आ गए चीते! नामीबिया से ग्वालियर (भारत) में ८ चीते लाये गए हैं. ४ नर और ४ मादा होंगे ऐसी उम्मीद हैं. बस, टिक जाए और फले-फूले, और चीता की आबादी बढे. कही दोबारा अलुप्त न हो जाये, मेहनत रंग लाये.
जानते चलें कि 2009 में अफ्रीकन सरकार से चीता लाने का प्रस्ताव दिया गया। 2010 में मनमोहन सरकार से प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। 25 अप्रैल 2010 को जयराम रमेश अफ्रीका गए, चीता देखा। 2011 में 50 करोड़ रु. दिए गए। 2012 SC से प्रोजेक्ट चीता पर रोक, 2019 में हटी इसलिए अब चीते आने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ मैं हुआ था चीते का अंतिम शिकार
तब के मध्यप्रदेश कोरिया इलाके में 1948 में देश के अंतिम चीते का शिकार कोरिया महाराजा ने किया था देश से खत्म हो चुके चीतों का सफर एक बार मध्यप्रदेश से शुरू होने जा रहा है,नामीबिया से मंगवाए 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्म दिन पर कुनो के जंगल का हिस्सा बनाने जा रहे हैं।
टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश अब चीता स्टेट भी बनने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) शनिवार (Saturday) को अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए जा रहे आठ चीतों को पिंजरों से छोड़ेंगे. इसके साथ ही प्रदेश की भूमि पर एक बार फिर चीते अपनी शानदार तेज रफ्तार के साथ पर्यटकों को मोहित करते नजर आएंगे.
मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान इसे लेकर बहुत खुश हैं और चीता परियोजना के लिए प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क का चयन किए जाने को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है. वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) के द्वारा कूनो पालपुर में चीतों के पुनर्स्थापना के रूप में नया आगाज होने जा रहा है. इससे मध्य प्रदेश और श्योपुर भारत ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर उभरेगा. ऐसे मेरा विश्वास है.