रायपुर 20 दिसंबर 2022: रायपुर के एक शख्स के साथ डिजिटल ठगी हो गई। जिसे ठगों ने अपना शिकार बनाया वो सरकारी कर्मचारी है। फोन पर ठगों ने ऐसी बातें कहीं कि ये कर्मचारी भी झांसे में आ गया। 10 रुपए के जाल में फंसाकर ठग ने इनके खाते से पूरे 1 लाख रुपए पार कर दिए। अब इस मामले की शिकायत पुलिस के पास पहुंची है। अनजान कॉलर के खिलाफ 420 धारा के तहत FIR दर्ज की गई है।
रायपुर के पंडरीतराई में रहने वाले खोमेश्वर राम देवांगन बीपी पुजारी शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में साल 2019 से संकुल समन्वयक के पद पर काम कर रहे हैं। इन्हें आंखों का चेकअप करवाना था। अपने मोबाइल फोन से रायपुर के मशहूर आई एक्सपर्ट डॉ दिनेश मिश्रा की क्लीनिक का नंबर ढूंढ रहे थे। एक नंबर मिला उस पर कॉल किया मगर कॉल कनेक्ट नहीं हुई।
ऐसे लिया झांसे में
खोमेश्वर ने बताया है कि इसके बाद उन्हें 8815499881 मोबाइल नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले से खोमेश्वर ने पूछा कि क्या आप डॉ दिनेश मिश्रा के अस्पताल से बोल रहे हैं , तो कॉलर ने हां में जवाब दिया। फिर खोमेश्वर ने डॉक्टर का अपॉइंटमेंट देने को कहा, कॉलर ने कहा कि इसके लिए वाट्सअप पर बुकिंग एप की लिंक भेज रहा हूं उसपर 10 रू का पेमेंट करके समय फिक्स किया जाएगा।
खोमेश्वर को ठग ने अनजान लिंक भेज दी, लिंक पर खोमेश्वर ने 10 रुपए पेमेंट करने का प्रयास किया मगर पेमेंट नहीं हो पाया। कॉलर ने कहा कि शाम को अस्पताल आकर 10 रुपए जमा कर दें, और फोन डिस्कनेक्ट हो गया। इसके बाद इनके खाते से 1 लाख रुपए निकाल लिए गए। SBI भाटापारा में इनका अकाउंट था। ठग ने दरअसल लिंक भेजकर इनकी बैंकिंग डिटेल्स को हासिल कर लिया था।
SBI कर्मी बनकर हो चुकी है ठगी
पिछले महीने रायपुर के वैभव वर्मा को SBI कर्मी बनकर अनजान कॉलर ने ठग लिया। स्टूडेंट ने बताया कि- मेरे मोबाइल नम्बर पर एक ठग ने कॉल किया। इसने खुद को SBI लाइफ इंश्योरेंस का कर्मचारी बताया। मैंने मान लिया। ठग ने कहा कि आपने इंश्योरेंस स्कीम ले रखी है। आपकी यूजर आईडी, पासवर्ड गलत है। ठग ने उसके फोन पर एक OTP भेजा। इस OTP को भी स्टूडेंट ने बता दिया। इसके बाद इनके SBI खाते से 1,79,000 रुपए कट गए। इसे ठग ने अपने खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिया।
सांसद को भी ठग कर चुके हैं परेशान
रायपुर के सांसद सुनील सोनी ने बताया था- मुझे 7-8 नंबरों से कॉल आ रहे थे। फालतू की बातें कर रहा था कॉल करने वाला, ठीक वैसे ही जैसे फ्रॉड कॉल या ब्लैकमेल करने का प्रयास हो। साइबर टीम को हमने ये सभी नंबर्स की जानकारी देकर इस मामले में जांच करने और आरोपियों को पकड़ने की शिकायत की है। टीम नंबर्स के लोकेशन के आधार पर जांच कर रही है। इसमें प्रदेश से बाहर के गिरोह का हाथ है। हालांकि इस केस में आरोपी पकड़े नहीं गए।