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Ramadan Mubarak 2021 : महामारी में इस रमजान, एहतियात के साथ इबादत, जानिए पूरे 30 दिन का सहरी और इफ्तार का टाइम टेबल


- रमजान इस्लाम धर्म में मुबारक महीना है
- इस पूरे महीने 30 दिन का रोजा रखा जाता है
- 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है रमजान का महीना
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रायपुर : माह-ए-इबादत रमजान का आगाज हो चुका है। लगातार दूसरे साल कोरोना महामारी के मुश्किल वक्त में ये मौका आया है। अपना खयाल रखें, अपनों का खयाल रखें। खुद पैगंबर मोहम्मद साहब के जमाने में ताऊन नामक वबा (महामारी) फैली थी, जिसका रूप कोरोना जैसा ही था।
तब मोहम्मद साहब ने यह तदबीर फरमाई कि जहां बीमारी फैली हुई हो, वहां दूसरे लोग ना जाएं और वहां के लोग दूसरी जगह ना आएं। आज के हालात में यह तदबीर सटीक है। बेहद जरूरी है कि मस्जिदाें में भीड़ ना हाे। दूरी रखी जाए। अल्लाह इबादत देखता है न कि जगह।
सुरक्षित रमजान- इस्लाम में जीवन ही सर्वोच्च है
संक्रामक रोग से पीड़ित व्यक्ति दूसरे सेहतमंद लोगों से दूर रहें। अगर किसी शख्स को किसी तरह की संक्रामक बीमारी हो जाए तो बाकी लाेग उससे दूरी बनाकर रखें। (अल बुखारी 6771, अल मुस्लिम 2221)
3 महत्वपूर्ण बातें- घर में नमाज, वुजू-मास्क और भीड़ से दूरी ही है सुरक्षित रमजान
1. मस्जिद जैसा सवाब घर पर नमाज पढ़ने में भी है
वबा (महामारी) के वक्त घर भी मस्जिद है। जो सवाब (पुण्य) मस्जिद में नमाज का है। वबा या ऐसी महामारी के दाैरान वही सवाब घर में पढ़ी हुई नमाज का है।
-अल तिरमजी (अल-सलाह, 291)
2. हाथ बार-बार धोते रहें, मास्क का इस्तेमाल करें
पैगंबर मुहम्मद साहब को छींक-खांसी आती थी, तो वे कपड़े से मुंह ढक लिया करते थे। हुजूर ने फरमाया कि अपने घर आते ही अपने हाथ धो लें।(अबू दाऊद, अल तिरमजी,
बुक 43, हदीश 2969)
3. जहां संक्रमण है वहां से दूर रहें, यही समझदारी
हजरत उमर के जमाने में युद्ध के लिए उनकी सेना ऐसी जगह पहुंची जहां वबा फैली थी। हजरत ने सेना को वापस बुला लिया। लोगों ने विरोध किया, लेकिन उन्होंने वहां सेना भेजने से इंकार कर दिया।
-इस्लामिक इतिहास से
सुरक्षित रमजान की गाइड-लाइन
- संक्रमित हैं या गंभीर बीमारी है तो रोजे के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
- किसी से हाथ न मिलाएं, बल्कि दिल पर हाथ रख उसे दुआएं दें।
- संक्रमण से बचते हुए गरीबों को खाना-इफ्तारी देते रहें।
- घर पर ही इबादत पर जोर दें। बच्चों को भी डिसिप्लिन सिखाएं।
- न इफ्तार पार्टी करें ना किसी की दी हुई इफ्तार पार्टी में जाएं। घर पर रहें।
- नमाज के दौरान दूरी बनाएं रखें, मस्जिदों में बेवजह भीड़ न बढ़ाएं।
खास बातें इन्होंने बताईं
- डॉ. जीनत शौकत अली, डायरेक्टर जनरल, विजडम फाउंडेशन } मौलाना शब्बीर अहमद नूरी, तंजीमुल उलेमा, बिलासपुर
- हाफिज मोहम्मद उस्मान, तारबाहर
