Tuesday, March 19, 2024

किसान सम्मेलन और सम्मान समारोह के आयोजन में शामिल हुए CM, परिस्थितियाँ चाहें जैसी भी हों किसानों को खुशहाल बनाने के फैसले पर अडिग रहेंगे : बघेल


किसान सम्मेलन और सम्मान समारोह के आयोजन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील कृषकों, कृषि से जुड़े स्व-सहायता समूहों एवं संस्थानों को किया सम्मानित


  • “महात्मा गांधी के सपने के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव की हो रही स्थापना”
  • “छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़िया मिलकर कर रहे गौ-माता की सेवा”
  • “गाय, गोबर और स्वच्छता को हमने अर्थव्यवस्था से जोड़ा है”
  • “हमारी नीतियों की वजह से प्रदेश में डीएपी की कमी नहीं होगी”

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि परिस्थितियाँ चाहें जैसी भी हों छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों और ग्रामीणों के हित में लिए गए निर्णय पर अडिग रहेगी। छत्तीसगढ़ के किसानों, ग्रामीणों, आदिवासियों, महिलाओं सहित सभी वर्गों को खुशहाल और स्वावलंबी बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, बारदाने की आपूर्ति, कस्टम मिलिंग सहित कई अड़चनें केन्द्र सरकार द्वारा जानबूझकर पैदा की जा रही हैं, इसके बावजूद भी हम किसानों के हित पर आंच नहीं आने देंगे और राज्य में धान समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित किसान सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि, अभी कुछ दिन उनकी सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। यह सफर हमने छत्तीसगढ़ के हर वर्ग और समुदाय के लोगों के साथ मिलकर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार ने जनता का विश्वास जीता है। किसानों की ऋणमाफी, सिंचाई कर की माफी के साथ-साथ अपने वायदे के मुताबिक समर्थन मूल्य पर धान की लगातार खरीदी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में एक रुपए किलो में 65 लाख परिवारों को हर महीने 35 किलोग्राम चावल का वितरण किया जा रहा है। वहीं राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 25 सौ रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा के संग्रहण दर का भुगतान किया जा रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपए तेंदूपत्ता संग्राहकों को भुगतान किया जा रहा है। हमने लघुवनोपज की खरीदी भी 7 से बढ़ाकर 52 कर दी है, साथ ही इसका वैल्यू एडिशन भी किया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कृषक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने, फसल उत्पादकता बढ़ाने एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना में हमने खरीफ की सभी फसलों के साथ ही उद्यानिकी फसलों एवं वृक्षारोपण को भी शामिल किया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के किसानों को इस योजना के तहत तीन किश्त का भुगतान कर दिया गया है, चौथी किश्त का भुगतान मार्च तक कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दीपावली से ठीक पहले 1 नवंबर को तीसरी किश्त के रूप में किसानों को किए गए भुगतान का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों, ग्रामीणों, मजदूरों के साथ-साथ व्यापारियों की भी दीपावली अच्छी रही।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा धान खरीदी के लिए भारत सरकार से 5.25 लाख गठान बारदाने की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तक राज्य को एक लाख गठान बारदाने भी नहीं मिल पाए हैं। इसके बावजूद भी हमने धान खरीदी की शुरुआत की और बारदाने का इंतजाम हम किसान भाइयों, राइस मिलर्स एवं पीडीएस दुकानों के माध्यम से कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से इस साल केन्द्र सरकार ने उसना चावल लेने से इनकार कर दिया है। केन्द्र सरकार का यह फैसला छत्तीसगढ़ के किसानों, मिलर्स एवं मजदूरों के हक में सही नहीं है। इससे धान के निस्तारण में व्यवधान आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते साल हमने 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी, इस साल एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है जहां कोदो-कुटकी और रागी की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था हमने की है। राज्य सरकार द्वारा इसका समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कहना था कि हिंदुस्तान गांवों में बसता है। उनके ग्राम स्वराज के सपने के अनुरूप हम छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से सुराजी गांव की स्थापना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव में गौ-माता की सेवा और जतन के लिए 7777 गौठान स्थापित किए जा चुके हैं। इन गौठानों में 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। अब तक 57 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी कर हमने पशुपालक किसानों और ग्रामीणों को 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। गौठानों में गोबर से हमारी महिला समूह की बहनें वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट बना रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में डीएपी उर्वरक की कमी को लेकर हाहाकार मचा था, छत्तीसगढ़ राज्य को भी केन्द्र सरकार ने पर्याप्त डीएपी की सप्लाई नहीं की, डिमांड के अनुरूप केवल 70 प्रतिशत डीएपी ही छत्तीसगढ़ को मिल पायी, लेकिन इसकी कमी को हमने गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट से पूरा किया।

मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील कृषकों, कृषि से जुड़े स्व-सहायता समूहों एवं संस्थानों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान समिट एवं अवार्ड समारोह में राज्य के प्रगतिशील कृषकों एवं कृषि उत्पाद व व्यवसाय से जुड़े स्व-सहायता समूहों और संस्थाओं को उनके उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार राशि का चेक भेंटकर सम्मानित किया और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने समारोह में मोस्ट इनोवेटिव एप ई-हाट के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस.एस. सेगर, डॉ. आर.आर. सक्सेना और वैज्ञानिक श्री अभिजीत कौशिक को सम्मानित किया गया। बेस्ट फार्मिंग प्रोड्यूस के लिए धमतरी जिले के विकासखण्ड कुरूद के ग्राम धुमा के किसान श्री लीलाराम साहू, बेस्ट ऑर्गेनिक फार्मर के रूप में बेमेतरा जिले के विकासखण्ड बेरला के ग्राम खुड़मुड़ा के किसान श्री खेदु राम बंजारे, बेस्ट एग्रीकल्चर रिसर्च के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया – निदेशक विस्तार सेवाएं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय डॉ. आर.के. बाजपेयी, कृषि वैज्ञानिक बेमेतरा डॉ. आर.एस. राजपूत और कृषि वैज्ञानिक कोरिया श्री केशवचंद राजहंस को सम्मानित किया।

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