राज्य एवं शहर
Chhattisgarh : भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ ने कहा मैं चौकीदार ; पीडि़त परिवार ने मांगा अनुकंपा नियुक्ति तो मिला यह जवाब


दुर्ग-भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता के साथ प्रगति भवन में बीएसपी कर्मी कार्तिकराम ठाकुर के साथ शुक्रवार को शाम 5 बजे से बैठक शुरू हुई। करीब 6.50 बजे तक यह बैठक हुई, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला। सीईओ ने साफ कहा कि जिस दस्तावेज पर अनुकंपा नियुक्ति मांगी जा रही है, वे नहीं दे सकते। मेडिकल बोर्ड अगर इस पर मुहर लगाता तो इस बैठक की ही जरूरत नहीं पड़ती। चिकित्सकों ने कार्तिक राम ठाकुर को बचाने के लिए जितनी कोशिश करना चाहिए उतनी कोशिश की। न्यायालय से अगर आपके हक में फैसला आ जाता है तो भी अनुकंपा नियुक्ति दिया जा सकता है। पीडि़त परिवार ने कहा कि इतने बड़े प्लांट के आप मालिक हो, बोर्ड के डायरेक्टर्स में शामिल हो, जरूर अनुकंपा नियुक्ति दे सकते हो। इस पर सीईओ ने कहा कि मैं चौकीदार हूं। प्लांट की हिफाजत करना मेरा काम है।
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बैठक से नाराज होकर उठ खड़े हुए समाज के लोग
पार्षद चंद्रभान सिंह ठाकुर ने बताया कि समाज के अध्यक्ष घनश्याम मंडावी अपनी बात रख रहे थे, इस दौरान सीईओ ने उनसे कुछ कहा। जिस पर सारे लोग खड़े हो गए। वे बैठक छोड़कर जाने लगे। तब सीईओ ने कहा कि गुस्सा में ऐसा मुंह से निकल गया, बैठ जाओ। तब फिर से बैठक शुरू हुई। पीडि़त की ओर से गए कार्तिक राम ठाकुर की पत्नी आसन बाइ ठाकुर ने कहा कि पति को खो दिया है अब बच्चे को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। इससे अधिक कुछ कहना नहीं चाहती। चंद्रकला तारम, कामेश्वरी ठाकुर, घनश्याम मंडावी, विवेक परगनिहा, चंद्रभान सिंह ठाकुर ने भी प्रबंधन से अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग किया। अंत में सीईओ, ईडी पीएण्डए एसके दुबे सीआईएसएफ की टीम के साथ वहां से निकल गए। इस तरह से बात बेनतीजा रही।

पुरानी मांग को रखा
बीएसपी के जनसंपर्क विभाग के मुताबिक पूर्व में कार्यपालक निदेशक कार्मिक व प्रशासन सुरेश कुमार दुबे के साथ बैठक में परिजनों को भरोसा दिलाया गया था कि बैठक निदेशक प्रभारी के साथ 9 मार्च 2021 को कराई जाएगी। ताकि वे शीर्ष प्रबंधन को सीधे अपनी बात कह सकें और तथ्य प्रस्तुत कर सकें। संयंत्र की परिस्थितियों के कारण यह बैठक 9 मार्च की जगह 12 मार्च को कराई गई। स्वर्गीय कार्तिक राम के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के विषय मे विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। स्व. कार्तिक राम की पत्नी आसन बाई व समाज के अन्य सदस्यों ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग दुहरायी।
सीईओ ने जताया दुख
निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने स्व कार्तिक राम के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया और कहा कि यह दुखद है कि श्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा और भरपूर प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नही जा सका। उन्होंने परिजनों को आश्वस्त किया कि कंपनी के नियमों के तहत कार्मिक के परिवार को प्रबंधन हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा। बैठक में परिजनों के उठाये गए हर पहलू पर विस्तार से उन्होंने उत्तर दिया व स्पष्ट किया कि पूरे प्रकरण का उन्होंने बारीकी से अध्ययन किया है और यह पाया है कि अनुकम्पा नियुक्ति की सेल की पालिसी के अंतर्गत यह प्रकरण अहर्ता नही रखता क्योंकि रिकाड्र्स के अनुसार उनके रोग और चिकित्सा विवरण पालिसी के प्रावधानों पर पूरे नही उतरते। प्रबंधन मृत कर्मी के परिवार जनों के प्रति पूरी सद्भावना और सहानुभूति रखता है और नियमों के दायरे में तात्कालिक और दीर्घकालिक सहायता अवश्य उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवारजन प्रबंधन की योजना का लाभ अवश्य लें। उनके आश्रितों को भविष्य में भी सहायता देने का और पूरे परिवार के अच्छे भविष्य के लिए यथासंभव सहयोग का वचन दिया। बैठक में मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक निशा सोनी भी उपस्थित थे।



CORONA VIRUS
छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 3 नए मामले मिले, 1 रिकवर ; एक्टिव केस 36 ; 16 जिले कोरोना फ्री ; 26 जिलों में कोई नया केस नहीं


रायपुर : छत्तीसगढ़ मे आज कोरोना के 3 नए मरीज़ मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 1 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
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प्रदेश में आज पॉजिटिविटी दर 0.11% प्रतिशत है। आज प्रदेश भर में हुए 2 हजार 617 सैंपलों की जांच में से 3 मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

