Friday, March 29, 2024

छत्तीसगढ़ : बिलासपुर में कोरोना के इलाज का ऐसा अंधविश्वास, युवकों ने महुआ शराब में होम्योपैथिक सिरप मिलाकर पी लिया, 8 युवकों की मौत​​​​​​​ 5 युवक अस्पताल में एडमिट

बिलासपुर : कोरोना संक्रमण के बीच छत्तीसगढ़ में लगे लॉकडाउन के दौरान नशे की लत और अज्ञानता सिर पर चढ़ने लगी है। बिलासपुर के सिरगिट्टी में महुआ शराब में होम्योपैथिक कफ सिरप मिलाकर पीने से 8 युवकों की मौत हो गई। इनमें से 4 युवकों की मौत कल सुबह हुई जबकि 4 अन्य ने बाद में दम तोड़ा। बस्ती के 5 और युवक इस समय CIMS में भर्ती हैं। खास बात यह है कि परिजन ने संक्रमित समझकर गांव में ही 4 शवों का अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस को घटना का पता बुधवार देर रात चला।

सिरगिट्‌टी क्षेत्र के ग्राम कोरमी,धुरीपारा निवासी कमलेश धुरी (32), अक्षय धुरी (21), राजेश धुरी (21), समारू धुरी (25), खेमचंद धुरी (40 ) और कैलाश धुरी (50) सहित कई युवक पिछले कुछ दिन से नशे के लिए कफ सिरप पी रहे थे। इस दौरान युवकों ने महुआ शराब में नशा बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक कफ सीरप मिला लिया। शराब पीने के बाद सभी अपने-अपने घर चले गए। रात में ही इनकी तबीयत बिगड़ गई। सभी को उल्टियां होने लगी। कफ सीरप पी रहे थे। मंगलवार शाम को भी इन लोगों ने होम्योपैथिक कफ सिरप की बोतलें लाईं थीं और अलग-अलग समूह में उससे ही नशा कर रहे थे। बताया जा रहा है कि गांव के करीब 20-25 युवक इस तरह से सिरप में पानी मिलाकर या महुआ-कच्ची शराब मिलाकर पी रहे थे। मंगलवार रात इन युवकों में से 8 को उल्टियां होनी शुरू हुई और बुधवार सुबह तक 4 युवकों ने दम तोड़ दिया। बुधवार और दूसरों युवकों की भी हालत खराब हो गई जिन्हें सिम्स और फिर अपोलो में दाखिल कराया गया। जहां बुधवार रात को सिम्स में दो युवकों की, अपोलो में एक युवक की और गांव में एक और युवक की मौत हो गई। 5 युवक अभी भी सिम्स में गंभीर हालत में दाखिल हैं।

देर रात दो युवकों ने दम तोड़ा, दोपहर में 2 अन्य की मौत

परिजनों ने पूछा तो युवकों ने शराब पीकर आने की बात बताई। इसके चलते उल्टियां होने पर परिजनों ने भी ध्यान नहीं दिया। इसी में देर रात कमलेश और राजेश की मौत हो गई। बुधवार सुबह युवकों के शव देख परिवार के लोगों को उनके कोरोना संक्रमण के चलते मौत होने की आशंका हुई। इस पर परिजनों ने गांव में ही दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। उसी दोपहर में अक्षय और समारू ने भी दम तोड़ दिया और उनके परिजनों ने भी दाह संस्कार किया।

गांव में एक साथ 4 युवकों की मौत की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी

गांव में एक साथ चार युवकों की मौत की सूचना किसी ने सिरगिट्टी थाना पुलिस की दी। इस पर थाना प्रभारी देर रात टीम के साथ गांव पहुंच गए। वहां पूछताछ में युवकों के कफ सिरप पीने की जानकारी मिली। वहीं दो लोगों की तबीयत बिगड़ने की जानकारी भी गांव वालों ने दी। इस पर पुलिस ने गंभीर खेमचंद और कैलाश को CIMS में भर्ती कराया। कैलाश की हालत गंभीर होने के कारण उसे अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया है। बाद में 4 और युवकों की मौत हो गईं।

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची

घटना की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में धूमा चौक स्थित एक होम्योपैथिक क्लीनिक का नाम सामने आया है, जहां से युवक ड्रोसेरा नामक यह सीरप ला रहे थे। पुलिस ने 8 युवकों की मौत की पुष्टि की है। उधर स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैंप लगाकर धुरीपारा बस्ती के सभी लोगों की जांच शुरू कर दी है। कुछ युवक ऐेसे भी मिले हैं, जिन्होंने यह सीरप पिया था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ। पुलिस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाक्टर को हिरासत में लेने के लिए छापे मार रही है।

कोरोना की दवा बताकर पी रहे थे

गांव में पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है, कि पिछले कुछ दिनों से इस होम्योपैथिक सीरप को कोरोना की दवा बताकर युवक पी रहे थे। ग्रामीणों में भी यह चर्चा थी कि शराब और इस दवा से कोरोना का इलाज हो जाता है, इसलिए इसे पीने का जुनून हो गया था।

सीरप नहीं प्योर फार्म होगा दवा का- डाक्टर शुक्ला

होम्योपैथी के डाक्टर निशांत शुक्ला का कहना है कि युवकों ने जो पिया है वह सीरप फार्म में नहीं होगा, क्योंकि होम्योपैथी दवाओं का बेहद कम मात्रा महज कुछ बूंदें का प्रयोग होता है। सीरप में भी इतना अल्कोहल नहीं होता कि किसी की जान जाए। ऐसा तभी संभव है जब ड्रोसेरा का डायल्यूट फार्म युवकों को मिला होगा। उसमें 90 फीसदी से भी ज्यादा अल्कोहल होता है। ऐसा लिक्विड पीने से लीवर, इंस्टाइन, हार्ट पर बेहद असर होता है और मौत हो जाती है।

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