राजनीति
छत्तीसगढ़ : बीरगांव नगर निगम में कांग्रेस की सरकार, नंदलाल देवांगन बने महापौर, कृपाराम निषाद चुने गए सभापति


रायपुर : बीरगांव नगर निगम में महापौर पद के लिए हुए वोटिंग में कांग्रेस उम्मीदवार नंदलाल देवांगन ने बाजी मारी है। उन्होंने बीजेपी के पतिराम साहू को हाराया है। इस जीत के साथ अब नंदलाल देवांगन नए मेयर होंगे। महापौर चुनाव खत्म होने के बाद अब सभापति के लिए वोटिंग होगी।
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जानकारी के अनुसार महापौर कांग्रेस को यहां 40 में से 25 वोट मिले यानी 25 पार्षदों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया। इसमें 6 निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं। वहीं बीजेपी प्रत्याशी को महज 15 वोट ही मिले हैं। 3 निर्दलीय पार्षद पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके थे। बाद में अन्य तीन ने भी कांग्रेस को समर्थन कर दिया।

सभापति पद पर भी कांग्रेस का कब्जा
वहीं सभापति पद पर भी कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। कांग्रेस के सभापति पद के उम्मीदवार कृपाराम निषाद ने जेसीसीजे के एवज देवांगन को हरा दिया है। बीजेपी के समर्थन के बावजूद एवज के पक्ष में केवल 14 वोट पड़े। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 26 वोट मिले। सभापति चुनाव में बीजेपी या जोगी कांग्रेस के किसी पार्षद ने क्रॉस वोटिंग की है।



राजनीति
छत्तीसगढ़ में भाजपा का जेल भरो आंदोलन जारी, रायपुर में बृजमोहन अग्रवाल सहित 2000 कार्यकर्ता गिरफ्तार ; अन्य जिलों में भी जारी है प्रदर्शन


रायपुर : छत्तीसगढ़ में धरना-प्रदर्शन को लेकर जारी सरकारी आदेश के को लेकर BJP ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने सोमवार को प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन की शुरुआत की। रायपुर में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। कालीबाड़ी से मुख्यमंत्री आवास जाने के लिए मार्च शुरू किया।
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रायपुर में करीब दो घंटे से चल रहे प्रदर्शन के बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित करीब 2000 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। बृजमोहन काले गुब्बारे लेकर सेंट्रल जेल परिसर में बैठे हुए हैं। वहीं जांजगीर में कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ रहे भाजपाइयों ने बैरिकेड तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। रायगढ़ में भी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। बिलासपुर और दुर्ग में भी प्रदर्शन जारी है।
प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड लगाए। इसके बाद भी वह पुलिस को चकमा देकर नारेबाजी करते हुए घड़ी चौक तक पहुंच गए। पुलिस वहां उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए। इसे लेकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हंगामा होने लगा। भाजपाई काला कानून वापस लो जैसे नारे लगाने लगे।
वहीं पुलिस बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रही। इस दौरान एसआरपी चौक के पास आंदोलन करते हुए कई बीजेपी नेता गिरफ्तार किए गए। इनमें श्रीचंद सुंदरानी, पवन साय, नवीन मार्कंडेय, दीपक महस्के समेत सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता गिरफ्तार किए गए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित तमाम नेता जेल भरो आंदोन का नेतृत्व कर रहे हैं।
बिलासपुर में बेरिकेड्स तोड़ा
बिलासपुर में जेल भरो आंदोलन के तहत भाजपाइयों और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई। पुलिस ने भाजपाइयों को कलेक्ट्रेट से पहले रोक लिया। बताया जाता है कि एक BJP नेता की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार के बाद मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया जाएगा। जांजगीर में कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ रहे भाजपाइयों ने बेरिकेड्स तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
गरियाबंद में ‘तुगलकी फरमान’
गरियाबंद में भी जेल भरो आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन जारी है। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्वेता शर्मा आदि बीजेपी नेता मौजूद रहे। नगर के गांधी मैदान में धरना प्रदर्शन जारी है। पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि जनता की आवाज को दबाया जा रहा है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी गिरफ्तारी
गौरेला में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता जिला भाजपा कार्यालय में एकत्रित हुए और वहां से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने के लिए बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था की थी। कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। कलेक्ट्रेट से पहले ही सभी कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद उन्हें अस्थाई जेल ले जाया गया। इस दौरान भी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
जांजगीर में भाजपाइयों ने बैरिकेड तोड़ा, अस्थाई जेल ले जाए गए
जांजगीर में भाजपा नेताओं ने सरकारी आदेश को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। कचहरी चौक पर सैकड़ों की तादाद में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कार्यकर्ता बैरिकेड पर चढ़ गए और उसे तोड़ दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी गिर पड़े और उन्हें पैर में चोट आई है। इसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें बीडी महंत बालोद्यान में बनाए गए अस्थाई जेल लाया गया है।
रायगढ़ में महिला कार्यकर्ता बेहोश हुई
रायगढ़ में गांधी पुतला चौक स्थित भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ता एकत्र हुए। वहां से कलेक्ट्रेट के लिए बढ़े तो कंट्रोल रूम के पास बैरिकेड की दो स्तर पर रास्ता रोका गया था। हालांकि कार्यकर्ताओं ने उसे तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगो। इस दौरान दोनों ओर से जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस बीच दो महिला कार्यकर्ता बेहोश हो गईं। उन्हें पुलिसकर्मी प्राथमिक उपचार के लिए लेकर गए। बाकी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें बस में भरकर कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए गए अस्थाई जेल ले जाया गया।
इस फैसले का विरोध
पिछले दिनों गृह विभाग की तरफ से एक आदेश भी जारी किया गया। इसमें तमाम धरना, निजी, सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों, जुलूस, रैली, भूख हड़ताल जैसे कार्यक्रमों को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें प्रदेश के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देशित किया गया। यह कहा गया है कि सभी सार्वजनिक आंदोलन, धरना प्रदर्शन, राजनीतिक कार्यक्रम वगैरह अब जिला प्रशासन से बिना अनुमति के आयोजित नहीं किए जा सकेंगे। सरकार के इसी फैसले का विरोध भाजपा कर रही है।


