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Haj Yatra 2021 : कोरोना वैक्सीन के दो डोज के बिना इस बार हज यात्रा की अनुमति नहीं : हज कमेटी ऑफ इंडिया


नई दिल्ली : तेजी से फैलती कोरोना महामारी के बीच इस साल की हज यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान हुआ है। भारत में हज समिति ने कहा है कि किसी भी भारतीय को तब तक वार्षिक हज यात्रा के लिए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि उसने कोरोना वैक्सीन की खुराक न ली हो। यानी इस बार हज यात्रा की अनुमति उन्हें ही मिलेगी, जिन्होंने कोरोना को अपने दोनों टीके लगवा लिए हैं। बहरहाल, वैश्विक स्तर पर फिर से फैल रही कोरोना महामारी के बीच हज यात्रा का स्वरूप क्या होगा, अभी इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। पिछले साल भी नियमित हज यात्रा नहीं हो सकी थी।
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इससे पहले हज यात्रा को लेकर पिछले साल दिसंबर में एक रिपोर्ट जारी हुई थी। इसमें बताया गया था कि कोरोना महामारी के कारण हज यात्रा महंगी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के चलते मक्का-मदीना का मुकद्दस सफर भी महंगा हो गया है। अगले साल यानी साल 2021 में संक्रमण से बचाव के विशेष प्रबंधों के साथ नबी के रोजे की जियारत की ख्वाहिश रखने वाले अकीदतमंदों को करीब एक लाख रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे। ग्रीन व अजीजिया दोनों ही श्रेणी के हज यात्रियों पर यह बोझ बढ़ेगा। नए बरस में हज यात्रा पर जाने वालों को तीन से सवा तीन लाख रुपए अदा करने होंगे। इसके अलावा हज यात्रियों के मक्का व मदीना में ठहराव की अवधि में भी कटौती कर दी गई है।




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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में जिस जगह पर शिवलिंग मिला उसे तुरंत सील करने का कोर्ट ने दिया आदेश ; वजू पर पाबंदी


वाराणसी : वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम आज तीसरे दिनपूरा हो गया। सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि-‘बाबा मिल गए।’ कहा गया कि सर्वे में ‘काला पत्थर’ मिला जो शिवलिंग है। जितना सोचा था उससे ज्यादा साक्ष्य मिले हैं।
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सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने शिवलिंग के संरक्षण के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिस पर वाराणसी कोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे तत्काल सील कर दें। किसी भी व्यक्ति को वहां जाने न दें। कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी है।

कोर्ट ने शिवलिंग की जगह को सील करने के आदेश के साथ ही साथ ही अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- ‘जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेट को आदेशित किया जाता है कि जस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी।’
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष का दावा नकारा
ज्ञानवापी सर्वे पूरा होते ही हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया। हिंदू पक्षकार सोहनलाल आर्य ने कहा कि जितना सोचा था उससे अधिक साक्ष्य मिले हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष इस दावे को पूरी तरह से नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसका दावा हिंदु पक्ष कर रहा है। इस दावे और उसके खिलाफ प्रतिदावे के बीच कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए शिवलिंग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रशासन ने भी ऐसे दावे से पल्ला झाड़ते हुए लोगों से अपील की कि वे सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही ध्यान दें। प्रशासन की ओर कहा गया कि यदि किसी भी पक्षकार ने अपनी निजी इच्छा से कोई बात बताई है तो यह उसका निजी विचार है।
वजू पर लगी पाबंदी
सर्वे पूरा होने के थोड़ी देर बाद ही शिवलिंग का मामला कोर्ट भी पहुंच गया। कोर्ट ने अपने हिंदू पक्ष के दावे के बाद अपने आदेश में शिवलिंग के आसपास जाने पर रोक लगा दी। वहां वजू पर भी पाबंदी लगाई गई है।
कल होगी सुनवाई
कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब सिर्फ 20 लोग ही नमाज के लिए जा सकते हैं। कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे तीन दिन और कुल 10 घंटे चला। कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र कल सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके बाद अदालत तय करेगी कि ज्ञानवापी का सच क्या है?


