लखनऊ 24 जनवरी 2023: श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी करने की वजह से इन दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं.मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए कुछ चौपाइयां हटवाने की मांग कर सियासी माहौल को गरमा दिया हैमुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किए जाने की कड़ी निंदा की है और उनसे बयान वापस लेकर माफी मांगने को कहा है.उन्होंने साफ किया कि यह बयान उनका व्यक्तिगत है, इससे पार्टी से कोई मतलब नहीं है। इसे पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
गौरी गणेश की पूजा नहीं
वर्ष 2014 में बसपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने शादियों में गौरी गणेश की पूजा करने पर सवाल उठाया था। कर्पूरी ठाकुर भागीदारी सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि शादियों में गौरी गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए। यह दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है।
तीन तलाक
भाजपा सरकार में मंत्री रहते हुए 29 अप्रैल 2017 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीन तलाक को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि तीन तलाक देने वाले मुस्लिम सिर्फ अपनी हवस मिटाने के लिए बीवियां बदलते हैं। तीन तलाक के पीछे ओछी मानसिकता है।
राम का सौदा
नवंबर 2022 में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि भाजपा के लोग राम का भी सौदा कर लेते हैं। ये जनता को और राम को भी बेच देते हैं। उस वक्त भी सपा ने किनारा कर लिया था।
सपा ने यह कहते हुए कि मौर्य के बयान से खुद को दूर किया था कि यह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश इकाई ने कहा कि मौर्य इस टिप्पणी के लिए माफी मांगें और अपना बयान वापस लें. सामाजिक संस्था ‘सेंटर फॉर ऑब्जेक्टिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ के अध्यक्ष अतहर हुसैन ने सोमवार को कहा, ”हमारा विनम्र अनुरोध है कि जो लोग किसी भी रूप में सार्वजनिक जीवन में हैं, उन्हें किसी भी धार्मिक पुस्तक या व्यक्तित्व पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए.” उन्होंने कहा, ”बड़े पैमाने पर मुसलमानों के मन में पवित्र साहित्य के रूप में रामचरितमानस के लिए गहरा सम्मान है और हम ऐसी किसी भी टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं, जो इस धार्मिक पुस्तक का अपमान करती है.”