Friday, April 19, 2024

वायु प्रदूषण मुक्त भवन के लिए मिला 5 स्टार, आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश ने दिल्ली में हुए कार्यक्रम में किया पुरस्कार ग्रहण

वायु प्रदूषण मुक्त भवन निर्माण करने की वजह से आईआईटी भिलाई को 5 स्टार रेटेड मास्टर प्लान लार्ज डेवलपमेंट पुरस्कार दिया गया। दिल्ली में हुए कार्यक्रम में आईआईटी के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। संस्थान को यह पुरस्कार ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग सिस्टम इंडिया (गृहा) ने दिया है। यह सम्मान ए एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट और मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एड रिन्युएबल एनर्जी ने दी है। यह अवार्ड व सम्मान देने के लिए दिल्ली में 14 वें वार्षिक जीआरआईएचए शिखर सम्मेलन हुआ। इसमें निदेशक ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। इससे आने वाले दिनों में संस्थान से और उम्मीदें बढ़ गई हैं। अब इस दिशा में और काम किया जाएगा।

आईआईटी के भवन से पर्यावरण को कम हानि

गृहा देश भर में होने वाले भवन आदि के निर्माण कार्य के लिए रेटिंग देती है। रेटिंग देने का भी एक बड़ा पैमाना है। भवन जितना प्रकृति के अनुकूल होगा, उसके निर्माण से पर्यावरण को कम से कम नुकसान होगा, उसके आधार पर रेटिंग दी जाती है। गृहा की स्थापना मिनिस्ट्री आफ रिन्युएबल एनर्जी की ओर से की गई है। इसका संचालन एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) करता है। इससे पहले भी आईआईटी भिलाई को गृहा से सम्मान मिल चुका है। हर साल गृहा देश भर में बन रहे बड़े प्रोजेक्ट व निर्माण कार्य को रेटिंग देने और पुरस्कृत करने सम्मेलन करता है।

देशभर की संस्थाएं करती हैं इनाम के लिए आवेदन

गृहा की ओर से दिए जाने वाले इनाम के लिए देशभर की संस्थाएं आवेदन करती हैं। संस्था की ओर से हर वर्ष अलग-अलग श्रेणी में इनाम दिए जाते हैं। इसमें देशभर के संस्थान आवेदन करते हैं। तय मापदंड के आधार पर श्रेणी के अनुसार संस्थानों को पुरस्कृत किया जाता है। इसमें पूरे देश भर में सबसे आगे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, हरियाणा जैसे प्रदेश हैं। अब धीरे-धीरे अन्य राज्यों की संस्थाएं भी आगे आ रही हैं। इस दिशा में आईआईटी भिलाई लगातार आगे बढ़ रहा है। संस्थान में प्राकृतिक चीजों का उपयोग किया जा रहा है। इससे काफी सुविधा है।

इन खासियत की वजह से आईआईटी को मिला अवार्ड

भवन का निर्माण में वायु प्रदूषण कम से कम हो रहा है।
संस्थान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया गया।
भवन में सोलर एनर्जी के माध्यम से बिजली का उपयोग किया जाएगा। पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ेगा।
निर्माण के दौरान आसपास के पर्यावरण या तो कोई नुकसान ना हो या कम से कम प्रभाव हो।
बिजली का उपयोग कम हो और बिजली बचा सकें।
ग्रीन एनर्जी को इन कार्यक्रमों से मिलेगा और अधिक बढ़ावा।
आईआईटी भिलाई को पहले भी गृहा से मिल चुका है इनाम।

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