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Happy Buddh Purnima 2022 : जीवन में सफलता पाने के लिए अपनाएं बुद्ध की ये बातें, कभी नहीं होगी हार


आज बुद्ध पूर्णिमा है. अगर आप जीवन में पिछड़ रहे हैं या आपके हाथ सफलता नहीं लग रही है तो आप बुद्ध की इन बातों का अनुसरण करें. आपको कभी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा.
आस्था डेस्क : आज बुद्ध पूर्णिमा है और यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है. यह भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और पुण्यतिथि को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है. भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में शाक्य वंश में राजा शुद्धोधन और माया देवी के पुत्र के रूप में हुआ था. बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था. 29 वर्ष की आयु में अपना घर छोड़ने के बाद, वह निर्वाण या ज्ञान की तलाश में थे जो उन्हें केवल 49 दिनों में मिला था.
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बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा ना केवल भारत और नेपाल में, बल्कि दुनिया भर में मनाए जाने वाले बौद्धों का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है. बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती और पुण्यतिथि दोनों के रूप में मनाया जाता है.

भगवान बुद्ध के जीवन की ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिन्हें अगर आप अपने जीवन में उतार लें तो आपको सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है. नीचे हमने कुछ ऐसी बातों का उल्लेख कर रखा है.
- – हर चीज को संदेह से देखें. अपनी खुद की रोशनी की तलाश करें.
- – भूतकाल में मत जियो, भविष्य के सपने मत देखो, मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो.
- – एक हजार खोखले शब्दों से बेहतर, एक ऐसा शब्द है जो शांति लाता है.
- – शांति अंतर्मन से आती है. इसके बिना कुछ मत खोजो.
- -अंत में, केवल तीन चीजें मायने रखती हैं: आप कितना प्रेम किया, आपने कितना सौम्य जीवन जिया, और आपने कितनी खूबसूरती से उन चीजों को जाने दिया जो आपके लिए नहीं थीं.
- – हर चीज को संदेह से देखें. अपनी खुद की रोशनी की तलाश करें.


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Video : बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, अर्जेंटीना में दिखा अलग नजारा ; ग्रहण के बारे में जानिए हर एक डिटेल और पढ़ें 10 जरूरी बातें


- चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 8:59 बजे से आरंभ हो चुका है जो 10:23 बजे तक रहा। भारत में इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- पहला चंद्रगहण वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा।
Chandra Grahan : आज साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा। यह चंद्र ग्रहण बैशाख शुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर लगा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया। ग्रहण के अच्छे और बुरे दोनों प्रभाव होते हैं, क्योंकि यह भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक भारत में मान्य नहीं होगा।
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अर्जेंटीना में दिखा अलग नजारा, देखें वीडियो

साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने के बाद दुनिया के कई देशों से इसके अलग-अलग नजारे देखने को मिल रहे हैं। अर्जेंटीना से सबसे पहले एक वीडियो सामने आया है।
VIDEO: Total lunar eclipse underway in Argentina pic.twitter.com/J3VbVrhsTZ
— AFP News Agency (@AFP) May 16, 2022
ग्रहण खत्म होने पर इन चीजों का करना है जरूरी
चंद्र ग्रहण समाप्त हो गया है, इस बीच आपको क्या करना है इसका पता होना बेहद जरूरी है। जैसे ही ग्रहण खत्म हो तो तुलसी के पौधे समेत पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। दूसरी और ग्रहण खत्म होते ही गर्भवती महिला को तुरंत स्नान करना चाहिए।
80 साल बाद चंद्र ग्रहण पर बना ऐसा सहयोग
ज्योतिषाचार्यों की ज्योतिषीय गणना के आधार पर इस बार चंद्र ग्रहण पर ग्रहों और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बना है जो पिछले 80 साल पहले बना था। इस बार चंद्र ग्रहण विशाखा नक्षत्र और परिघ योग में बन रहा है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान गुरू और शनि देव अपनी स्वराशि में मौजूद रहेंगे। यह ग्रहण वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लग रहा है।
Blood Moon- इन राशि वाले लोगों को होगा चंद्र ग्रहण से फायदा
मेष राशि – चंद्रग्रहण के दौरान बनने वाले दो शुभ योग के कारण मेष राशि वालों के लाभ हो सकता है। करियर के लिहाज से यह समय बहुत बेहतर है। धन लाभ के योग बनेंगे। नौकरी पेशा करने वाले जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ है। परिवार का कोई विवाद हल हो सकता है।
सिंह राशि – आगामी चंद्रग्रहण पर बनने वाले योग से सिंह राशि वालों को लाभ होगा। नौकरी में प्रमोशन की संभावनाएं हैं। आय के नए साधन बनेंगे। कोई जरूरी काम बन सकता है। वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा। शादी-विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। धनु राशि – धनु राशि वालों के लिए ग्रहण बेहद लाभकारी है। तरक्की के नए रास्ते खुल सकते हैं। नई नौकरी मिलने के योग बनेंगे। व्यापारियों को धन लाभ हो सकता है। आर्थिक मोर्चे पर भी लाभ होगा। घर के सदस्यों का सहयोग मिलेगा।
Chandra Grahan 2022- जानिए 2022 में कितने लगेंगे चंद्र ग्रहण
साल 2022 में दो चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। 8 नवंबर को साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा।
भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं, जानिए गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का असर
भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक नजरिए से सूतक काल को अशुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का समय ग्रहण के शुरू होने के 9 घंटे पहले लग जाता है। सूतककाल के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है ऐसी मान्यताएं पौराणिक काल से चली आ रही है।
ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण पर गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए अपशकुन और नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्र से निकल रही किरणों से गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है और इससे बच्चे में कई तरह की शारीरिक विकृतियां पैदा हो सकती हैं।
जानें कितने तरह का होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण एक प्रकार का खगोलीय घटनाक्रम है। सूर्य और चंद्रमा के बीच एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी बीच में आ जाती है तब कुछ देर के लिए ऐसी स्थिति बन जाती है कि चंद्रमा के ऊपर सूर्य की चमक आनी बंद हो जाती है। इससे चंद्रमा दिखाई नहीं पड़ता है, इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण,आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण।
ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। यही कारण है कि ग्रहण काल में शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। चंद्रग्रहण का सभी 12 राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा।
पढ़ें वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाले चंद्र ग्रहण से जुड़ी 10 जरूरी बातें-
1. 16 मई को लगने वाले ग्रहण को क्यों कहा जा रहा ब्लड मून- 16 मई को चंद्रमा लाल रंग में नजर आएगा। जिसे ब्लड मून कहा जाता है। वैज्ञानिक व धार्मिक दृष्टि से चंद्रग्रहण अहम घटना होती है। चंद्रग्रहण पर जब चंद्रमा पूर्ण ग्रहण युक्त होता है तो ब्लड मून दिखता है।
2. किस राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण- साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा। वृषभ राशि में राहु का गोचर चल रहा है। इस कारण वृषभ राशि पर ग्रहण का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
3. चंद्र ग्रहण का समय- हिंदू पंचांग के अनुसार, सोमवार 16 मई 2022 को चंद्र ग्रहण सुबह 08 बजकर 59 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
4. साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण- 8 नवंबर को साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। पहले चंद्रग्रहण की तरह ये भी पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
5. बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण- वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है।
6. सूतक काल- 16 मई लगने वाले चंद्रग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण की दृश्यता शून्य होने के कारण देश में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
7. भारत में कहां दिखेगा- भारत में साल का पहला चंद्रग्रहण नजर नहीं आएगा।
8. विदेशों में कहां दिखेगा- 16 मई को लगने वाले चंद्रग्रहण को दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
9. 2022 में कितने लगेंगे चंद्र ग्रहण- साल 2022 में दो चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। 8 नवंबर को साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा।
10. चंद्र ग्रहण कैसे लगता है- चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ने लगती है तो इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं।


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