Tuesday, April 16, 2024

छत्तीसगढ़ : अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के फैसले की तारीख बढ़ी, पुलिस ने खंगाली थी 1 करोड़ मोबाइल फोन डिटेल, स्मृति नगर में लाश दफनाने के बाद ऊपर उगा दी थी सब्जी

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए हाई प्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के फैसले की तारीख आगे बढ़ा दी गई हैं। अब 9 अप्रैल 2021 को फैसला आने की संभावना हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की कोर्ट में फैसला होना हैं। सीनियर वकील राजकुमार तिवारी ने बताया कि आज फैसले की तारीख दी गई थी। लेकिन अब इसे आगे बढाया गया हैं। 9 अप्रैल 2021 की तारीख दी गई हैं। तारीख आगे क्यों बढाई गई हैं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया हैं। नवंबर 2015 में अभिषेक मिश्रा की हत्या कर दी गई थी। 10 नवंबर 2015 की शाम शंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज के चेयरमैन IP मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ था।

(Left) अभिषेक मिश्रा (Right) आरोपी किम्सी जैन

किडनैपिंग की खबर ने पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी। पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। यही वजह थी कि पूरे देश के करीब एक करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगालने के बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर-10 निवासी विकास जैन के ऊपर आ टिक गई थी।

दुर्ग न्यायालय में अभिषेक मिश्रा हत्याकांड का फैसला कल आएगा।

करीब 45 दिन बाद मिली थी लाश

एक तरफ पुलिस कॉल डिटेल को आधार बनाकर जांच शुरू कर चुकी थी, वहीं दूसरी ओर किडनैपिग की घटना के करीब 45 दिन बाद आरोपी विकास जैन के चाचा अजीत जैन के स्मृति नगर निवास के बगीचे में अभिषेक की सड़ी गली लाश बरामद हुई। आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को दफना कर ऊपर फूल गोभी की सब्जियां उगा दी थी। पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लाॅकेट देखकर अभिषेक की लाश होने की पुष्टि की थी। लाश का DNA टेस्ट भी कराया गया था।

वारदात में तीन आरोपी हुए थे गिरफ्तार

मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अभिषेक के काॅलेज में पढ़ाने वाली प्रोफेसर किम्सी जैन, उसका पति विकास जैन और उसका चाचा अजीत शामिल था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लगातार इस मामले की जांच की गई और जांच पूरी होने के बाद दुर्ग न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। करीब 5 साल (2016) से ये मामला दुर्ग जिला न्यायालय में चल रहा था। अभियोजन पक्ष के सीनियर वकील राज कुमार तिवारी ने बताया कि फैसले की तारीख आ गई है। बचाव पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट बीपी सिंह और उमा भारती साहू ने भी अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले की तारीख सुरक्षित की है। कोर्ट 31 मार्च को हत्याकांड मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

क्या था मामला और क्यों की गई थी हत्या
पुलिस की थ्योरी में आया था कि आरोपी किम्सी जैन, अभिषेक मिश्रा के कालेज में काम करती थी। इसी दौरान दोनों करीब आए थे। साल 2013 में किम्सी ने विकास जैन से शादी कर ली और कालेज की नौकरी को छोड़ दी। लेकिन अभिषेक चाहता था कि उनका रिश्ता कायम रहे। वह लगातार किम्सी पर इसके लिए दबाव डाल रहा था। परेशान किम्सी ने पूरी बात अपने पति विकास को बताई। पति के मन में बदला लेने की भावना आ गई। इसके बाद किम्सी, उसका पति विकास और किम्सी के चाचा अजीत सिंह ने हत्या की साजिश रची थी।

अभिषेक मिश्रा को किम्सी ने चौहान टाउन स्थित घर पर 9 नवंबर 2015 बुलाया। घर पहुंचने के बाद किम्सी और अभिषेक के बीच विवाद हुआ। पहले से मौजूद विकास और अजीत ने अभिषेक के सिर पर पीछे से रॉड से वार किया, जिससे वह वहीं कमरे में गिर गया। फिर अभिषेक को किम्सी के चाचा अजीत सिंह जो किराये पर स्मृति नगर भिलाई में रहता था। उसको वहां ले जाकर पहले से किए गए 6 फीट गहरे गड्ढे में ले जाकर दफना दिया था।

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