नई दिल्ली. सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) बुलाया गया है. इस सत्र को लेकर राजनीतिक गलियारे में बयानबाजी का दौर जारी है. संसद के इस विशेष सत्र में सरकार कौन सा बिल लाएगी, क्या करेगी इस पर बहस छिड़ चुकी है. इतना ही नहीं बहस इंडिया और भारत शब्द को लेकर भी छिड़ चुकी है. दरअसल जी 20 शिखर सम्मेलन में आए अतिथियों को रात्रिभोज का निमंत्रण ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम से भेजे जानें को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी पार्टी का गठबंधन ‘INDIA’ बन जाता है तो भाजपा देश का नाम बदल देगी?
‘ये देश के साथ गद्दारी है’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल नेबीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर किसी पार्टी का गठबंधन ‘INDIA’ बन जाता है तो वे (भाजपा) देश का नाम बदल देंगे? देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं. अगर कल INDIA गठबंधन का नाम बदलकर भारत रख लिया जाता तो क्या वे (भाजपा) भारत का नाम भी बदल देंगे? भाजपा के वोट कम ना हो जाएं इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं. यह देश के साथ गद्दारी है.”
‘खबर तो सच है’
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विट करते हुए लिखा- “तो ये खबर वाकई सच है. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘इंडिया के राष्ट्रपति’ के बजाय ‘भारत के राष्ट्रपति’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है. अब, संविधान में अनुच्छेद 1 पढ़ सकता है: “भारत, जो भारत था, राज्यों का एक संघ होगा. लेकिन अब इस “राज्यों के संघ” पर भी हमला हो रहा है.”
हाल ही में RSS चीफ मोहन भागवत ने ‘INDIA’ की जगह भारत शब्द का ही इस्तेमाल करने की वकालत करते हुए कहा था कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत है, इंडिया नहीं.