रायपुर 22 दिसंबर 2022: छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर सीमा पर स्थित टेकलगुड़ा गांव के पास नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत हो गई थी। इस पर अब NIA ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। 22 सुरक्षा जवानों की हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है। NIA ने 23 नक्सलियों को इस वारदात के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ये सभी सशस्त्र नक्सली थे।
कब हुई थी ये खूनी वारदात ?
दरअसल, 4 अप्रैल 2021 को बीजापुर सीमा पर स्थित टेकलगुड़ा गांव के पास नक्सलियों ने खूनी खेल को अंजाम दिया था। इसमें 22 जवानों की शहादत हो गई थी। खबर ये भी है कि इस वारदात में करीब 400 नक्सलियों ने चारों तरफ से घेर लिया था। इसगके बाद जवानों का खून बहाया था।
कैसे की गई थी टेकलगुड़ा हमले की प्लानिंग ?
नक्सली दंपति ने बताया था कि टेकलगुड़ा कांड को अंजाम देने की कोई पूर्व योजना नहीं थी। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के नेता हिड़मा और संगठन के कई बड़े नेता जंगल में बैठे थे।
इस बीच, संगठन के मिलिशिया सदस्यों ने हिडमा को वॉकी-टॉकी के माध्यम से सूचित किया कि बड़ी संख्या में सेना जंगल में प्रवेश कर रही है। वे टेकलगुड़ा की ओर ही आ रहे हैं।
खबर पाकर हिड़मा ने वहां मौजूद 450 नक्सलियों को इकट्ठा किया, फिर 10 मिनट तक बात की और सबसे कहा- ‘मुझे मौका मिला है, मुझे सफलता चाहिए’, जिसके बाद नक्सली एक ऊंचे स्थान पर छिप गए।
तलाशी के दौरान जवानों को जंगल के अंदर और अंदर जाने दिया गया. जब वह टेकरी की ओर पहुंचे तो चारों तरफ से उन्हें घेर लिया गया, फिर जवानों पर गोलियां बरसाईं। बल पूरी तरह से घात में फंस गया था।
इस मुठभेड़ में 4 नक्सली मौके पर ही ढेर हो गए। 5 नक्सली घायल हो गए, जिनका बोटेम गांव में इलाज किया गया। इलाज के बाद 3 नक्सलियों की मौत हो गई थी। इस घटना में कुल 7 नक्सली मारे गए।