रायपुर : स्कूल शिक्षा विभाग में अब डीईओ के कामकाज पर रोज नजर रखी जाएगी। इसके लिए एक फार्मेट बनाया गया है। इसमें बताया जाएगा कि उन्होंने आज क्या-क्या प्राथमिकता के काम किए। इसके आधार पर ही उन्हें रोज ग्रेडिंग भी मिलेगी। ढीले-ढाले डीईओ हटा दिए जाएंगे। शनिवार को कोरबा, पेंड्रा-गौरेला-मारवाही व सक्ती के डीईओ के कार्य कसौटी पर खरे नहीं उतरने पर फटकार झेलनी पड़ी।
जब कोरबा व पेंड्रा के अफसरों ने जिला प्रशासन पर जिम्मदारी थोपी, तो शिक्षा सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने तत्काल इन जिलों के कलेक्टरों से फोन पर ही बात की। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों के भवन बनाने के लिए जमीन जल्द तलाशी जाएंगी। 15 दिसंबर तक अधूरी बिल्डिंगें पूरी करनी होगी। दरअसल पीएस डॉ. आलोक शुक्ला व सचिव डॉ. सिंह वीसी के जरिए विभाग के कामों की जिलों से थाह ले रहे थे। अब डीईओ को स्पष्ट कर दिया गया है कि आत्मानंद स्कूलों की सफलता ही डीईओ का भविष्य तय करेंगे। इन स्कूलों में शिक्षकों व गैर शिक्षकों के खाली पद भी जल्दी भरे जाएंगे। जिले में उम्मीदवार न मिलने पर पड़ोसी जिलों से शिक्षित व ट्रेंड बेरोजगारों को मौका दिया जाएगा। इसी सत्र से प्रारंभ होने वाले हिंदी माध्यम के उत्कृष्ट विद्यालय की जानकारी भी मांगी गई है। बैठक में एससीईआरटी संचालक राजेश सिंह राणा, डॉ. योगेश शिवहरे, आशुतोष चावरे, उमेश साहू मौजूद थे।
खास बातें –
- समस्या होने पर डीईओ से सीधे प्रमुख सचिव, सचिव एवं कलेक्टर से बात करेंगे।
- विभाग के उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों की होगी प्रतिदिन मॉनिटरिंग।
- डीईओ की कार्य क्षमता का आंकलन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों से।
- विभाग के बनाए सॉफ्टवेयर का उपयोग अब अनिवार्य।
- अब प्रशासनिक व अकादमिक मॉनिटरिंग दोनों होगी समान रुप से।
- सॉफ्टवेयर में नियमित एंट्री की जाएगी।