Saturday, April 20, 2024

छत्तीसगढ़ : अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व डिप्टी CM प्यारेलाल कंवर के बेटे, बहू और पोती की हत्या, 4 साल की मासूम को भी नहीं छोड़ा ; ट्रिपल मर्डर केस का मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत में, रिश्तेदार ने ही दिया वारदात को अंजाम ; गुनाह किया कुबूल

कोरबा : पूर्व डिप्टी सीएम के बेटे, बहू और पोती की हत्या मामले का मुख्य आरोपी पकड़ा गया है। हत्या का आरोपी मृतकों का रिश्तेदार बताया जा रहा है। आरोपी ने अपना जुर्म मान लिया है। आईजी रतनलाल डांगी ने इसकी पुष्टि की है। पारिवारिक विवाद में हत्या को अंजाम देना बताया जा रहा है। बता दें कि अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम प्यारेलाल कंवर के बेटे, बहू और पोती की धारदार हथियार से हत्या कर गई है। मृतकों में बेटा हरीश कंवर, बहू सुमित्रा कंवर और पोती आशी शामिल है। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है।पुलिस इस पूरी घटना का जल्द खुलासा कर सकती है।

छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से लगे हुए भैसमा में बुधवार सुबह करीब 4 बजे अविभाजित मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रहे स्व. प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, हरीश की पत्नी सुमित्रा कंवर और चार साल की बेटी आशी की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हरीश कंवर के बड़े भाई के साले और उसके दोस्त को हिरासत में ले लिया है। दोनों से पूछताछ जारी है। इनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोस्त के शरीर पर चोट के निशान भी हैं। सीसीटीवी फुटेज में भी ये दोनों दिखे थे। जब पुलिस इनके पास पहुंची तो ये शराब के नशे में थे। पुलिस अधिकारियों के शाम तक प्रेस कान्फ्रेंस कर मामले का खुलासा करने की उम्मीद है।

मां के सामने बेटे को मारा

घटना की जानकारी मिलते ही डॉग स्क्वाड के साथ पुलिस की टीम पहुंची हुई है। यह वारदात भैंसमा इलाके में रह रहे कंवर परिवार के घर पर हुई है। जानकारी के मुताबिक, कोरबा में कंवर परिवार अब भी सक्रिय तौर पर राजनीति से जुड़ा है। अब तक हुई जांच में पता चला है कि जब हमलावरों ने तीनों की जान ली तो हरीश की मां वहीं मौजूद थी। उसने अपनी आंखों से सब कुछ देखा, इसके बाद हमलावर भाग गए।

घटना स्थल पर जांच पड़ताल करती डॉग स्क्वायड की टीम।
घटना स्थल पर जांच पड़ताल करती डॉग स्क्वायड की टीम।

तीन लोग घुसे और सो रहे परिवार पर किए कई वार

पुलिस ने कंवर परिवार के मकान को घेर लिया है। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। लाशें अंदर ही पड़ीं हैं। अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि सुबह 4 बजे के आस-पास हरीश के भाई खेत चले गए थे। कुछ देर बाद मकान में तीन लोग घुस आए। इस वक्त हरीश] उनकी पत्नी और बेटी नींद में थे। हमलावरों ने चाकू और हंसिए जैसे हथियारों से तीनों पर कई वार किए, हरीश के चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर कटने के निशान हैं। चंद मिनटों में परिवार काे खत्म कर बदमाश भाग गए।

आछीमार गांव की ओर भागे हमलावर

सुबह जब ये वारदात हुई किसी ने बदमाशों को नहीं देखा। हरीश की बूढ़ी मां जीवन बाई उस वक्त घर पर ही थीं, चींखें सुनकर उठीं तब तक हत्यारे अपना काम कर चुके थे। उन्होंने जीवन बाई को कुछ नहीं किया। पुलिस की जांच टीम जब स्निफर डॉग के साथ आई तो डॉग घर के पास से निकली गली में गया और यहां से मेन रोड की तरफ गया। ये सड़क आछीमार गांव की ओर जाती है। पुलिस को शक है कि हमलावर इसी इलाके में भागे होंगे। जांच टीम अपने मुखबिरों का नेटवर्क एक्टिव कर हत्यारों का सुराग जुटाने के काम में लगी है।

