Friday, March 29, 2024

CG : तीजा-पोरा तिहार के लिए महिलाओं-बहनों के लिए मायका बना CM बघेल का निवास, सभी महिला समूहों के कालातीत ऋण होंगे माफ़


Highlights

  • मुख्यमंत्री के न्यौते पर पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं में उत्साह के लिए आयोजन में हिस्सा
  • मुख्यमंत्री निवास बिखरी छत्तीसगढ़ी संस्कृति के इंद्रधनुषी छटा
  • धूम-धाम-हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया तीज-पोरा तिहार
  • महिला समूहों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में 5 गुना वृद्धि की जाएगी
  • मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की अभिनव पहल

रायपुर : मुख्यमंत्री निवास में आज तीजा पोरा तिहार धूमधाम से मनाया गया। तीजा-पोरा तिहार के लिए महिलाओं-बहनों के लिए मायका बना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का निवास। मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ी संस्कृति के इंद्रधनुषी रंगों की छटा देखते ही बन रही थी। मुख्यमंत्री के न्यौते पर पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ आयोजन में हिस्सा लिया।

मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ कार्यक्रम में शामिल होकर भगवान शिव, नांदिया बैला और चुकियां-पोरा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर सभी माताओं और बहनों को त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी। राऊत नाच दल और छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों के दल ने छत्तीसगढ़ी गीत संगीत से अनोखा शमां बंधा। मुख्यमंत्री निवास में लोगों के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी।

महिला समूहों के कालातीत ऋण माफ़

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास में आयोजित तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को दी बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने सभी महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ़ करने की घोषणा की है ताकि वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियाँ आरम्भ कर सकें। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही महिला समूहों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना वृद्धि की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की पहल करते हुए घोषणा पत्र का अपना एक और वादा पूरा कर दिया है।

राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार के आने के बाद महिला समूहों की आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे लाखों महिलाओं की आय वृद्धि से आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अधिक से अधिक महिलाओं में आत्म निर्भरता की ललक बढ़ी है। राज्यसभा सांसद वहीं विगत वर्षों में महिला समूहों द्वारा लिए गए ऋणों को कतिपय कारणों से न पटा पाने के करण लगभग एक लाख महिलाएँ नया लोन पाने से अपात्र हो गयी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि यदि पूर्व के कालातीत ऋणों को माफ़ कर दिया जाए तो उन्हें भी ऋण प्राप्त हो सकेगा तथा वे नए सिरे से आर्थिक गतिविधियाँ संचालित कर सकती हैं। श्रीमती नेताम ने यह भी कहा कि वर्तमान में महिला बाल विकास के माध्यम से प्रति वर्ष महिला समूहों को दिए जाने वाले ऋण के बजट की राशि बहुत कम है जिसके कारण बहुत कम महिला समूहों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। अनुरोध है प्रति वर्ष महिला समूहों को दिए जाने वाली ऋण राशि का बजट दो गुना कर दिया जाए ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को आय वृद्धि का अवसर मिल सके। श्रीमती नेताम के अनुरोध पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समूह की महिला बहनों को यह सौगात दी है।

स्वास्थ्य एवं पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, महिला एवं बाल विकासमंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती रश्मि सिंह, सुश्री शकुंतला साहू, श्री विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विधायक श्री अरुण वोरा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्री मोहितराम केरकेट्टा, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुश्री अलका लांबा, डॉ. रागिनी नायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

तीजा-पोरा तिहार कार्यक्रम के लिए पूरे मुख्यमंत्री निवास की पारम्परिक रूप में भव्य सजावट की गई है । कार्यक्रम प्रांगण को तीजा-पोरा पर्व सहित छत्तीसगढ़ी ग्रामीण संस्कृति और जन-जीवन के प्रतीकों से सुसज्जित किया गया है। कार्यक्रम स्थल के 3 द्वार बनाये गए हैं । मुख्य द्वार को पोरा पर्व के पारंपरिक नांदिया बैला से सजाया गया है। मुख्य द्वार के सामने पारम्परिक झूले- रईचुल, बैला-गाड़ी, बस्तर जनजातीय आर्ट और छत्तीसगढ़ी जन-जीवन से जुड़े चित्रों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया है। मध्य द्वार को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, इसे पोरा पर्व से जुड़े पारम्परिक बर्तनों से बनाया गया है । मध्य और तीसरे द्वार के बीच की गैलरी को रंग-बिरंगे मटकों और रंगीन टोकनी के द्वारा आकर्षक कलेवर दिया गया है ।

तीसरे द्वार की सजावट पर सरगुजा अंचल की संस्कृति की छाप है। मुख्य प्रांगण में एक खेल जोन  बनाया गया है जहां फुगड़ी, चम्मच दौड़, जलेबी दौड़, कबड्डी, बोरा दौड़ आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई। महिलाओं ने पूरे उत्साह से तीजा-पोरा तिहार मनाया। प्रांगण के पश्चिमी हिस्से में विशेष सेल्फी ज़ोन भी बनाया गया है, जहां छत्तीसगढ़ी ग्रामीण संस्कृति से जुड़े पारम्परिक बर्तन और रसोई के सामान जैसे मथनी, लकड़ी चूल्हा, धान कूटने की ढेकी, मूसर, जाँता, धान नापने का काठा, सिल-पट्टा, खलबट्टा, सूपा, बैल गाड़ी का चक्का, झूला,  मिट्टी के बैल आदि को प्रदर्शित किया है और दीवार पर ग्रामीण संस्कृति से जुड़े नयनाभिराम चित्रों को उकेरा गया है ।
प्रांगण के पूर्वी हिस्से में  छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश को दर्शाते एक मिट्टी के घर निर्माण किया गया है। इस घर की साज-सज्जा में पोरा से जुड़े विभिन्न प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है। घर के द्वार पर तुलसी चौरा और नन्दी बनाये गए हैं और पोरा पर्व तथा ग्रामीण जीवन मे उपयोग में आने वाले बर्तन व अन्य वस्तुओं जैसे पोरा, कढ़ाही, सुराही, बेलन-चौकी, ढकना, बाल्टी, चूल्हा आदि के मिट्टी के छोटे प्रतीकों सहित लकड़ी के नागर, बैल गाड़ी का चक्का और झाड़ू रखे हैं। ग्रामीण परिवेश से सुसज्जित इस घर की खिड़की में भी सेल्फी ज़ोन बनाया गया है। घर के बगल में मंदिर निर्मित किया गया है जहां महिलाएं शिवलिंग की पूजा करेंगी। प्रांगण में अनाज नापने के एक विशाल तराजू भी प्रदर्शित है और रईचुल झूला और गोल झूला की व्यवस्था की गई।

spot_img

AAJ TAK LIVE

ABP LIVE

ZEE NEWS LIVE

अन्य खबरे
Advertisements
यह भी पढ़े
Live Scores
Rashifal
Panchang