15 जुलाई 2001 को उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला हुआ था। मुख्तार अंसारी मऊ जा रहे थे तभी मुहम्मदाबाद कोतवाली के उसरी चट्टी में मुख्तार के काफिले पर कुछ हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। इसमें अन्य दो की भी मौत हुई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। इस दौरान मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। उस रात एक और व्यक्ति की गोली लगने से मौत हुई थी, जिसका नाम मनोज राय था।
मृतक मनोज राय के पिता शैलेंद्र राय ने अपने पुत्र की हत्या मुख्तार अंसारी व उनके सहयोगियों द्वारा किए जाने व उस समय उनका मामला पंजीकृत न किए जाने का दुखड़ा एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को लखनऊ जाकर सुनाई व कार्रवाई की मांग की। एडीजी के निर्देश पर शैलेंद्र राय की तहरीर पर पुलिस ने मुख्तार अंसारी,उनके चालक सुरेंद्र शर्मा, शाहिद,गौस मोइनुद्दीन और कमाल के खिलाफ धारा 147,148,149 व 302 का मामला पंजीकृत किया है।आरोप है कि घटना से एक दिन पहले मनोज राय को मुख्तार अंसारी गिरोह उसकी ससुराल गांव अवथही से उठा ले गया और हत्या कर दी गई। प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि मामला पंजीकृत कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।