मार्निंग वॉक पर निकला बड़ा भाई, तभी घुसे हमलावर

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि हरीश कंवर के बड़े भाई हरभजन रोज की तरह सुबह मार्निंग वॉक पर निकले थे। जाने से पहले उन्होंने दरवाजे को अटका दिया था। इसके बाद ही हमलावर बिना शोर मचाए और तोड़फोड़ किए आसानी से दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गए। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने वारदात से पहले रैकी की होगी। इसके कारण उन्हें इस बात की जानकारी थी।

कौन थे हरीश कंवर

अविभाजित मध्यप्रदेश में आदिवासी नेतृत्व का प्रमुख चेहरा थे स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर। कांग्रेस नेता प्यारेलाल कंवर कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते रहे। इस विधानसभा से वे और भारतीय जनता पार्टी के ननकीराम कंवर परंपरागत प्रतिद्वंदी रहे। प्यारेलाल कंवर को जातिगत समीकरणों के आधार पर सन 1997-1998 में मध्यप्रदेश का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था। इस समय दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बाद में प्यारेलाल कंवर को जबलपुर के मढ़ाताल भूमि घोटाले में पद से हटा दिया गया था। उसके बाद वे सिर्फ एक बार विधायक रहे और फिर राजनीति में हाशिए पर चले गए। हरीश कंवर उन्हीं के छोटे बेटे थे।

हरीश कंवर।
हरीश कंवर।

हरीश ने शुरुआती दिनों में कांग्रेस की राजनीति में सक्रियता दिखाई लेकिन उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिला। पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने के कारण हरीश अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चले गए। वहां भी वे कोई बड़ा पद या विधानसभा टिकट हासिल नहीं कर सके। जोगी के निधन के बाद हरीश राजनीति से पूरी तरह अलग हो गए थे और अपने परिवार सहित भैसमा जो उनका पैतृक गांव है वहीं खेती-किसानी करने लगे थे। हरीश की बहन हरेश कंवर अभी कोरबा जनपद अध्यक्ष हैं।

जांच पड़ताल में जुटी स्थानीय पुलिस की टीम।
जांच पड़ताल में जुटी स्थानीय पुलिस की टीम।

अमित जोगी ने कहा- मैं स्तब्ध हूं

जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने इस हत्याकांड की खबर सामने आते ही कहा कि कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र के भैंसमा गांव में मेरे छोटे भाई हरीश कंवर, उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा और बेटी आशी की दर्दनाक हत्या के समाचार से मैं स्तब्ध हूं। वे बेहद सीधे, सरल और सहज स्वभाव के धनी थे। हम दोनों ने एक साथ राजनीति में प्रवेश किया था। कुदुरमाल में सद्गुरू कबीर साहेब के ऐतिहासिक धरोहर को अवैध ब्लास्टिंग से बचाने और लेमरु में हाथी-उत्पात प्रभावितों की जान बचाने और उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के लिए उन्होंने सफल जनांदोलन किए थे।

वारदात की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे मंत्री जय सिंह अग्रवाल।
वारदात की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे मंत्री जय सिंह अग्रवाल।

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सहित कई नेता पहुंचे

सनसनीखेज वारदात की खबर मिलते ही अभी छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल समेत कई नेता भैसमा पहुंच गए। SP अभिषेक मीणा सहित कई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर हैं। जब प्यारेलाल कंवर अपनी राजनीतिक शीर्ष पर थे तो उन्होंने ही जयसिंंह को कांग्रेस की राजनीति में अवसर दिए थे। जयसिंह ने कहा है कि किसी भी कीमत पर इस वारदात का खुलासा होगा और हत्यारे पकड़े जाएंगे। उन्होंने प्यारेलाल कंवर की पत्नी से भी बात की।

एसपी बोले, आज ही कर देंगे खुलासा

एसपी अभिषेक मीणा का कहना है कि हमें महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, हम आज ही मामले का खुलासा कर देंगे। उन्होंने कहा कि हरीश जमीन खरीद बिक्री का काम भी करते थे। इस मामले से भी जोड़कर हम जांच पड़ताल कर रहे हैं।

घटना की सूचना के बाद जुटे स्थानीय लोग।
घटना की सूचना के बाद जुटे स्थानीय लोग।
घटनास्थल पर जांच पड़ताल करते एसपी।
घटनास्थल पर जांच पड़ताल करते एसपी।
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