Friday, March 29, 2024

संत गहिरा गुरू के तपस्थली श्रीकोट पहुंचे सीएम बघेल, उनके जीवन से जुड़े चार प्रमुख केन्द्रों के सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख की घोषणा

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के प्रवास के दौरान संत गहिरा गुरु की तपोभूमि कोट पहुंचकर सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कोट आश्रम परिसर में स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक तथा दुर्गा मंदिर में आरती व पूजा-अर्चना की। उन्होंने गहिरा गुरु मंदिर में उनकी पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत गहिरा गुरू के अनुयायी संत समाज प्रमुखों से भेंट की। उन्होंने आश्रम परम्परा के अनुरूप जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण किया। उन्होंने संत समाज के अनुयायियों की सभा को संबोधित कर गहिरा गुरू के विचारों को वर्तमान समय में भी प्रासंगिक और प्रभावी बताया। मुख्यमंत्री बघेल ने गहिरा गुरू के जीवन से जुड़े चार प्रमुख केन्द्रों के सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की।

”संत मिलन को जाइए तज मान मोह अभिमान, जस-जस पग आगे धरे कोटि यज्ञ समान” मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सन्त गहिरा गुरु के अनुयायी संत समाज के प्रमुखों से मुलाकात के दौरान उक्त दोहे का पाठ करते हुए संतो के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने गहिरा गुरु के विचारों तथा उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए कल्याणकारी कार्यांे को स्मरण करते हुए कहा कि इस पावन धरा पर आकर संतो से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। गुरु जी के विचार तथा मानवता के प्रति उनकी भावना अतुलनीय है। इस अवसर पर संत समाज के प्रमुखों ने संत गहिरा गुरु के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों के संरक्षण और सौन्दर्यीकरण कराए जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ के सभी संतो और गुरुओं के सम्मान तथा उनसे जुड़े स्थानों के संरक्षण के लिए संकल्पित है। उन्होंने समाज के प्रति संत गहिरा गुरु के अमूल्य योगदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनसे जुड़े समस्त स्थानों के संरक्षण और सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर आश्रम परिसर में परंपरा के अनुसार जमीन पर बैठकर बड़े चाव से भोजन ग्रहण किया। भोजन ग्रहण करने के पश्चात उन्होंने कहा कि आश्रम की जीवनशैली पुराने दिनों का स्मरण कराती है।

गहिरा गुरू के अनुयायियों को मुख्यमंत्री ने किया सम्बोधित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत गहिरा गुरु के अनुयायियों के लिए आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु जीवन में प्रकाश भरने का कार्य करते हैं तथा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। संत गहिरा गुरु ने हम सबको जीवन-जीना सिखाया। सनातन समाज की रक्षा तथा मानवता के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सत्य, शांति, दया, क्षमा जैसे विचारों का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाया तथा सामाजिक बुराईयों एवं कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। गहिरा गुरु के विचार केवल वनांचल के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण मानवता के लिए है। संतो से मिलने से मन को शांति मिलती है और मेरा सौभाग्य है कि यह अवसर मुझे बार-बार प्राप्त हो रहा है। गुरु जी ने अपने जीवन काल में जो महत्वपूर्ण कार्य किए हैं उनके विचारों की झलक हमारी सरकार के काम-काज में दिख रही है। गुरुजी ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालय खोलें तथा समाज से कुरीतियों को दूर किया। राज्य सरकार ने भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलें, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, खाद्य सुरक्षा, पशुधन की सेवा तथा गांव को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की जो भी मांगे हैं, उन्हें समय-समय पर पूरा किया गया है। सामरी सहित बलरामपुर क्षेत्र का विकास शासन की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत गहिरा गुरु के जीवन से जुड़े चार प्रमुख केन्द्रों के संरक्षण तथा सौंदर्यीकरण के लिए 10-10 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की है।

इस अवसर पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लोक, कला एवं सांस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने किसानों से किए वायदे और उनके हकों की रक्षा के लिए इस साल भी समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी तथा गोधन न्याय योजना को दुनिया में पहचान मिली है। किसानों, ग्रामीणों और आमजनों के हित में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किए जा रहे जनहितैषी कार्यों से सरकार के प्रति जनता का भरोसा बढ़ा है। संसदीय सचिव एवं सामरी विधायक चिन्तामणी महाराज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संत गहिरा गुरू की तपस्थली कोट आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिन विचारों को गुरूजी ने स्थापित किया था, आपने संत समाज की वेश-भूषा में आकर इन विचारों को दृढ़ता प्रदान की है। मुख्यमंत्री की सहृदयता ही है कि उन्होंने इस क्षेत्र की जनता के मांगों का सम्मान करते हुए अनेकों कार्य स्वीकृत किये हैं तथा आगे भी क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने हेतु आपके बीच आने का संकल्प दोहराया है। इस दौरान संसदीय सचिव चिन्तामणी महाराज तथा संत समाज के प्रमुखों द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

कार्यक्रम में सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह, सरगुजा कमिश्नर सु जी. किंडो, पुलिस महानिरीक्षक आर.पी. साय, कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, सीईओ जिला पंचायत तुलिका प्रजापति, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में संत गहिरा गुरू के अनुयायी उपस्थित थे।

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