रायपुर : छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लगातार कार्रवाई के बीच आज केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने दबिश दी है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजत बिल्डकान के 40 हजार शेयर को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाकर करीब 54 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दुर्ग के कोठारी बंधुओं को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ की टीम पहुंची।
कोलकाता पुलिस गिरफ्तारी के लिए पहले भी आ चुकी है दुर्ग
कोलकाता में एफआइआर दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस दुर्ग में आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए कई बार आई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केस सीबीआइ को ट्रांसफर करने की मांग की थी। जिस पर हाई कोर्ट ने इस केस को सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया था। जिसके बाद शुक्रवार को सीबीआइ की टीम दुर्ग पहुंची और कार्रवाई कर रही है।
प्रकरण के अनुसार रजत बिल्डकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रकाश जायसवाल की शिकायत पर कोलकाता के बुर्ताल्ला थाना में बिल्डर सिद्धार्थ कोठारी, उसके पिता सुरेश कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, कूटरचना और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं के तहत प्राथमिकी की गई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस यहां पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई बार आई थी, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। जिस पर प्रकाश जायसवाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोलकाता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केस को सीबीआइ को सौंपने की मांग की थी। कोलकाता हाई कोर्ट ने भी प्रकाश जायसवाल के पक्ष में फैसला सुनाया और सीबीआइ को केस सौंपा गया। इसके बाद सीबीआइ की 80 सदस्यीय टीम दुर्ग पहुंची। बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ कोठारी और उसके पिता सुरेश कोठारी की गिरफ्तारी की जा चुकी है और सीए श्रीपाल कोठारी की गिरफ्तारी बाकी है।
ये है पूरा मामला
कोलकाता निवासी प्रकाश जायसवाल ने अपनी शिकायत में बताया था कि रजत बिल्डकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी दुर्ग जिले में जमीन का काम करती है। इस कंपनी ने अपने 40 हजार शेयर 2005-06 में प्रकाश जायसवाल को बेचे थे। इन सभी शेयर्स को 2012-13 में सुरेश कोठारी ने धोखाधड़ी कर के अपने चचेरे भाई सीए श्रीपाल कोठारी और बेटे सिद्धार्थ कोठारी की मदद से अपने नाम पर चढ़वा लिया था। इन शेयर्स की वर्तमान कीमत 53 करोड़ 44 लाख 19 हजार 230 रुपये है।
जब प्रकाश जायसवाल को इसके बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत बुर्ताल्ला थाने में की थी। पुलिस ने दो जनवरी 2021 को सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ प्राथमिकी की थी। तीनों आरोपी पद्मनाभपुर दुर्ग के निवासी हैं। कोलकाता पुलिस चार बार इन आरोपियों को गिरफ्तार करने दुर्ग आ चुकी थी, लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने से वह हर बार बैरंग लौट जाती रही।
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