छत्तीसगढ़ प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आईएएस रानू साहू को गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार मामले में रानू साहू की गिरफ्तारी की गई है.
रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राज्य में 18 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाने के बाद शनिवार को छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारी रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया.
यह गिरफ्तारी ईडी द्वारा दर्ज एक नए पीएमएलए मामले के सिलसिले में की गई. ईडी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सूत्रों ने दावा किया कि पीएमएलए मामला कथित चावल घोटाले से जुड़ा हो सकता है.
साहू के अलावा ईडी की टीम ने प्रदेश कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल के परिसरों की भी तलाशी ली. तलाशी अभियान के दौरान ईडी टीमों को सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है.
साहू के परिसरों की तलाशी
शुक्रवार को ईडी ने रायपुर के देवेंद्र नगर में अग्रवाल और साहू के परिसरों की तलाशी ली. ईडी की एक और टीम कोरबा नगर निगम कमिश्नर प्रभाकर पांडे के ठिकाने पर देखी गई.
छापेमारी के दौरान सीआईएसएफ जवानों ने किसी को भी घर के अंदर नहीं जाने दिया. मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया गया और फिर ईडी की टीम ने तलाशी अभियान शुरू किया.
18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की गहन जांच करने का निर्देश दिया था.
कोयला उगाही घोटाले में 51.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
इससे पहले बीते महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में हुए अवैध कोयला उगाही घोटाले में 51.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
ईडी के अनुसार, 90 अचल संपत्तियां, लग्जरी वाहन, आभूषण और नकदी आईएएस रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी, विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव प्रसाद राय, आरपी सिंह, विनोद तिवारी और राम गोपाल अग्रवाल की है.
जांच के दौरान, सूर्यकांत तिवारी के साथ उपरोक्त व्यक्तियों के वित्तीय संबंधों का प्रत्यक्ष प्रमाण स्थापित किया गया था और पीएमएलए 2002 के तहत कुर्की की कार्यवाही के लिए अपराध की आय या समकक्ष संपत्ति के स्तर से बनाई गई संपत्ति की पहचान की गई थी.
ईडी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया, सुनील अग्रवाल और अन्य की 170 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क कर चुकी है.