सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि युवा आबादी के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने से टीकाकरण केंद्रों पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर है. क्या होगा, जब युवा आबादी वैक्सीन सेंटर पर आएगी.
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे फेज पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि 1 मई से शुरू होने जा रहे वैक्सीनेशन के तीसरे फेज से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. ‘इंडिया टुडे’ से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि केंद्र ने वैक्सीन की उपलब्धता के बिना ही केंद्र ने 18 से 45 साल के लोगों को वैक्सीनेट करने का फैसला ले लिया.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि युवा आबादी के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने से टीकाकरण केंद्रों पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर है. उन्होंने ये भी कहा कि हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन भी नहीं हैं क्योंकि केंद्र ने अभी तक सप्लाई नहीं की है.
उन्होंने कहा, “केंद्र ने राज्यों को सीधे वैक्सीन कंपनियों से डोज खरीदने को कहा है. अभी इस वक्त सिर्फ दो कंपनियां हैं और हमने जो 50 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया है, वो हमें जुलाई तक मिलेगा.” सीएम ने कहा, “केंद्र को राज्यों से वैक्सीन की उपलब्धता के मुताबिक युवा आबादी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करना चाहिए था. लेकिन उन्होंने हमसे बिना बातचीत किए ही रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए. क्या होगा, जब युवा आबादी वैक्सीन सेंटर पर आएगी.” उन्होंने कहा कि केंद्र को 1 मई से युवा आबादी के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने की घोषणा नहीं करनी चाहिए थी.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “अभी 18 साल से ऊपर की आबादी के लिए वैक्सीनेशनल प्रोग्राम शुरू नहीं हो सकता, क्योंकि उनके लिए हमारे पास वैक्सीन ही नहीं है.” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है, लेकिन हमारी सरकार से बस इतनी गुजारिश है कि केंद्र हमें कितनी वैक्सीन सप्लाई करेगी और हमें कंपनियों से कितनी वैक्सीन खरीदनी होगी. लेकिन हमें अभी तक इसका जवाब नहीं मिला है.” उन्होंने ये भी कहा कि रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार की तरफ से किया जा रहा है. प्रधानमंत्री की फोटो डिस्प्ले होगी. इसलिए वैक्सीन का खर्च केंद्र सरकार को ही उठाना चाहिए.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वैक्सीनेशन के पहले और दूसरे फेज में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने के मामले में छत्तीसगढ़ टॉप पर था, लेकिन अब वैक्सीन नहीं होने से कई सेंटर बंद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों के आधार पर किस इलाके में पहले वैक्सीनेशन होना चाहिए, इसको तय करने का फैसला राज्य सरकारों के पास होना चाहिए, केंद्र के पास नहीं.
भूपेश बघेल से पहले महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी तीसरे फेज पर इसी तरह के सवाल खड़े कर चुके हैं.