जांजगीर-चांपा जिले में भी कोरोना की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। जिलेभर के अस्पताल कोरोना के संक्रमण की रोकथाम और मरीजों के इलाज के इंतजाम की तैयारियों में जुट गए हैं। कोविड ट्रीटमेंट सेंटर की व्यवस्थाओं को फिर से दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि किसी भी तरह के आपातकाल की स्थिति से निपटा जा सके।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मे भी टेस्ट और प्राथमिक उपचार के लिए तैयारी शुरू कर दी है। CMHO (Chief Medical and Health Officer) आरके सिंह ने कोरोना के दुष्प्रभावों के मद्देनजर जिला अस्पताल के कोविड सेंटर में आईसीयू, ऑक्सीजन प्लांट, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर, आइसोलेशन वार्ड समेत जरूरी सुविधाओं को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड जांच और इलाज के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं व उपकरणों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं।
कोविड सेंटर और सीएचसी अस्पताल में की जा रही तैयारी
जिला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कंट्रोल रूम, आईसीयू, ऑक्सीजन वार्ड एवं ऑक्सीजन प्लांट को एक्टिवेट कर दिया गया है और स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाओं की उपलब्धता, वेंटिलेटर की व्यवस्था, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने जिले में RTPCR टेस्ट द्वारा रोजाना जांच, कोविड केयर सेंटर में उपलब्ध ऑक्सीजनेटेड बेड, आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, जिले में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति, स्टाफ की उपलब्धता, बूस्टर डोज और टीकाकरण की स्थिति को पर्याप्त होना बताया।
वैक्सीन की बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे ज्यादातर लोग
कोरोना की दूसरी लहर के बाद जिले में टीकाकरण के पहले और दूसरे डोज को 82 प्रतिशत तक लगाया गया है। वहीं बूस्टर डोज लगवाने को लेकर लोगों में दिलचस्पी कम रही, यही वजह है कि अभी तक जांजगीर-चांपा जिले में केवल 28 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर डोज लग सका है। हालांकि दुनियाभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग काफी संख्या में बूस्टर डोज लेने के लिए आने लगे हैं।