राजनीति
छत्तीसगढ़ : दुर्ग में आपस में भिड़े भाजपा नेता, सांसद विजय बघेल के बयान पर भड़के प्रदेश समिति सदस्य राकेश पांडेय


दुर्ग : दुर्ग जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी फूट शनिवार को सबके सामने आ गई। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के सामने ही दुर्ग सांसद विजय बघेल और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय के बीच वाद विवाद शुरू हो गया। सांसद बघेल ने संगठन की मजबूती को लेकर अपनी बात रखी तो राकेश पांडेय ने इसे संगठन और कार्यकर्ताओं का अपमान बता डाला। राकेश ने सांसद को यहां तक कह डाला कि संगठन बढ़िया काम कर रहा है नसीहत न दें।
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दरअसल, 16 मई को भाजपा प्रदेश सरकार के खिलाफ जेल भरो आंदोलन कर रही है। इसे लेकर प्रदेश के संगठन महामंत्री पवन साय ने दुर्ग में भाजपा की एक बैठक बुलाई थी। बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद हुए थे। संगठन महामंत्री पवन साय के बाद सांसद विजय बघेल ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को चार्ज करने की नीयत से काफी बातें कहीं। सांसद बघेल ने कहा कि संगठन को मजबूत होना पड़ेगा। अब सोनार नहीं, लोहार की तरह काम करना होगा।

सांसद बघेल ने कहा कि दुर्ग-भिलाई में संगठन की सक्रियता पर सवाल उठते हैं। प्रदर्शन में कुछ लोग मौजूद होते हैं। अब इसकी संख्या बढ़ानी होगी। 2003 में भाजपा का संगठन ज्यादा मजबूत था।उस समय कोई आंदोलन होता था तो कार्यकर्ताओं की भीड़ देखते बनती थी। आज वो बात नहीं है।
दुर्ग सांसद की ये बात सुनते ही भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य राकेश पांडेय भड़क गए। उन्होंने माइक अपने हाथ में लिया और कहा कि, बार-बार संगठन के कार्य और कार्यकर्ताओं पर प्रश्न चिन्ह लगाना कार्यकर्ता एवं संगठन का अपमान है। हमें इससे बचना चाहिये। संगठन सर्वोपरि है संगठन से ऊपर कुछ भी नहीं है। उन्होंने सांसद को यहां तक कह दिया संगठन बढ़िया कार्य कर रहा है, इस पर नसीहत न दें।
सांसद के बयान से पदाधिकारी भी नाराज
बैठक के दौरान दुर्ग सांसद के बयान की काफी किरकिरी हुई। भाजपा के जिलाध्यक्ष विरेंद्र साहू ने कहा कि पीड़ा महसूस होती है उनके लगातार ऐसे बर्ताव से। भाजपा नेता चंद्रिका चंद्राकर ने कहा जब जब भी बैठक हुई उन्होंने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया है। प्रदेश मंत्री ऊषा टावरी ने कहा, संगठन की अवहेलना क़तई बर्दाश्त नहीं होगी। पूर्व विधायक सांवला राम डहरे ने कहा, कार्यकर्ताओं को बार बार कठघरे में खड़ा करना उचित नहीं है। सांसद के बयान के विरोध में संगठन के पदाधिकारियों ने रोष जताते हुए कहा कि हम अपना संसाधन लगाकर व संगठन मे अपना समय लगा कर काम करते हैं। इसी का परिणाम है कि 15 वर्षों तक भाजपा सत्ता में रही। पूरी निष्ठा से सभी कार्यकर्ता संघठन का कार्य करते हैं, उनकी निष्ठा पर इस तरह प्रश्न चिन्ह लगाना सही नहीं है।


