National Desk : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वायरस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। भारत के ड्रग्स रेग्युलेटर से वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद फ्यूचर की प्लानिंग क्या होगी (कोर्स ऑफ फ्यूचर), कब और कितने समय में कंपनी इसका उत्पादन से लेकर डिलीवरी देगी, इन सभी मुद्दों पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने हिन्दुस्तान टाइम्स की रिदमा कॉल से खास बातचीत की है। भारत में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है। अदार पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन की 5 करोड़ डोज वितरण के लिए तैयार हैं. हमें सरकार के खरीद आदेश का इंतजार है। तो चलिए जानते हैं कोरोना वैक्सीन को लेकर हर सवाल के जवाब।
सवाल: SII ने पहले ही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की लाखों खुराक का उत्पादन किया है। आप एक तरह से जुआ खेल रहे थे और इसे लेकर आप कितने श्योर थे?
जवाब: हम मार्च-अप्रैल की शुरुआत में बहुत आश्वस्त नहीं थे, मगर हम आर्थिक और तकनीकी रूप से 100 फीसदी प्रतिबद्ध थे। हमने इस पर बहुत मेहनत की थी और अब हम खुश हैं कि इसने काम किया। यह सिर्फ वित्तीय मामला नहीं है, अगर यह काम नहीं कर पाता तो हमें कुछ और करने में छह महीने लग जाते और फिर लोगों को वैक्सीन बहुत बाद में मिलती। इस तरह से यह एक बड़ी जीत है ड्रग्स कंट्रोलर ने इसे मंजूरी दे दी।
सवाल: क्या आपको लगता है कि मंजूरी तक आने में अपेक्षा से अधिक समय लगा?
जवाब: मैं जिस तरह से इस पूरी प्रक्रिया में गया हूं, उसे लेकर बहुत खुश और आभारी हूं क्योंकि हम किसी को कुछ करने में जल्दबाजी नहीं करने देना चाहते हैं। हम चाहते थे कि ड्रग्स कंट्रोलर और स्वास्थ्य मंत्रालय वास्तव में सभी डेटा को समझे, हर चीज की जांच करे, जो हमने किया है उसकी दोहरी जांच करे कि ऑक्सफोर्ड ने जो किया है वह सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं।
सवाल: मंजूरी मिलने के बाद बाद क्या होता है?
जवाब: उन्हें (भारत सरकार) अभी भी हमारे साथ एक खरीद आदेश पर हस्ताक्षर करना है। खरीद आदेश पर हस्ताक्षर के बाद सरकार हमें बताएगी कि टीका कहां भेजना है और उसके 7 से 10 दिन बाद ही हम टीका वितरित कर सकते हैं। हमने पहले 100 मिलियन खुराक के लिए उन्हें (सरकार) 200 रुपए की लिखित में एक बहुत ही विशेष कीमत पेशकश की है। यह पेशकश केवर सरकार के लिए है और वो भी सिर्फ 100 मिलियन खुराक के लिए। इससे अधिक के ऑर्डर पर कीमत अधिक अथवा अलग हो सकती है। निजी बाजार में इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत एमआरपी के हिसाब से 1000 रुपए हो सकती है। हम संभवतः इसे 600-700 रुपए में बेचेंगे। विदेशों में निर्यात के लिहाज से इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 3-5 डॉलर के बीच होगा। हालांकि, हम जिन देशों के साथ डील करेंगे, उसके आधार पर यह ऊपर-नीचे हो सकता है। हालांकि, इसमें मार्च-अप्रैल तक सयम लग सकता है क्योंकि सरकार ने हमें उससे पहले एक्सपोर्ट करने से मना किया है। हम इसे प्राइवेट मार्केट को नहीं दे सकते।
सवाल: आपके पास सरकार के लिए कोरोना वैक्सीन की कितनी टेस्टेड खुराक हैं?
जवाब: 50 मिलियन (5 करोड़)
सवाल: वैक्सीन को लेकर अफवाहों पर आपकी क्या राय है?
जवाब: किसी को भी विज्ञान या तथ्यों पर सवाल उठाने का अधिकार है, लेकिन जितना अधिक हम पढ़ते हैं कि डेटा क्या होता है, कहां इसका परीक्षण किया गया है, आप कुछ विशेषज्ञों से बात करते हैं और सुनते हैं, तो समय के साथ यह विश्वास उतना ही बढ़ता जाता है कि ये टीके बहुत सुरक्षित और प्रभावी हैं। यहां बताने की जरूरत है कि वैक्सीन लेने के लिए कोई भी किसी को मजबूर करने वाला नहीं है।