Tuesday, March 19, 2024

CG में खुला राम वन गमन मार्ग, शंकर महादेवन के बोलो राम-राम गीत पर थिरक उठे CM, मानस मण्डली में बघेल ने स्वयं बजाया खंजरी : देखिए वीडियो


भारती बंधुओं ने कबीर के दोहे से बांधा समां, कबीर कैफे मुंबई की प्रस्तुति से झूम उठे दर्शक

छत्तीसगढ़ के जनमन में रचे बसे हैं राम: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल


रायपुर : राम वन गमन परिपथ विकास परियोजना के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी राम-धुन में रमे हुए नजर आए। इस अवसर पर अनेक अवसर ऐसे आए जब मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे कलाकारों की धुन के साथ अपनी ताल मिलाई। जब छत्तीसगढ़ के लोक कलाकर मानस-भजन प्रस्तुत कर रहे थे, तब वे खंजरी लेकर मानस-मंडली के बीच बैठ गए और स्वयं खंजरी बजाने लगे।

देखिए वीडियो :

शंकर महादेवन के बोलो राम-राम गीत पर दर्शकों के साथ थिरक उठे मुख्यमंत्री

इसी तरह जब बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति दे रहे थे, तब उनके गीतों में वे थिरकते नजर आए। शंकर महादेवन ने बोलो राम-राम और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया गीत गाकर दर्शकों को झूमने मजबूर किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ-साथ पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और अन्य मंत्रियों ने भी भाव-विभोर होकर प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

भारती बंधुओं ने कबीर के दोहे से बांधा समां

माता कौशल्या मंदिर और राम वन गमन पथ सौन्दर्यीकरण लोकार्पण समारोह के पहले दिन लोक कलाकरों एवं मुंबई के कलाकारों द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। कलाकारों की प्रस्तुति देखकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्रिगण सहित उपस्थित जन समुदाय मंत्रमुग्ध हो उठा। उन्होंने कलाकारों का उत्साहवर्धन भी किया। कार्यक्रम में श्री राजेन्द्र साहू और उनकी मंडली द्वारा रामायण के प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया। वहीं पद्मश्री भारती बंधुओं ने संत कबीर के दोहों तथा भजन के माध्यम से बांधा समां।

लोक गायिका श्रीमती कविता वासनिक ने राजगीत ‘अरपा पैरी की धार‘ से छत्तीसगढ़ वासियों का मन मोह लिया। महासमुंद के श्री नंदकुमार साहू की मानस राम मंडली ने छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के तृतीय चरण में कबीर कैफे मुंबई की ‘क्या लेकर आया जगत में, क्या लेकर जाएगा‘ जैसे गीतों की प्रस्तुति से दर्शक झूम उठे। वहीं इंडियन ओशियन कलाकारों के समूह ने ‘सुनो एक गाथा राम की‘ जैसे मनमोहक गीतों की प्रस्तुति से दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया।

देश-दुनिया के लिए छत्तीसगढ़ में खुला राम वन गमन मार्ग

भगवान राम जिस वन पथ पर चलकर मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए आज छत्तीसगढ़ में वह वन पथ देश-दुनिया के लिए खुल गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मां कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय भव्य समारोह का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ से बड़ा गहरा नाता है।

भगवान श्री राम हम छत्तीसगढ़ियों के जीवन और मन में रचे बसे हैं। सोते-जागते, एक-दूसरे का अभिवादन करते, सुख हो अथवा दुख हर पल हम छत्तीसगढ़िया लोग भगवान श्री राम का सुमिरन करते हैं। हम छत्तीसगढ़िया लोग, भगवान श्री राम को माता कौशल्या के राम, भांचा राम, वनवासी राम, शबरी के स्नेही और दयालु राम के रूप में जानते और मानते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण, गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ के जन जीवन, लोक संस्कृति, लोक गीत में गहरा प्रभाव देखने और सुनने को मिलता है। भगवान श्री राम ने अपने वनवास की 14 साल की अवधि में से लगभग 10 साल की अवधि छत्तीसगढ़ में व्यतीत की। माता कौशल्या से मिले संस्कार और छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, वनवासियों और किसानों के साथ बिताई अवधि ने उनके व्यक्तित्व को इतनी ऊंचाई दी कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी को प्रणाम करते हुए सभी लोगों को नवरात्रि पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज यहां का वातावरण ऐसा लग रहा है जैसे माता कौशल्या भगवान राम को लेकर मायके चंदखुरी आई है, पूरा दृश्य मनोरम हो गया है। चंदखुरी ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का यह प्रताप है कि छत्तीसगढ़िया लोग भांचा को राम के रूप में मानते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं।

भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण

चंदखुरी के प्राचीन माता कौशल्या मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधिविधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का लाईट के माध्यम से अनावरण किया।  गौरतलब है कि कौशल्या माता मंदिर का जीर्णाेद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। वैश्विक पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जा रहे मंदिर परिसर में 51 फीट ऊंची श्रीराम प्रतिमा स्थापित की गई है। साथ परिसर में भव्य गेट, मंदिर के चारांे ओर तालाब का सौंदर्यीकरण, आकर्षक पथ निर्माण, वृक्षारोपण किया गया है। मंदिर चारों ओर से मनमोहक उद्यानों से घिरा है, तालाब के मध्य में शेषनाग शैय्या पर शयन मुद्रा में भगवान विष्णु के चरण दबाते मां लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है, दूसरी ओर समुद्र मंथन के दृश्य को प्रतिबिंबित करती हुई देव-दानवों की मूर्तियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ के पग-पग पर होंगे भगवान श्रीराम के दर्शन

छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रारंभ की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना का आज मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। इस पर्यटन परिपथ के कोरिया जिले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्व की कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है। इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।

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