Friday, April 19, 2024

CG : बारिश से भीग गया खुले में रखा लाखों टन धान, CM के निर्देश के बाद लगाए गए हैं कैप कव्हर


रायपुर : पिछले 24 घंटे से प्रदेश के बड़े हिस्से में हो रही जोरदार बारिश से धान खरीदी केंद्रों में खुले में रखे 38 लाख टन धान को बड़े नुकसान की आशंका है। लगातार बारिश की वजह से बुधवार को सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि पूरे धान को तुरंत ढंका जाए और नुकसान का आंकलन किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा उपार्जन केन्द्रों में धान को बारिश से बचाने के लिए दिए गए निर्देशों पर त्वरित अमल किया जा रहा है। मौसम में हुए आकस्मिक परिवर्तन व वर्षा को दृष्टिगत रखते हुए, जिला कलेक्टरों के माध्यम से सभी उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण जिला स्तरीय अधिकारियों के द्वारा सतत् रूप से किया जा रहा है और धान के सुरक्षित रख-रखाव हेतु सभी आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं। धान को बारिश से बचाने के लिए कैप कव्हर लगाए गए हैं और पानी निकासी की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा धान को बचाने के लिए कैप कव्हर लगाने और उपार्जन केन्द्रों में पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। मार्कफेड, मुख्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम के माध्यम से भी सभी जिलों व अपैक्स बैंक से समन्वय कर धान के बेहतर व सुरक्षित रख-रखाव हेतु यथा-संभव समस्त आवश्यक प्रयास किये जा रहे हैं।

राज्य में धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व ही सभी सहकारी समितियों को उपार्जित धान के समुचित रख-रखाव तथा भण्डारण हेतु लगभग 65.86 करोड़ रूपये की धन-राशि जारी की जा चुकी है। समितियों को धान सुरक्षा एवं रख-रखाव मद में 2.00 रूपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 18.40 करोड़ रूपये की राशि का अग्रिम भुगतान किया जा चुका है, ताकि समितियों द्वारा धान के रख-रखाव व भण्डारण हेतु ड्रेनेज, प्लास्टिक बोरी एवं तारपोलिन आदि की पर्याप्त व समुचित व्यवस्था की जा सके। इसके अलावा समितियों को प्रासंगिक व्यय मद में 9.00 रूपये प्रति क्विंटल के मान से लगभग 47.46 करोड़ रूपये की राशि भी अब तक अंतरित की जा चुकी है। इस प्रकार समितियों को उपार्जित धान के समुचित व सुरक्षित रख-रखाव हेतु अब तक लगभग 65.86 करोड़ रूपये की पर्याप्त धन-राशि जारी की जा चुकी है।

प्रदेश में 1 दिसंबर से अब तक 52.90 लाख टन धान खरीदा गया है, जिसमें से 15 लाख टन धान ही कस्टम मिलिंग और अन्य कारणों से हटाया जा सका है। प्रदेशभर के 2484 खरीदी केंद्रों में बाकी 38 लाख टन धान रखा है, जिसमें से ज्यादातर खुले में ही है। थोड़ा हिस्सा ही तिरपाल से ढंका हुआ है, लेकिन केंद्रों में पानी भरने से नीचे के बोरों से नमी ऊपर तक आने का खतरा पैदा हो गया है।

 

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नाराजगी: जिला विपणन अधिकारी को नोटिस
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मंदिरहसौद, जरौज, नारा, गोढ़ी, दोंदेकला, बंगोली और आरंग के धान खरीदी केन्द्रों का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें धान बारिश में भींगते नजर आया। मंत्री के नाराजगी के बाद 6 समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया। जिला विपणन अधिकारी को नोटिस जारी किया गया।

अलर्ट: चबूतरे-कैप कवर से बचाने की कोशिश
खरीदी केंद्रों में धान को भीगने से बचाने के लिए 2399 केन्द्रों में लगभग 4500 से ज्यादा चबूतरे बनाए जा चुके हैं। लेकिन इन्हें ढकने के लिए कैप कवर सभी केंद्रों में नहीं पहुंच पाए हैं और अचानक बारिश हो गई है। इस वजह से हजारों टन खुला धान खतरे में आ गया है।

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