न्यूयॉर्क: हार्वर्ड लॉ रिव्यू ने अप्सरा अय्यर को अपना 137 वां अध्यक्ष चुना है। 136 साल बाद किसी भारतीय-अमेरिकी को इस प्रतिष्ठित प्रकाशन के प्रमुख बनने के गौरव मिला है। आपको बता दें कि 29 साल की हार्वर्ड लॉ स्कूल की छात्रा अप्सरा अय्यर जो 2018 से कला, क्राइम और प्रत्यावर्तन की जांच कर रही हैं ने प्रिसिला कोरोनाडो की जगह ली है।
‘द हार्वर्ड क्रिमसन’ की एक रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया कि अप्सरा अय्यर को हार्वर्ड लॉ रिव्यू का 137वां अध्यक्ष चुना गया, जिसकी स्थापना 1887 में हुई थी और यह छात्रों द्वारा संचालित सबसे पुराने कानूनी छात्रवृत्ति प्रकाशनों में से एक है।
हार्वर्ड लॉ रिव्यू का अध्यक्ष चुने जाने पर अप्सरा अय्यर ने खुशी जताई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि लॉ रिव्यू अध्यक्ष के रूप में, उनका उद्देश्य ‘लेखों की समीक्षा एवं चयन की प्रक्रिया में और अधिक संपादकों को शामिल करना और ‘उच्च गुणवत्ता वाले काम के लिए प्रकाशन की प्रतिष्ठा को बनाए रखना है।’
अप्सरा का कहना है कि, ‘लॉ रिव्यू में शामिल होने के बाद से, मैं उनके कुशल और जीवंत व्यवहार से बहुत ज्यादा प्रेरित हूं। मैं आभारी हूं कि हमें उनकी विरासत को आगे बढ़ने का मौका मिला है, मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं।’
आपको बता दें कि अप्सरा ने येल यूनिवर्सिटी से 2016 में अर्थशास्त्र, गणित और स्पेनिश में ग्रेजुएशन किया। हार्वड लॉ रिव्यू की एक रिव्यू रिलीज में ये बात कही गई कि पुरातत्व और स्वदेशी समुदायों के लिए उनके समर्पण ने उन्हें ऑक्सफोर्ड में क्लेरेंडन स्कॉलर के रुप में एमफिल करने और 2018 में मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी की एंटीक्विटी ट्रैफिकिंग यूनिट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। एटीयू (ATU) में उन्होनें कला अपराध की जांच की। अप्सरा ने 2020 मे हार्वर्ड लॉ स्कूल में दाखिल लिया, जहां वह इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स क्लिनिक की छात्रा हैं और साउथ एशियन लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की सदस्य भी है।