- सै. शौकत अली, अध्यक्ष, एआईएमईएस
Ramzan 2021 : रमजान का पाक महीना 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है। आइए जानते है रमजान के मुबारक महीने के तीसों दिन का क्या है सहरी और इफ्तार का टाइम टेबल
रमजान के पवित्र महीने के लिए भारत में मंगलवार को चांद दिख गया है। अब बुधवार से रमजान में रोजे रखने की शुरुआत होगी। रमजान में दुनिया भर के मुसलमान पूरे दिन उपवास रखते हैं। ये महीना अपनी इच्छाओं पर लगाम लगाने का है। माहे रमजान एक महीने का होता है जिसमें मुस्लिम संप्रदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते है और इस दौरान रोजाना 30 दिन सहरी और इफ्तार का खासा महत्व होता है।
रमजान का मुक़द्दस (पवित्र) महीना हर इंसान को अपनी जिंदगी को सही राह पर लाने का पैगाम देता है। खुद को हर बुराई से बचाकर अल्लाह के नजदीक ले जाने की यह सख्त कवायद हर मुस्लिम के लिये खुद को पाक-साफ करने का सुनहरा मौका होती है।
इस महीने में सहरी और इफ्तार का खासा महत्व होता है। सुबह के समय सहरी का वक्त होता है और शाम को इफ्तार का। इन दोनों का ही समय तय होता है और उसी के हिसाब से सहरी और रोजा इफ्तार किया जाता है। आइये जानते हैं इस बार क्या है सहरी और इफ्तारी का वक्त। देखिए रमजान महीने का पूरा टाइम टेबल।
Ramadan Time Table 2020 (रमादान टाइम टेबल 2021 )
Ramzan 2021 Calendar: Sehri and Iftar Daily Timings
तारीख | सहरी टाइम टेबल | इफ्तार टाइम टेबल |
14 अप्रैल,2021 | 4:35 AM | 6:47 PM |
15 अप्रैल,2021 | 4:34 AM | 6:48 PM |
16 अप्रैल, 2021 | 4:32 AM | 6:48 PM |
17 अप्रैल,2021 | 4:31 AM | 6:49 PM |
18 अप्रैल,2021 | 4:30 AM | 6:49 PM |
19 अप्रैल,2021 | 4:29 AM | 6:50 PM |
20 अप्रैल,2021 | 4:27 AM | 6:50 PM |
21 अप्रैल,2021 | 4:26 AM | 6:51 PM |
22 अप्रैल, 2021 | 4:25 AM | 6:52 PM |
23 अप्रैल,2021 | 4:24 AM | 6:52 PM |
24 अप्रैल, 2021 | 4:23 AM | 6:53 PM |
25 अप्रैल, 2021 | 4:22 AM | 6:53 PM |
26 अप्रैल, 2021 | 4:19 AM | 6:54 PM |
27 अप्रैल, 2021 | 4:20 AM | 6:55 PM |
28 अप्रैल , 2021 | 4:18 AM | 6:55 PM |
29 अप्रैल, 2021 | 4:17 AM | 6:56 PM |
30 अप्रैल, 2021 | 4:16 AM | 6:56 PM |
1 मई , 2021 | 4:15 AM | 6:57 PM |
2 मई , 2021 | 4:14 AM | 6:58 PM |
3 मई, 2021 | 4:13 AM | 6:58 PM |
5 मई 2021 | 4:12 AM | 6:59 PM |
6 मई, 2021 | 4:11 AM | 6:59 PM |
7 मई , 2021 | 4:10 AM | 7:00 PM |
8 मई , 2021 | 4:09 AM | 7:01 PM |
9 मई , 2021 | 4:08 AM | 7:01 PM |
10 मई , 2021 | 4:06 AM | 7:02 PM |
11 मई , 2021 | 4:05 AM | 7:03 PM |
12 मई , 2021 | 4:04 AM | 7:04 PM |
13 मई , 2021 | 4:03 AM | 7:04 PM |
रमजान का महीना पाक महीना होता है जिसमें इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह से अपनी गलतियों की माफी मांगते हैं और अच्छे कर्म करने का फैसला लेते हैं। यह महीना त्याग और समर्पण का होता है।



