रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को मुंबई से गिरफ्तार करके शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में ईडी ने 10 दिन की रिमांड की मांग की, लेकिन तीन दिन का रिमांड मंजूर हुई। इसके बाद त्रिपाठी को 15 मई तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया।
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को केंद्रीय एजेंसी ने शाम करीब चार बजकर 10 मिनट पर गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किया गया।
पांडेय ने बताया कि अदालत ने त्रिपाठी को तीन दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी त्रिपाठी आबकारी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं और वह छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (जो राज्य में उपभोक्ताओं को सभी प्रकार की शराब, बीयर आदि की खुदरा बिक्री का काम करता है) के प्रबंध निदेशक भी है।
शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के एमडी हैं त्रिपाठी
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ़्तारी के वक्त त्रिपाठी के साथ उनकी पत्नी मंजुला त्रिपाठी भी थीं। उन्हें नियमित विमान से रायपुर लाया गया। पूछताछ के बाद देर शाम त्रिपाठी को कोर्ट में पेश किया गया। ईडी के जांच घेरे में आने के बाद से ही त्रिपाठी गायब थे। उनकी तलाश में आबकारी विभाग में दो बार ईडी ने दबिश भी दी थी। इसके साथ ही ईडी ने राजधानी रायपुर के एक होटल और केबल कारोबारी से देवेंद्र नगर स्थित आवास पर पूछताछ की। हालांकि ईडी की तरफ से इस पूछताछ की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले ईडी ने भिलाई के शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन की 28 करोड़ की संपत्ति सीज कर दी है। ढिल्लन भी 15 मई तक ईडी की रिमांड पर हैं।
गौरतलब है कि छत्तीगसढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाला मामला बाहर आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लगातार इसपर जांच कर रही है। दो दिन पहले शराब घोटाला ममाले में कारोबारी अनवर ढेबर को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां जज के सामने अनवर ढेबर ने कहा था कि ईडी उन्हें प्रताड़ित कर रही है और सीएम व उनके परिवार का नाम लेने का दबाव बना रही है। मुझे बहुत प्रताड़ित किया गया है। अगर ऐसा चलता रहा तो मैं खुदकुशी कर लूंगा। अनवर ढेबर ने जज के सामने ख़ुदकुशी करने की चेतावनी दी है और कहा कि ईडी उसकी जिम्मेदार होगी।
Liquor Scam in Chhattisgarh शराब घोटाला
कथित घोटाले में त्रिपाठी की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि उन्होंने अदालत को सूचित किया है कि तीन भाग में बंटे इस घोटाले में त्रिपाठी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
उन्होंने बताया कि पहले भाग में चुनिंदा शराब निर्माताओं को लाइसेंस देना और उनसे कमीशन वसूलना शामिल है। जबकि दूसरा भाग एकत्रित कमीशन को बांटने तथा शराब की दुकानों से कैसे कमीशन लिया जाए, से संबंधित है।
रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर पिछले हफ्ते इस मामले में एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले व्यक्ति हैं।
ईडी ने पहले अदालत को बताया था कि मई, 2019 में त्रिपाठी को अनवर के कहने पर सीएसएमसीएल का एमडी बनाया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर बोतल’ पर ‘अवैध रूप’ से धन एकत्रित किया गया और अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार और धनशोधन किए जाने के सबूत एकत्र किये गए हैं।
निदेशालय ने कहा है कि उसने आयकर विभाग की ओर से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दाखिल आरोपपत्र के आधार पर धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था।