देश-विदेश
चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने दिए बड़े संकेत, : अब तत्काल बदलाव की जरूरत है…, शिविर से क्या लेकर लौटेंगे कांग्रेसी ; CM बघेल भी शामिल


उदयपुर : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उदयपुर के चिंतन शिविर में अपने उद्घाटन भाषण में ही बड़े बदलावों के संकेत दे दिए हैं। सोनिया गांधी ने साफ कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और ऐसे समय में लोगों को कांग्रेस से बड़ी उम्मीद हैं। लेकिन पिछली नाकामयाबियों से आगे बढ़ने के लिए तत्काल कुछ ढांचागत बदलाव करने और काम करने के तरीके में अंतर लाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने नेताओं से आह्वान किया कि आप लोग यहां कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं और खूब सुझाव दीजिए, लेकिन बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए कि हम संगठन के तौर पर एक हैं। इस तरह सोनिया गांधी ने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस में बदलावों के लिए तत्पर हैं।
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एक तरफ उन्होंने बाहर संगठन के तौर पर ही पेश आने की नसीहत देकर बागियों के लिए लक्ष्मण रेखा खींच दी है। इसके अलावा बदलाव की जरूरक बताकर उन्होंने साफ कर दिया कि संगठन में आमूलचूल परिवर्तन होने वाला है। सोनिया गांधी ने अपने संबोधन से कांग्रेसियों में जोश भरते हुए कहा कि पार्टी ने हम सभी लोगों को बहुत कुछ दिया है और अब हमारी बारी है कि उसका कर्ज लौटाएं। इस तरह सोनिया गांधी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब वह नई कांग्रेस बनाने के लिए तत्पर हैं। दरअसल बीते कई सालों से कांग्रेस में कुछ असंतुष्ट नेता बदलाव की मांग करते रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में पीके से बातचीत के दौरान भी बदलाव के रोडमैप पर आगे बढ़ने की बात हुई थी। हालांकि पीके ने कांग्रेस जॉइन करने का ऑफर ठुकरा दिया था।

सोनिया गांधी के भाषण ने तय किया सुधार का रोडमैप
तब कांग्रेस का कहना था कि हमारे पास बदलाव के लिए जरूरी ताकत और नेतृत्व दोनों हैं। अब सोनिया गांधी के भाषण से साफ था कि वह इस दिशा में बदलाव की ओर बढ़ना चाहती हैं। गौरतलब है कि चिंतन शिविर की शुरुआत से पहले ही मीडिया से बात करते हुए अजय माकन ने कुछ बदलावों का ऐलान किया था। उनका कहना था कि अब कांग्रेस का टिकट लेने के लिए यह जरूरी होगा कि वह व्यक्ति कम से कम 5 साल पार्टी के लिए काम कर चुका हो। हालांकि परिवार का कोई और सदस्य यदि इस शर्त को पूरी करता हो तो उसे छूट रहेगी।

राहुल गांधी और अशोक गहलोत
पार्टी के सुधार के लिए क्या संकल्प लेकर लौटेंगे कांग्रेसी
इसके अलावा 50 साल से कम आयु के लोगों के लिए पार्टी के आधे पद रिजर्व रखे जाएंगे। इसके जरिए पार्टी अनुभव और युवा जोश का संतुलन बनाने का प्रयास करेगी। यही नहीं एक फैमिली एक टिकट का फॉर्मूला भी लागू किया गया है। वहीं एक बार पार्टी के पद पर रहने के बाद 3 साल का कूलिंग ऑफ पीरियड भी होगा ताकि अन्य लोगों को मौका मिल सके। सबसे अहम प्रस्ताव यह है कि अल्पसंख्यकों, दलितों एवं ओबीसी वर्गों के नेताओं के लिए 50 फीसदी का आरक्षण तय किया जाए। ऐसे में साफ है कि चिंतन शिविर के समापन पर कांग्रेसी पार्टी के प्रदर्शन में सुधार का कोई संकल्प लेंगे।


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