Thursday, March 28, 2024

Chhattisgarh : CNT की खबर का असर ; दुर्ग सीएचएमओ ने डीआरएम रायपुर को पत्र लिख, आईसोलेशन कोच देने की मांग की

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा है। हालात यह है कि अस्पतालों में मरीज दाखिल करने के लिए बेड नहीं हैं। रेलवे प्रशासन के पास मरोदा यार्ड में 50 बोगियां में 400 आइसोलेशन बेड मौजूद है। इस खबर को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद अब दुर्ग CMHO ने DRM को पत्र लिखा हैं। पत्र में लिखकर आउसोलेशन कोच को देने की मांग की है। तर्क दिया है कि वर्तमान में रेलवे विभाग के अनेक अधिकारी और कर्मचारी जिले में रहते हैं। उनके परिवार और अन्य लोगों के बेहतर कोविड उपचार के लिए ऑक्सीजन बेड, रेलवे पैरामेडिकल स्टाफ के साथ आइसोलेशन कोच उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।

https://countrynewstoday.com/2021/04/16/covid-isolation-coaches-standing-in-the-durg-maroda-yard-have-been-closed-for-almost-11-months-not-a-single-patient-admitted-due-to-lack-of-paramedical-staff-and-doctors-could-not-operate/

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के मरोदा रेलवे यार्ड में पिछले करीब एक साल से आइसोलेशन ट्रेन के डिब्बे खड़े-खड़े कबाड़ हो रहे हैं। रायपुर और बिलासपुर डिवीजन के अंतर्गत 105 डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदला गया था, जिसमें मरोदा यार्ड में 50 डिब्बों में 400 बेड बनाए गये थे। इनको बनाने में तकरीबन दो लाख रुपए प्रति कोच खर्च किए गए थे। दरअसल 400 बिस्तर तो हैं, लेकिन न तो डाक्टर हैं न पैरामेडिकल स्टाफ है। ऐसे और कोच बिलासपुर में भी खड़े हैं। इसके अलावा 56 कोच बिलासपुर, उमरिया व कलमीटार में खड़े हैं। रेलवे राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रही है पर सरकार ने इसका उपयोग करने आदेश ही जारी नहीं किया है।

निजी अस्पतालों से मिलेगा छुटकारा

जिले में निजी अस्पताल कोविड मरीजों से मोटी रकम एठने में लगे हैं। कोरोना संक्रमित ऑक्सीजन बेड और अलग से कमरे को लेकर मरीज परेशान हो रहे हैं। अगर इन 400 बेड का इस्तेमाल किया जाता है, तो आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। ऐसे समय के लिए ही रेलवे प्रशासन ने इन आइसोलेशन कोचों को बनाया था कि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल किया जा सके।

रेलवे प्रशासन के सामने समस्या

आइसोलेशन डिब्बों को लेकर रायपुर रेलवे मंडल के PRO शिव प्नसाद ने पहले ही बताया था कि हमारे सारे डिब्बे मरोदा यार्ड में सुरक्षित खड़े हैं, जिसमें सारी सुविधाएं हैं, जो कोरोना मरीज को दी जा सकती है। लेकिन इनको संचालित करने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ और डाॅक्टरों की जरूरत होगी। वो हमारे पास नहीं है।

आसोलेशन डिब्बों का हो सकता बेहतर इस्तेमाल

छत्तीसगढ़ में कोरोनावयरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा कर रखा है। कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस समय रेलवे के आइसोलेशन डिब्बों का इस्तेमाल राज्य सरकार कर सकती है। रायपुर के बाद सबसे ज्यादा कोरोना को लेकर हालात दुर्ग जिले में खराब है। इन डिब्बों को कोरोना मरीजों के इलाज करने के काम में लाया जा सकता है। अब फैसला करना राज्य सरकार के हाथ में है, वो किस तरह से आइसोलेशन डिब्बों का इस्तेमाल करती है।

दुर्ग प्रशासन ने पहले भी की थी पहल

जिला कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने पहले बताया था कि यह रेलवे की प्रॉपर्टी है। हमने अपनी तरफ से स्वास्थ्य सचिव को जानकारी दे दी है। रेलवे के पास आइसोलेशन के डिब्बे खाली हैं। अभी तक हमें कुछ भी निर्देश राज्य शासन की तरफ से नहीं मिले हैं। और एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे के आइसोलेटेट डिब्बों को बेहतर कोविड मरीजों के इलाज के लिए मांग की है।

https://countrynewstoday.com/2021/04/16/covid-isolation-coaches-standing-in-the-durg-maroda-yard-have-been-closed-for-almost-11-months-not-a-single-patient-admitted-due-to-lack-of-paramedical-staff-and-doctors-could-not-operate/

 

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