जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर बहुत बड़ा ग्लैशियर फटा. जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई. इसके बाद हिमस्खलन हुआ और ग्लैशियर की बाढ़ के चलते ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को बड़ा नुकसान हुआ.
चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है. धौली नदी में बाढ़ आने से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है. चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है. ग्लेशियर टूटने के बाद जोशीमण के रेणी में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में तबाही हुई है. तपोवन में पावर प्रोजेक्ट बह जाने की खबर है.
अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो.
चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि काफी नुकसान की सूचना आ रही है. लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं. टीम मौके पर जा रही है, उसके बाद ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट होगी. बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ. जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है. तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है. वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है.
उधर, बाढ़ के बाद अब धौली नदी का जल स्तर पूरी तक रूका हुआ है. स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है. करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं.