इस्लामाबाद 20 जनवरी 2023: पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है. लगातार पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और वो दुनियाभर में झोली फैलाकर मदद की गुहार लगा रहा है. इसी बीच शहबाज शरीफ के भारत को लेकर रुख बदले बदले नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी. हालांकि बाद में उन्होंने कश्मीर का राग अलाप दिया।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक में साउथ एशिया पर एक सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि वह अपने देश के लिए अच्छे हो सकते हैं लेकिन मुझे उनमें सहभागी नजर नहीं आता, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी में नजर आती थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपने सबक सीख लिए हैं और अब वह आगे बढ़ना चाहता है। उनका यह कथन पाक पीएम शहबाज शरीफ के यूएई में दिए उस बयान से मेल खाता है जिसमें पीएम मोदी से बातचीत का अनुरोध किया था।
ऐसे में देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ये कहें कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर संजीदा है तो ये बात कुछ हजम नहीं होती. दरअसल हर वक्त जिस पड़ोसी देश भारत की नींव खोदने की पाकिस्तान लगातार कोशिशें करता रहता है. उसे लेकर अचानक से नरम लहजे में उतर आना. पाक पीएम का ये कहना कि यह हम पर निर्भर करता है कि हम अमन-चैन से रहे और तरक्की करें या फिर एक-दूसरे से झगड़कर वक्त और संसाधनों को बर्बाद करें ।
पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, “यूएई परमाणु हथियार संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत दोबारा शुरू करने में अहम भूमिका निभा सकता है.” बीते हफ्ते पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि उनका देश कश्मीर सहित भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का स्वागत करता है. बलोच ने ये भी कहा था कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत कोशिश करता रहेगा।