Tuesday, September 26, 2023

वैवाहिक जीवन होगा सुखमय..शादीशुदा लोग कर लें ये काम

चाणक्य यानि कौटिल्य भारतीय इतिहास के सबसे महान दार्शनिक, सलाहकार और शिक्षक में से एक है। आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार पति और पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं। यदि उनमें से एक भी डगमगाता है तो परिवार बिखरने लगता है। घर में  झगड़ा शुरू हो जाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार परिवार की सुख-शांति पति-पत्नी के मधुर रिश्तों पर टिकी होती है।

एक दूसरे की इज़्ज़त करें

आचार्य चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी को एक दूसरे का दोस्त बनकर रहना चाहिए। साथ ही वही रिश्ता खूबसूरत होता है जहां प्यार के साथ साथ इज़्ज़त भी हो। इसलिए एक दूसरे को हमेशा मान-सम्मान दें। एक दूसरे की सभी आवश्यताओं को समझें। यदि ऐसा होता है तो पति पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है।

 

 

अहंकार न पालें 

आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिये हैं। दोनों को साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। एक खराब हुआ तो दूसरा अकेले गृहस्थी की गाड़ी नहीं खींच सकती। कोई भी काम पूरा करना है तो पति पत्नी को प्रतियोगी बनकर नहीं बल्कि एक टीम बनकर काम करना चाहिए। कभी भी किसी भी चीज़ को लेकर एक दूसरे को अहंकार नहीं दिखाना चाहिए।

 

 

धैर्य बनाये रखें 

यदि व्यक्ति सफल शादीशुदा जीवन चाहता है तो इसके लिए पति और पत्नी दोनों ही धैर्य बनाकर रखें। जीवन में कैसे भी हालात आ जाए, पति और पत्नी दोनों एक दूसरे के साथ धैर्य बनानकर ही आगे बढ़ सकते हैं। विपरीत परिस्थितियों में संयम न खोने वाले पति-पत्नी ही अपने जीवन को आगे बढ़ा पाते हैं।

 

 

अपनी निजी बातें किसी और से साझा न करें 

आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में बताते हैं पट्टी और पत्नी के बीच कुछ राज रहने चाहिए। पति या पत्नी के बीच होने वाली बातों को अपने तक ही सीमित रखने वाले हमेशा सुखी रहते हैं। दोनों को ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी निजी बातें किसी तीसरे व्यक्ति तक न पहुंचे, अन्यथा पति-पत्नी के रिश्ते में दरार आ सकती है।

 

 

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