प्रदेश के 02 जिला से 03 कोरोना संक्रमित पाए गए तथा शेष 26 जिलों में आज कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया प्रदेश के 16 जिले में आज कोराना के सक्रिय मरीज नहीं तथा 12 जिलों में 01 से 13 के मध्य कोरोना सक्रिय मरीजों की संख्या रही।
गौरतलब है की प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 11 लाख 52 हजार 370 है। छत्तीसगढ़ में अब तक 11 लाख 38 हजार 300 मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए मरीज मिलने और डिस्चार्ज होने के बाद अब सक्रिय मरीजों की संख्या 36 हो गई है।
देखिए जिलेवार आंकड़ा :
3 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की आज पहचान हुई वहीं 1 मरीज़ स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड हुए। #ChhattisgarhFightsCorona@TS_SinghDeo @ChhattisgarhCMO @VinodSevanLal pic.twitter.com/p73nT87nfH
— Health Department CG (@HealthCgGov) May 21, 2022


राज्य एवं शहर
छत्तीसगढ़ : परसा कोल ब्लॉक के विरोध में सड़क पर उतरे ग्रामीण, NH 6 घंटे जाम, रेलवे ट्रैक पर बैठने से कोयला परिवहन भी ठप


रायपुर : छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में राजस्थान को परसा कोल ब्लॉक आबंटन का विरोध तेज हो गया है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आह्वान पर प्रदेशभर के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण सड़क पर उतर आए। आक्रोशित लोगों ने करीब 6 घंटे तक अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। सालही के समीप कोयला परिवहन के लिए बिछाए गए रेलवे ट्रैक में बैठ गए, जिससे कोल परिवहन ठप हो गया।
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आंदोलन में पहुंचे पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में रुढ़ि प्रथा प्रभावशील होता है, लेकिन भूपेश सरकार ने ग्रामीणों की भावनाओं के विपरीत फर्जी ग्रामसभा कर परसा कोल ब्लॉक आवंटन को मंजूरी दी है। 1,250 हेक्टेयर जमीन इसके दायरे में आ रही हैं। इससे कई गांव के लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ेगा। लाखों पेड़ काटे जाएंगे। जल, जंगल, जमीन को बचाने ग्रामीण 2 मार्च से प्रभावित क्षेत्र के ग्राम हरिहरपुर में शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने में लगे हैं। परसा साइडिंग से रोज करीब 7 रैक कोल परिवहन होता है। शुक्रवार को आंदोलन के कारण 3 रैक कोल परिवहन नहीं हो सका।

रेलवे कर्मचारी ही फैलाते थे ट्रेन में बम की अफवाह, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
रेलवे ट्रैक और सड़क पर बैठे ग्रामीण
शासन द्वारा मांगों पर सुनवाई नहीं करने से आक्रोशित ग्रामीणों ने आम छत्तीसगढ़वासियों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि शुक्रवार का आंदोलन सांकेतिक है। यदि इसके बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा परसा कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द नहीं किया गया तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी सहभागिता रही। हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं। इससे 6 घंटे आवागमन पूरी तरीके से बाधित रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात रहा।
राहुल गांधी ने नहीं निभाया वादा
आंदोलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी, तब नजदीक के गांव मदनपुर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आए थे। उन्होंने वादा किया था कि वे हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लॉक आवंटन नहीं होने देंगे। यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसी भी कीमत पर जंगल उजड़ने नहीं दिया जाएगा। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी कोयला खनन के लिए फर्जी तरीके से अनुमति दे दी गई है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। (रिपोर्ट :मनोज कुमार)


राज्य एवं शहर
छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश आज राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर गोधन न्याय योजना के तहत जारी करेंगे 13 करोड़ 31 लाख रूपए


- गोधन न्याय योजना के तहत हो चुका है 237 करोड़ 11 लाख रूपए का भुगतान
- स्वावलंबी गौठान समितियों ने स्वयं की राशि से खरीदा 14.63 करोड़ रूपए का गोबर
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि 21 मई को रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 13 करोड़ 31 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 01 मई से से 15 मई तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.17 करोड़ रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को 4.35 करोड़ और महिला समूहों को 6.79 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
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यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत 30 अप्रैल तक गौठानों में क्रय किए गए गोबर की भुगतान राशि, गौठान समितियों एवं महिला समूहों को लाभांश के रूप में 237 करोड़ 11 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 21 मई को 13.31 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद राशि यह आंकड़ा बढ़कर 250 करोड़ 40 लाख रूपए हो जाएगा।

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 30 अप्रैल तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 138 करोड़ 56 लाख रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 21 मई को गोबर विक्रेताओं को 2.17 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 140.71 करोड़ रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों को भी अब तक 59.57 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 38.98 करोड़ रूपए राशि लाभांश की भुगतान किया जा चुका है। 21 मई को गौठान समितियों को 4.35 करोड़ तथा स्व-सहायता समूह को 6.79 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर क्रमशः 63.92 करोड़ एवं 45.77 करोड़ रूपए हो जाएगा।
गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। महिला समूहों द्वारा 14 लाख 46 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5 लाख एक हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 19 हजार 357 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर प्रदाय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं।
गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 65 करोड़ 40 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 12,013 महिला स्व सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 82725 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए एमओयू हो चुका है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जा रही हैं। प्रथम चरण में राज्य के 161 गौठानों में तेल मिल तथा 197 गौठानों में दाल मिल स्थापित किए जाने की कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया गया है। अब तक 41 गौठानों में तेल मिल एवं 100 गौठानों में दाल मिल की स्थापना की जा चुकी है।
राज्य में गोधन के संरक्षण और सर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध है। राज्य में अब तक 10,622 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 8397 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं, जिसमें से 3 हजार 89 गौठान आज की स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों में अब तक स्वयं की राशि से 14 करोड़ 63 लाख रूपए का गोबर क्रय किया है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.27 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से एक लाख 20 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।


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