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CG : राज्यपाल उइके और CM बघेल रायपुर में दावते रोजा इफ्तार में हुए शामिल ; प्रदेशवासियों की खुशहाली तथा सुख-समृद्धि के लिए मांगी दुआ


- देश और प्रदेश के विकास के लिए एकजुटता और आपसी भाईचारा महत्वपूर्ण : राज्यपाल उइके
- बुराई को त्याग कर अच्छाई को अपनाने के लिए प्रेरित करता है रमजान का महीना : मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर : राज्यपाल अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को राजधानी रायपुर के नेताजी सुभाष स्टेडियम में आयोजित दावते रोजा इफ्तार में शामिल हुए और प्रदेशवासियों की खुशहाली तथा सुख-समृद्धि के लिए दुआ मांगी।
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राज्यपाल उइके ने दावते रोजा इफ्तार में सभी समुदाय के धर्म गुरूओं को एक साथ आमंत्रित कर आपसी भाईचारा तथा खुशहाली से मनाए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री बघेल को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना बुराई का त्याग करने के लिए प्रेरित करता है और अपनी धार्मिक मान्यता के अनुरूप व्यक्ति को सदाचरण की ओर ले जाता है। उन्होंने दावते रोजा इफ्तार में सभी धर्म गुरूओं के शामिल होने पर उसे गंगा-जमुनी तहजीब का अनुपम उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के विकास के लिए यह एकजुटता और आपसी भाईचारा महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रमजान का महीना इबादत का महीना है। इस महीना में लोग रोजा रखकर ईश्वर की आराधना करते हैं। यह एक ऐसा महीना है जो इंसान को बुराई से अच्छाई की ओर चलने के लिए प्रेरित करता है। रोजा खुदा की इबादत का एक ऐसा जरिया है जो रोजेदार को उस दुनिया के साथ-साथ इस दुनिया के लिए भी लायक बनाता है। इस पवित्र महीने में सभी के मन के भाव एक हो जाते हैं, सभी का लक्ष्य एक हो जाता है। सभी एक जैसा तप करते हैं और एक जैसी अनुभूतियों से गुजरते हैं। भावों और अनुभूतियों का एक हो जाना ही आध्यात्म की चरम ऊंचाई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रमजान का सबसे महत्वपूर्ण संदेश यही है कि एक दूसरे से सम हुए बिना ईश्वर-अल्लाह के साथ सम नहीं हुआ जा सकता। जहां समता होगी, वहीं पर परस्परता होगी। जहां पर परस्परता होगी वहीं पर एकजुटता होगी। और जहां एकजुटता होगी वहीं पर भाईचारा होगा। इस्लाम की परंपराएं परस्परता और भाईचारे की ओर प्रेरित करती हैं। मिल-जुलकर जीने के साथ-साथ मिल-जुलकर ईश्वर को प्राप्त करना सिखाती हैं। गरीबों, मजलूमों और कमजोर लोगों का हाथ पकड़कर उन्हें भी अपने साथ चलाना सिखाती हैं। आप सभी ने इस पवित्र महीने में रोजा रखकर खुदा की इबादत की है। वह आपकी हर दुआ कबूल करेगा। मैं आप सभी को ईद की अग्रिम शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, महापौर नगरपालिक निगम रायपुर एजाज ढेबर, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, विधायकगण सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, मोहन मरकाम, छत्तीसगढ़ राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, सभापति प्रमोद दुबे सहित विभिन्न समुदायों के धर्मगुरू बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


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Good Friday : गुड फ्राइडे आज, जानिए क्यों मनाया जाता है व इस दिन से जुड़ी अहम बातें ; 17 को मनाया जाएगा ईस्टर संडे


