नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को लॉन्च कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को लॉन्च किया। इसकी मदद से मरीज और डॉक्टर अपने रिकॉर्ड्स चेक कर सकते हैं। इसमें डॉक्टर्स, नर्स समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का रजिस्ट्रेशन होगा, अस्पताल-क्लीनिक-मेडिकल स्टोर्स का रजिस्ट्रेशन होगा। पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक लोगों को किसी दूसरी जगह इलाज के लिए जाने पर अपना पूरा मेडिकल इतिहास ले जाना पड़ता है, लेकिन जब ऐसी सुविधाएं डिजिटली होंगी तब लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी मदद मिलेगी।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में, देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। आज एक ऐसे मिशन की शुरुआत हो रही है, जिसमें भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत है।
ऐसे बनवाएं हेल्थ आईडी
इस मिशन को सरकार ने ऐतिहासिक करार दिया है और इसके तहत हर नागरिक के पास हेल्थ आईडी होगी। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह होगा। इस कार्ड पर आपको एक नंबर मिलेगा, जैसा नंबर आधार में होता है। इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी। पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।
यूनिक हेल्थ कार्ड से क्या होगा फायदा
यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। इसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
हेल्थ आईडी में ये बातें होंगी दर्ज
- जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा
- आधार और मोबाइल नंबर की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा।
- इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी।
- जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा।