Friday, April 19, 2024

आरक्षण पर बढ़ा विवाद:राज्यपाल बोले- जवाबों का इंतजार, सीएम से बात भी करेंगे

छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच विवाद बढ़ने लगा है। राजभवन ने बुधवार को शासन को लिखे पत्र में आरक्षण विधेयक को लेकर 10 सवालों के जवाब मांग लिए हैं। राजभवन के इस कदम पर सीएम भूपेश ने कहा कि सभी सवालों के जवाब जल्द दे देंगे। राजभवन ने विभागों से सवाल पूछे हैं और विधेयक विधानसभा ने पारित किया है। क्या विधानसभा से विभाग बड़े हैं? इस मामले में देर शाम राज्यपाल डा. अनुसुइया उईके ने कहा कि सरकार से 10 बिंदुओं पर जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बातचीत कर लेंगे और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति तक जाएंगे। इधर, बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए गए 58 फीसदी आरक्षण की बहाली के लिए राज्य सरकार की याचिका पर शुक्रवार 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आरक्षण विधेयक को लेकर पूछे गए 10 सवालों के मामले में गुरुवार को मीडिया से कहा कि सरकार की ओर से जवाब आने के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बातचीत भी कर सकते हैं और राष्ट्रपति के पास भी जा सकते हैं।

इससे पहले, सीएम भूपेश ने कहा कि राज्यपाल की ओर से 10 सवाल भेजे गए हैं, इनके जवाब शासन के विभागों से मांगे गए हैं। जबकि आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से विधानसभा ने पारित किए हैं। क्या शासन के विभाग विधानसभा से बड़े हो गए हैं? सीएम ने कहा कि जहां तक चिट्ठी का सवाल है, राजभवन ने सवाल पूछे हैं, तो उसका जवाब भी दे देंगे।

सरकार की याचिका पर आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

बिलासपुर हाईकोर्ट ने 19 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में लागू 58 फीसदी आरक्षण की सीमा को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की अवहेलना है। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसी पर शुक्रवार, 16 दिसंबर को सुनवाई होगी। बताया गया है कि इस याचिका में सरकार की ओर से प्रदेश में अटकी प्रवेश परीक्षाएं, सरकारी भर्तियां और एडमिशन के लिए छूट देने की दलील दी जाएगी तथा प्रदेश में 58 फीसदी आरक्षण काे बहाल करने का आग्रह किया जाएगा।

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