Tuesday, March 19, 2024

CG : CM बघेल राजधानी रायपुर के रावणभाठा और डब्ल्यू.आर.एस. कॉलोनी के दशहरा उत्सव में हुए शामिल


छत्तीसगढ़ के प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है रावणभाठा का दशहरा उत्सव, भगवान श्रीराम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता – मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने रावणभाठा मैदान के सौन्दर्यीकरण के लिए एक करोड़ रूपए की राशि के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

रावणभाठा मैदान में लगभग 400 साल से मनाया जा रहा है दशहरा उत्सव


रायपुर : विजयादशमी के अवसर पर आज शाम रायपुर के डब्ल्यू.आर.एस. कालोनी में आयोजित दशहरा उत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रावण के पुतले का दहन किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं दी और सभी के जीवन में सुख, शांति एवं प्रेम के संचार की कामना की। उन्होंने कहा कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई का, असत्य पर सत्य का, अनीति पर नीति के विजय का पर्व है। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के माध्यम से रावण का पुतला इस बात का द्योतक है कि बुराई और अहंकार चाहे कितनी भी बड़ी और ऊंची हो उसका पतन अवश्य होता है। इसके पहले मुख्यमंत्री ने डब्ल्यूआरएस मैदान पहुंचकर धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल के साथ रामलीला में भगवान बने श्री राम और लक्ष्मण की तिलक लगाकर पूजा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है। दक्षिण कौशल राज्य की पुत्री से राजा दशरथ का विवाह हुआ और इससे उनके आंगन में भगवान राम का जन्म हुआ। वनवासी के रूप में भगवान राम ने लगभग 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए। इस कारण वे वनवासी राम हैं। उन्होंने यहां शिवरीनारायण में माता शबरी से जुठे बेर खाए। इस कारण वे शबरी के राम है और माता कौशल्या के कारण वे कौशल्या के राम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का जन मानस आज भी भांजे के रूप में भगवान श्री राम को देखता है और इसी कारण केवल छत्तीसगढ़ में मामा द्वारा भांजे की चरण स्पर्श करने की परंपरा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वयं भगवान श्री राम का जयकारा लगवाया।

छत्तीसगढ़ के प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है रावणभाठा का दशहरा उत्सव – मुख्यमंत्री बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति श्री दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित राजधानी रायपुर के रावणभाठा-टिकरापारा के दशहरा उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्री राम-लक्ष्मण और भगवान श्री बालाजी की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान रावणभाठा मैदान के सौन्दर्यीकरण तथा विकास के लिए स्वीकृत एक करोड़ रूपए की राशि के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दशहरा उत्सव में शामिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि श्री दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित यह उत्सव छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव में माना जाता है। इसके लिए उन्होंने संरक्षक राजेश्री महंत डॉ. रामसुन्दर दास तथा अध्यक्ष श्री मनोज वर्मा सहित पूरे आयोजन समिति की सराहना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है। यह पर्व हमें अपने अहंकार तथा बुराई को समाप्त कर अच्छाई तथा सत्य की राह पर चलने की सीख देता है। जब तक हमारे समाज, आस-पास तथा स्वयं में जो बुराई है वह समाप्त नहीं होगी तब तक हम और हमारा समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए समाज में अहंकार, बुराई तथा असत्य के प्रतीक रावण का नाश जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि रावणभाठा में आयोजित दशहरा उत्सव की छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन दशहरा उत्सव के रूप में विशिष्ट ख्याति और पहचान है। उन्होंने बताया कि राजधानी रायपुर में नागपुर के भोसले वंश के शासन काल से लगभग 400 वर्ष से अब तक यहां दशहरा उत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है। दशहरा उत्सव कार्यक्रम में खाद्य तथा संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, सांसद श्री सुनील सोनी, नगरपालिक निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर सहित पार्षद तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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