Karwa Chauth 2023: करवाचौथ का पर्व हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चौथ को करवा चौथ के रूप में मनाते हैं. इस दिन कुछ महिलाएं सरगी के माध्यम से व्रत की शुरुआत करती हैं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह सरगी क्या होती है.
क्या होती है सरगी?
सरगी एक रस्म है, जो पंजाब प्रांत में मनाई जाती है, लेकिन अब इसकी देखादेखी में कई अन्य प्रांतों की महिलाएं भी इसको करने लगी हैं.सरगी एक प्रकार की भोजन की थाली है, जिसमें खाने की कई सारी चीजें होती हैं. सूर्योदय से पहले सरगी को खाकर महिलाएं दिन में व्रत की शुरुआत करती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं.
इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. सरगी को आमतौर पर सास अपनी बहू को देती है. इसके साथ ही सास अपनी बहू को सुहाग का सामान भी प्रदान करती है. सरगी को सुबह सूरज की पहली किरणों के साथ लेना चाहिए. इसके बाद करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाता है.
कब लेनी चाहिए सरगी?
सरगी को सूर्योदय से पूर्व में ही ले लेना चाहिए. सरगी सास के द्वारा दी जाती है, लेकिन सास के न होने पर घर की दूसरी बड़ी महिलाएं जैसे बड़ी ननद या जेठानी भी सरगी देती हैं. सरगी लेने का सही समय करवाचौथ के दिन सूरज निकलने से पहले सुबह तीन से चार बजे के आसपास होता है.
क्या-क्या होता है सरगी में?
सरगी में कपड़े, सुहाग की चीजें, फेनिया, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि होते हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार में इस त्योहार को अलग प्रकार से मनाया जाता है.