New Delhi : नए कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर आयोजित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज फिर दोहराया कि कृषि कानून (Farm Laws) रद्द होने के बाद ही ‘घर वापसी’ होगी।
टिकैत ने कहा कि हम पंचायती प्रणाली को मानने वाले लोग हैं। हम फैसलों के बीच में न पंच बदलते हैं और न ही मंच बदलते हैं। हमारा दफ्तर सिंघु बॉर्डर पर ही रहेगा और हमारे लोग भी वहीं रहेंगे। जो सरकार की लाइन थी बातचीत करने की उसी लाइन पर वह बातचीत कर लें। केंद्र चाहे तो आज बात कर ले या 10 दिनों में या अगले साल, हम तैयार हैं। हम दिल्ली से बैरिकेड्स हटाए बिना नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम देशभर में मार्च करेंगे और गुजरात भी जाएंगे और इसे मुक्त कराएंगे। यह केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित है। भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग कैद हैं। यदि वे आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें जेल हो जाती है। हम तारीख पर फैसला कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। इसके लिए आगे आने वाले दिनों में देशभर में ‘किसान महापंचायत’ आयोजित की जाएगी। मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता एवं उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं दी जाती तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
किसान संगठन ने गुरुवार को एक बयान जारी कहा कि उसकी टीम राज्यवार महापंचायत के कार्यक्रम के लिए योजना बना रही है। किसान संगठनों ने इस कदम का ऐलान अपनी मांगों को लेकर 18 फरवरी को देशभर में चार घंटे के लिए ‘रेल रोको’ आंदोलन की घोषणा करने के एक दिन बाद किया।
उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के तीन सीमा स्थलों-सिंघु, टीकरी एवं गाजीपुर बॉर्डरों पर पिछले 79 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं जिनमें अधिकतर पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।
यहां होंगी किसानों की महापंचायतें
प्रदर्शनकारी किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में महापंचायत होगी, इसके बाद 13 फरवरी को हरियाणा के बहादुरगढ़ में, 18 फरवरी को राजस्थान के श्री गंगानगर में, 19 फरवरी को राजस्थान के हनुमानगढ़ में, 23 फरवरी को राज्य के ही सीकर में किसानों की महापंचायत होगी।
बयान में दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की कर्ज माफी, पूरा दाम की जायज एवं वाजिब मांग को पूरा करने को लेकर गंभीर नहीं है। संगठनों ने दावा किया कि हरियाणा सरकार ने टीकरी बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव किया है।