली, सिगरेट…बस यही उसकी जिंदगी है। चेहरे पर कोई भाव नहीं। गली से निकल जाए तो बच्चे भी डरते हैं। किसी के घर से निकल भागा एक कुत्ता उसकी देहरी पर आकर ठिठक जाता है। भगाने पर भी नहीं भागता और फिर परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि दोनों को साथ रहना होता है। शुरुआती इंतजाम ये कुछ दिनों का ही है लेकिन फिर दोनों में प्यार हो जाता है। अपने मालिक की आदतें बदल देने वाले इस कुत्ते को नाम मिलता है ‘777 चार्ली’। वह अपने मालिक को बचाता है। और, बदले में उसे मिलता है..! बाकी कहानी यहां बता देने से आपका फिल्म देखने का मजा किरकिरा हो सकता है।
महाभारत के धर्मराज : जब एक कुत्ते के लिए युधिष्ठिर ने छोड़ दिया स्वर्गलोक का सुख
महाभारत युद्ध के उपरांत लगभग 36 साल बाद यदुवंशियों का नाश हुआ। जब अर्जुन ने ये समाचार युधिष्ठिर को दिया तो उन्हें बहुत दुख हुआ। महर्षि वेदव्यास के कहने पर पांचों पांडवों ने राज-पाट का सुख छोड़कर सशरीर स्वर्ग जाने का फैसला किया। युधिष्ठिर ने जाने से पहले धृतराष्ट्र के पुत्र और दुर्योधन के भाई युयुत्सु का राज्याभिषेक किया और उसे हस्तिनापुर का राजा बनाया। फिर वे अपने चारों भाईयों को साथ लेकर हिमालय की ओर चल पड़े। सबसे पहले द्रौपदी ने बद्रीनाथ से आगे हिमालय की बर्फ में प्राण त्याग दिए। आगे बढ़ते-बढ़ते नकुल, सहदेव, भीम और अर्जुन भी ब्रह्मलोक प्रयाण कर गए।
धर्मराज युधिष्ठिर एक कुत्ते के साथ स्वर्गलोक की ओर बढ़े जा रहे थे। आखिर चलते-चलते वह स्वर्ग के द्वार तक जा पहुंचे। द्वारपाल ने धर्मराज युधिष्ठिर के लिए दरवाजा खोल दिया। धर्मराज ने कुत्ते को आदेश दिया, पहले तुम अंदर जाओ।’’
‘‘नीच कुत्ता स्वर्गलोक में कैसे जा सकता है। पहरेदारों ने उसे यह कह कर अंदर जाने से रोक दिया।’’
धर्मराज ने कहा, ‘‘इस निरीह प्राणी ने पृथ्वी लोक से यहां तक मेरा साथ दिया है। मैं इसे अकेला छोड़कर स्वर्गलोक नहीं जाऊंगा।’’
स्वर्गलोक के प्रमुख पहरेदार ने कहा, ‘‘यदि आप अपने तमाम पुण्यों के फल इस कुत्ते को दे दें तो यह स्वर्गलोक जा सकता है।’’
युधिष्ठिर ने उत्तर दिया, ‘‘मैं अपने सारे पुण्यों के फल अपना साथ देने वाले इस निरीह प्राणी को देने में अपना जीवन सार्थक मानता हूं।’’
यह सुनते ही स्वर्गलोक के देवता धर्मराज युधिष्ठिर की जय-जयकार कर उठे। उन्हें सशरीर स्वर्गलोक में प्रवेश मिला।
रक्षित शेट्टी का समावेशी सिनेमा
