नई दिल्ली. देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. देवकीनंदन के जन्मोत्सव पर लोग व्रत भी रखते हैं. कान्हा के जन्मोत्सव पर रखा गया व्रत शुभ फलदायी होता है. इस दिन पूर्ण भाव से की गई पूजा, जीवन के सारे कष्ट हर लेती है. इस दिन को लोग धूमधाम से मनाते हैं. जो लोग व्रत रखते हैं, वे कान्हा के जन्म के बाद ही पारण करते हैं. इस दिन कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जिनको आपको नहीं करना चाहिए. इन कामों को करने से जीवन में शुभ फल के स्थान पर समस्या आनी शुरू हो जाती हैं.
मत करें ये काम
1- जन्माष्टमी के दिन अगर व्रत रख रहे हैं तो कान्हा के जन्म से पहले अन्न न खाएं.
2- लड्डू गोपाल को मुरझाए फूल भूलकर भी अर्पित न करें.
3- इस दिन गायों और बेजुबानों को न ही सताएं और न ही मारें.
4- जन्माष्टमी के दिन तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए. पूजा में इस्तेमाल करने के लिए तुलसी की पत्तियों को एक दिन पहले तोड़ लेना चाहिए.
5- कृष्ण जन्मोत्सव पर काले रंग के कपड़े न पहनें. संभव हो तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
6- जन्माष्टमी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए. व्रत न भी रखें तो भी चावल खाने से बचें.
7- इस दिन मांस, मदिरा या प्याज का भी सेवन नहीं करना चाहिए और न ही प्रसाद बनाते समय प्याज और लहसुन का उपयोग करना चाहिए.
इस दिन करें ये काम
1- जन्माष्टमी के दिन जल्दी सोकर उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
2- घर के मंदिर को साफ करें और कान्हा की झांकी सजाएं.
3- लड्डू गोपाल को स्नान कराएं और उन्हें साफ सुथरे कपड़े पहनाएं. श्रृंगार करें और उन्हें झूले में रखकर झूला झूलाएं.
4- जन्माष्टमी व्रत के दौरान फलाहार करें. जिन लोगों ने जन्माष्टमी के दिन व्रत नहीं रखा है, उन्हें भी इस दिन सात्विक आहार ही लेने चाहिए.
5- भगवान कृष्ण का पूजन करें. हो सके तो पूरा दिन कान्हा को समर्पित करें.
6- इस दिन दूध से बनीं चीजों का भोग कान्हा को लगाएं और प्रसाद को ग्रहण भी करें.
7- कान्हा को तुलसी दल, माखन-मिश्री, पंचामृत पंजीरी आदि अर्पित करें.
8- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें. इसके साथ ही गायों की सेवा करें.