रायपुर : नक्सलियों ने एक बार फिर दावा किया है कि कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मनहार उनके पास हैं और सुरक्षित हैं। नक्सलियों ने कहा है कि सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद वे जवान को सौंप देंगे। साथ ही नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई मुठभेड़ में अपने 5 साथियों के मारे जाने की भी पुष्टि की है। जवान राकेश्वर सिंह मुठभेड़ के बाद से लापता हैं।
तर्रेम क्षेत्र के जीरागुडेम गांव के पास हुई मुठभेड़ के तीसरे दिन मंगलवार को नक्सलियों ने फिर एक प्रेस नोट जारी किया है। इसमें नक्सलियों ने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति खेद जताया है। साथ ही मुठभेड़ के बाद जवानों के 14 हथियार और 2000 से ज्यादा कारतूस ले जाने का दावा किया है। यह भी बताया कि नक्सली ओड़ी सन्नी, कोवासी बदरू, पदाम लखमा, माड़वी सुक्खा व नूपा सुरेश मारे गए हैं। इनमें से नक्सली सन्नी का शव नहीं ले जा सके।
नक्सली बोले- दिल्ली में बनी थी इस मुठभेड़ की रणनीति
दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता की ओर से जारी किए गए दो पेज के इस प्रेस नोट में कहा गया है कि अगस्त 2020 में गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में दिल्ली में हुई बैठक में ही इस हमले की रणनीति बना ली थी। रायपुर को इसका केंद्र बनाया गया और विजय कुमार ने अक्टूबर में 5 राज्यों के अफसरों के साथ बैठक की। इस अभियान के लिए बस्तर IG सुंदरराज पी. को प्रभारी बनाया और DG अशोक जुनेजा को विशेष अधिकारी नियुक्त किया।
नक्सली बोले- हम वार्ता को तैयार
नक्सलियों ने फिर वार्ता की बात कही है। कहा कि हम कभी भी वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार ईमानदार नहीं है। अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी सरकार की है। पुलिस बल को एकत्र करने, कैंप बंद करने, हमला रोकने से ही वार्ता हो सकती है। कोंडागांव, बीजापुर, नारायणपुर में सैनिक अभियान चलाने से वार्ता नहीं होगी।