रक्षित शेट्टी की बनाई फिल्म ‘777 चार्ली’ उन सभी लोगों को देखनी चाहिए जो इन दिनों देश के शहरों मे तेजी से बढ़ रही कुत्तों की तादाद से परेशान है। प्रशासनिक विभागों से निकलकर ये मामले अब अदालतों तक जा रहे हैं। फिल्म उन लोगों की आंखें खासकर खोलती है जो कुत्तों से नफरत करते हैं। ख़ैर, बात फिल्म ‘777 चार्ली’ की करते हैं। फिल्म के हीरो हैं रक्षित शेट्टी की। वह फिल्म के निर्माता भी हैं। कभी रश्मिका मंदाना से दिल लगाने वाले रक्षित ने ये फिल्म बहुत दिल से बनाई है। उनकी अदाकारी और कैमरे का पहली बार सामना कर रहे कुत्ते चार्ली की जुगलबंदी कमाल की है। फिल्म के बाकी कलाकारों में संगीता श्रृंगेरी ने कमाल का काम किया है। हिंदी सिनेमा बनाने वालों की नजर उन पर पड़ी तो जल्द ही वह किसी हिंदी फिल्म में दिख सकती हैं।
फिल्म ‘777 चार्ली’ की चाल फिल्म ‘तेरी मेहरबानियां’ से काफी अलग है। फिल्म का संगीत इसकी कमजोरी है क्योंकि जिस भावनात्मक रिश्ते की बात फिल्म करती है, वैसे भावुक गीत रच पाने में फिल्म की म्यूजिक टीम विफल रही है। फिल्म थोड़ी लंबी भी है लेकिन फिल्म के निर्देशक ने जो कुछ भी फिल्म में रखा है, वह बोर नहीं करता, हां आपको बीच बीच में फोन चेक कर लेने का मौका जरूर देता है। सिनेमा में परदे से नजर हटाने का मौका देना बड़ी चूक मानी जाती है। फिल्म की तकनीकी टीम में काबिले तारीफ काम है इसके सिनेमैटोग्राफर अरविंद एस कश्यप का। अरविंद ने पूरी फिल्म को कैनवस पर बदलती पेटिंग सरीखा लुक दिया है। वह किरदारों के साथ साथ आसपास के वातावरण को भी खूबसूरती से कैमरे में कैद करते हैं। खासतौर से फिल्म के मुख्य किरदार जब सफर पर निकलते हैं और जब हिमालय पर पहुंचते हैं तो अरविंद के कैमरे का कमाल देखते ही बनता है।
और, फिल्म की कमान जिन हाथों में है उन किरनराज के का करियर ये फिल्म पूरी तरह बदल देने वाली है। फिल्म ‘किरिक पार्टी’ में किरनराज फिल्म की निर्देशन टीम का हिस्सा थे। वहीं उनकी रक्षित शेट्टी से दोस्ती हुई और रक्षित ने उन्हें फिल्म ‘777 चार्ली’ के निर्देशन का जिम्मा सौंपा। फिल्म देखकर लगता नहीं है कि ये किरनराज की बतौर निर्देशक सिर्फ दूसरी फिल्म है। उनका शॉट डिवीजन, कैमरा प्लेसिंग और मूवमेंट कमाल का है। कलाकारों को उन्होंने अपने भाव लाने की पूऱी छूट भी दी है। हां, इस चक्कर में फिल्म शुरू में थोड़ा सुस्त रहती है लेकिन पटरी पर आने के बाद फिर फिल्म आखिर तक रुकती नहीं है।
अगर आपने अरसे से पूरे परिवार के साथ कोई फिल्म नहीं देखी है तो फिल्म ‘777 चार्ली’ इस वीकएंड पर संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजन का वादा करती है। फिल्म को देखने के लिए थोड़ा धैर्य शुरू में चाहिए। बस एक बार आपका कहानी से, इसके किरदारों से तारतम्य बन गया तो ये फिल्म आपको रुलाएगी भी खूब और चेहरे पर मुस्कान भी कई बार लाएगी।
Movie Review


Special News
छत्तीसगढ़ : दुर्ग में DIAL 112 में गूंजी किलकारी ; वाहन में महिला ने बच्चे को दिया जन्म ; जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ


दुर्ग : छत्तीसगढ़ पुलिस की DIAL 112 सेवा ने फिर एक बार पीड़ित की जान बचाई हैं। जामुल निवासी महिला को तीव्र लेबर पेन की सूचना पर जामुल DIAL 112 में तैनात आर. चेतमान और चालक उत्तम साहू द्वारा तत्काल मौके पर पीड़ित एवं परिवार को साथ लेकर जिला अस्पताल ले जाया गया जहां अस्पताल के मुख्य द्वार पर ही महिला ने वाहन में बच्चे को जन्म दिया।
RO-NO-12059/77
परिजनों के समक्ष पीड़िता ने स्वस्थ बच्चे को डायल 112 के वाहन में जन्म दिया और उनके सहयोग से हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। नवजात शिशु और माता दोनों स्वस्थ हैं। दुर्ग पुलिस ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।


Special News
CG : स्वस्थ हुआ राहुल, जांजगीर-चांपा के कलेक्टर और SP खुद लेने पहुंचे बिलासपुर ; 100 घंटे से ज्यादा 60 फीट गहरे बोरवेल में फंसा था बच्चा


बिलासपुर, जांजगीर-चांपा : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में 100 घंटे से ज्यादा 60 फीट गहरे बोरवेल के लिए किए गए गड्ढे में फंस कर घायल हुआ राहुल साहू अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है। उसे शनिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया।
RO-NO-12059/77
घर लौटने की खुशी में उसके गांव में जश्न की तैयारी है। वहीं राहुल को विदा करने बड़ी संख्या में अस्पताल स्टाफ पहुंचा था। अस्पताल की तरफ से उसे गिफ्ट भी दिया गया है। जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल खुद जांजगीर से बिलासपुर राहुल को लेने पहुंचे थे। इस दौरान बिलासपुर प्रशासन और स्थानीय नेता भी मौजूद थे। बिलासपुर प्रशासन की तरफ से भी राहुल को गिफ्ट दिया गया है।
राहुल पिछले कुछ 10 दिनों से अस्पताल में भर्ती था। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उसने ठीक होने के बाद डॉक्टरों के साथ खूब मस्ती भी की है। उसका नया वीडियो भी सामने आया था। नए वीडियो में वह बॉल के ऊपर बैठकर कूदता नजर आ रहा था। 10 वर्षीय राहुल साहू अब बिना सहारे के चलने भी लगा है।
अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ ही फीजियोथैरेपिस्ट लगातार राहुल के इलाज में जुटे थे। फीजियोथेरैपी का ही नतीजा है कि वह अब एकदम ठीक हो गया है और पहले की तरह मस्ती करने लगा है। राहुल 10 जून को उसके घर के पीछे बने बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। इसके बाद से वह लगभग 4 दिनों तक अंदर ही फंसा रह गया था। करीब 106 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सका था।
खबरें ये भी पढ़ें :


-
राज्य एवं शहर7 days ago
CG में 3 दिन बंद रहेंगी शराब बिक्री, होटल-रेस्टॉरेंट में भी बेचने की अनुमति नहीं, आबकारी विभाग ने जारी किए निर्देश ; जानिए कारण
-
देश-विदेश6 days ago
बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 35 ट्रेनें अगले 15 दिन के लिए फिर रहेंगी रद्द, देखिए सूची
-
क्राइम6 days ago
CG Crime : दुर्ग के मरोदा स्टेशन के पास मिली महिला की लाश ; हत्या के बाद बोरी में डाल कर गटर में फेंकी बॉडी ; सिर और शरीर पर चोट के निशान
-
क्राइम5 days ago
CG : भिलाई में मर्डर केस का खुलासा : रेप केस में फंसाने की धमकी दी तो युवकों ने पहले महिला से बनाया शारीरिक संबंध, फिर हत्या कर बोरे में डालकर गटर में फेंका
-
क्राइम6 days ago
Sidhu Moosewala Murder Case : 2021 में रची गई थी मूसेवाला की हत्या की साजिश, लॉरेंस बिश्नोई गैंग तीसरी कोशिश में हुआ सफल
-
Special News6 days ago
छत्तीसगढ़ राज्य का भुइयां कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर मिला पुरस्कार : प्रतिष्ठित IMC डिजिटल अवार्ड्स 2021 से किया गया सम्मानित
-
क्राइम7 days ago
छत्तीसगढ़ की राजधानी में देर रात हत्या : तीन भाइयों ने दो लोगों को डंडे, पाइप से खूब पीटा, एक की मौत दूसरा जख्मी जख्मी
-
ज्योतिष7 days ago
राशिफल 23 जून : कन्या समेत इन राशि वालों को लग सकती है चोट, ये लोग गलत भाषा के प्रयोग से बचें