बिलासपुर 3 जनवरी 2022: जिले में पिछले सात साल से नगर निगम, पंचायतें और समाज कल्याण विभाग 37 हजार ऐसे हितग्राहियों को शासन की पेंशन योजना का लाभ दिलवा रहे हैं, जिनके बैंक खातों की सही जानकारी उनके पास मौजूद नहीं है। उनका बैंक खाता और आधार कार्ड से जुड़ नहीं पाया है।
फिर भी आंख मूंदकर सरकारी योजना में पैसों का भुगतान चल रहा। इसके अलावा शासकीय तौर पर इनके पात्र-अपात्र होने या डेटा भी किसी के पास नहीं है। इसके बावजूद भुगतान का खेल जारी है।
रायपुर के अधिकारी इन खातों का बंद कर इस माह से इनका पेंशन रोकने वाले हैं। ऐसा होने की स्थिति में नगर निगम और पंचायतें अपात्रों को लगभग 10 करोड़ से अधिक का अवैध भुगतान कर चुकी है, जिनसे वसूली होना भी असंभव होगा। फिर भी गड़बड़ी निरंतर जारी है।
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से बातचीत करने पर सामने आया कि बिलासपुर में तीन तरह की पेंशन योजनाएं लागू हैं। इनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, सामाजिक पेंशन योजना शामिल है।
जिले में केंद्र और राज्य से लागू इन योजना में यहां के एक लाख 42 हजार लोगों को इसका लाभ मिल रहा। लोगों तक पेंशन पहुंचाने की दो तरह व्यवस्था लागू है। नगर निगम की सूची पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर पेंशनधारियों के खातों में उनके अधिकार के पैसों को पहुंचा रहे।
समाज कल्याण विभाग संचालक श्रद्धा सिंह मैथ्यू का कहना है कि उनका विभाग निगम को हर महीने लगभग छह कराेड़ रुपए का भुगतान कर रहा है। उनके मुताबिक चूंकि वेरीफिकेशन और बाकी औपचारिकताएं नगर निगम के अधिकारियों को करनी है, इसलिए आधार सीडिंग की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। वे मान रही हैं कि जिले में आधार सीडिंग में देरी हुई है।
बुजुर्गों को हर महीने 350 और 650 रुपए आंवटित
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के तहत बिलासपुर में 141487 हितग्राही हैं। इनमें 37682 हितग्राहियों का आधार सात साल बाद उनके बैंक से अपडेट नहीं किया गया है। योजना के तहत 60 वर्ष से 79 वर्ष के हितग्राहियों को हर महीने 350 रुपए आवंटित हो रहे हैं। 80 साल के उम्र वालों को 650 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है।
नगद, ऑनलाइन और ऑफलाइन तीनों तरह के भुगतान
समाज कल्याण विभाग की रायपुर के अधिकारियों को भेजी गई जानकारी के मुताबिक इस योजना में ऑनलाइन और नगद दोनों तरह से भुगतान किया जा रहा है। सामाजिक सहायता पेंशन योजना में 141487 में से 133984 हितग्राहियों को डीबीटी के माध्यम से और 6679 को बैंक के माध्यम से व 961 हितग्राहियों को नगदी पैसे दिए जा रहे हैं।
7 साल में 74 %आधार सीडिंग, 26 %की जानकारी नहीं
इस पूरे मामले में समाज कल्याण विभाग और नगर निगम ने जिस तरह से हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा वही सवालों के घेरे में है। शासन के निर्देश पर साल 2016 से हितग्राहियों का आधार सीडिंग अनिवार्य है, लेकिन अभी तक सिर्फ 74 प्रतिशत आधार कार्ड को बैंक से जोड़ा गया है। संचालनालय के अधिकारी यह मानने लगे हैं कि यहां 26 प्रतिशत लोग नहीं है।