Thursday, March 28, 2024

अलविदा विवेक : तमिल फिल्मों के मशहूर अभिनेता विवेक का निधन, सीने में दर्द के बाद अस्पताल में कराया गया था भर्ती ; जानिए उनकी पूरी बायोग्राफी

चेन्नई : लोकप्रिय तमिल फिल्म अभिनेता विवेक का चेन्नई के एक अस्पताल में शनिवार को निधन हो गया है। अस्पताल की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि तड़के सुबह 4:35 बजे अभिनेता का निधन हो गया। अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान पर पहुंचा है। एक दिन पहले शुक्रवार को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद अचेत होने पर चेन्नई के वडापलानी स्थित एसआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उन्हें गहन चिकित्सा इकाई ने ईसीएमओ सपोर्ट सिस्टम पर रखा था।

जानकारी के अनुसार उन्हें शुक्रवार सुबह 11 बजे बेहोशी की हालत में अस्पताल के एमरजेंसी रूम में लाया गया था। बिगड़ती तबीयत को देखकर उनकी पत्नी और बेटी अस्पताल लेकर पहुंची थीं। अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजू शिवसामी ने कहा कि यह अचानक आए तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम के साथ कार्डियोजेनिक शॉक के कारण हुआ। इसका कोरोना वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही रिपोर्ट से पता चला है कि उन्हें कोरोना भी नहीं था। उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब विवेक इस तरह से अस्पताल आए। उन्हें थोड़ा ब्लडप्रेशर था।

बता दें कि स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अभिनेता को गुरूवार को स्टेट एंबेसडर घोषित किया गया था। 59 वर्षीय कॉमेडियन ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के सरकारी अस्पताल में कोविड 19 कोवैक्सीन लगवाई थी। साथ ही उन्होंने सभी को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया था।

दक्षिण तमिलनाडु के कोविलपट्टी में जन्में विवेक ने वरिष्ठ निर्देशक के बालाचंदर के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर 1980 में करियर की शुरुआत की थी। विवेक की प्रतिभा से खुश होकर बालाचंदर ने उन्हें एक तमिल फिल्म ‘मनादिल उरूदी वेंडुम’ में 1987 में छोटा सा रोल ऑफर कर दिया था।

निर्देशक ने उन्हें अपनी अगली फिल्म ‘पुदु पुदु अर्तंगल’ में भी कास्ट किया था। इस फिल्म में विवेक ने अपनी शानदार कॉमेडी के जरिए सभी को आकर्षित किया। इस फिल्म में उनका डायलॉग ‘इनक्की सेत्ता नालकी पाल’ बड़ा ही फेमस हुआ था। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अभिनेता ने बतौर सोलो कॉमेडिन भी अपनी पहचान स्थापित की। 90 के दशक से उन्होंने लोकप्रियता हासिल करना शुरू कर दी थी, जिसका सिलसिला अगले दो दशकों तक जारी रहा।

विवेक को उनकी परफेक्ट कॉमिक टाइमिंग के अलावा तेज दिमाग के लिए भी जाना जाता था। वे बड़ी ही आसानी से किसी की भी मिमिक्री कर लेते थे। उन्होंने सुपरस्टार रजनीकांत के साथ भी कई बार काम किया। फिल्म रन, पेराड़ागन, दूल, अन्नियन, और सिवाजी जैसी फिल्मों में काम किया, जिसने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई और वह लगातार तीन दशकों तक दर्शकों के दिलों पर छाए रहे।

इसके बाद उन्हें एक तमिल फिल्म ‘सुल्ली अडिपेन’ में मुख्य भूमिका निभाने का अवसर मिला। विवेक को बेटी बचाओ और सांप्रदायिक सौहार्द जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी लोगों को जागरूक करते हुए देखा गया। विवेक को लोग ‘चिन्ना कलाइवानर’ भी बुलाते थे। केंद्र सरकार द्वारा 2009 में उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित विवेक रजनीकांत, थलपति विजय, विक्रम और धनुष जैसे स्टार्स के साथ कई फिल्मों में काम कर चुके थे। वह कुछ फिल्मों में मुख्य कलाकार के तौर पर भी नजर आए और पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने में भी वह सक्रिय रहे थे। वे दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सिद्धांतो से काफी प्रभावित थे। एक बार अब्दुल कलाम ने उन्हें ग्रीन इंडिया का हिस्सा बनने के लिए सुझाव दिया था। इसके बाद विवेक ने एक अरब पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा और इसके लिए छात्रों व अन्य लोगों की सहायता ली।

बता दें कि विवेक ने 15 अप्रैल को कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। वे अपने दोस्त के साथ सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया था कि वो सरकारी अस्पताल में क्यों वैक्सीन ले रहे हैं। उन्होंने बताया था कि ‘सरकारी अस्पताल में हर वर्ग के लोग पहुंचते हैं। इसकी पहुंच ज्यादा लोगों तक है। कोविड वैक्सीन सही है। इसको लगवाने के बाद आप बीमार नहीं पड़ेंगे। इसे लगवाने के बाद काफी हद तक खतरा कम हो जायेगा। 15 अप्रैल को विवेक ने वैक्सीन लगवाई और 16 अप्रैल को सीने में दर्द के कारण उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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