Good Friday 2022 : आज 15 अप्रैल 2022 को गुड फ्राइडे और 17 अप्रैल 2022 को ईस्टर संडे मनाया जाएगा। मान्यता है कि रविवार के दिन यीशु ने येरुशलन में प्रवेश किया था। विद्वानों का मत है कि 29ई को प्रभु ईसा गधे पर चढ़कर यरुशलम पहुंचे थे और लोगों ने खजूर की डालियां बताकर उनका स्वागत किया था, इसलिए इस दिन पाम संडे कहा जाता है। यहीं यरुशलम या जेरूसलम में उनके खिलाफ षड़यंत्र रचा गया और शुक्रवार को सूली पर लटका दिया गया। सूली पर लटाने की घटना को गुड फ्राइडे के नाम से जानते हैं।
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प्रभु ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे। धार्मिक अंधविश्वास करने वाले लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है। प्रभु यीशु के बलिदान की वजह से इस दिन को गुड फ्राइडे कहते हैं।
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे। उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है। यह शोक का दिन है। इस दिन चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं।
लोग प्रभु यीशु की याद में काले वस्त्र धारण कर पदयात्रा निकालते हैं। इस दिन चर्च में कैंडल नहीं जलाई जातीं और न ही घंटियां बजाई जाती हैं। गुड फ्राइडे को लोग अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। गुड फ्राइडे को शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है। क्रॉस को चूमकर प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं।


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Subho Noboborsho 2022 : आज से शुरू हो रहा है बंगाली नववर्ष, जानें कैसे और क्यों मनाया जाता है पोइला बोइशाख


Happy Bengali New Year 2022 : पूरा विश्व एक जनवरी को नया साल मनाता है, लेकिन भारत एक ऐसा देश है, जहां एक जनवरी के अलावा और भी कई बार नया साल मनाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर अपनी संस्कृति और परंपराओं के आधार पर नया साल मनाया जाता है। इसी तरह आज पश्चिम बंगाल में बंगाली समुदाय के लोग अपना नया साल मना रहे हैं।
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हिंदी कैलेंडर के अनुसार, चैत्र का महीना खत्म होते ही बैसाख का महीना शुरू हो जाता है और बंगाली समुदाय के लिए बैसाख माह का पहला दिन बहुत खास महत्व रखता है। इस दिन बंगाली समुदाय के नववर्ष की शुरुआत होती है। इस साल बंगाली नववर्ष 15 अप्रैल 2022 यानी आज से शुरू होने जा रहा है। बंगाल में इसे पोइला बोइशाख कहते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे मनाया जाता है ये पोइला बोइशाख और क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं ;
कैसे मनाते हैं पोइला बोइशाख?
बंगाली समुदाय के लोग पोइला बोइशाख यानी साल के पहले दिन घरों की साफ-सफाई करते हैं और नए कपड़े पहनकर पूजा करते हैं। अच्छे पकवान बनाते हैं और एक दूसरे को नए साल की बधाई देते हैं।
इस दिन बंगाली लोग एक-दसूरे को गले मिलकर शुभो नोबो बोरसो कहकर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं। शुभो नोबो बोरसो का हिंदी अर्थ होता है ‘नया साल मुबारक हो’।
साथ ही इस दिन मंदिर में जाकर ईश्वर के दर्शन करने और बड़ों का आशीर्वाद लेने की परंपरा है। इसके अलावा बंगाल के कई इलाकों में पोइला बोइशाख के दिन गौ माता की भी पूजा की जाती है। सुबह गौ माता को स्नान कराकर उन्हें तिलक लगाया जाता है। इस दिन गाय को भोग लगाकर उनका पांव छूकर आशीर्वाद लिया जाता है।
पश्चिम बंगाल में पोइला बोइशाख का दिन बहुत शुभ माना गया है। इस माह में सभी शुभ कार्य दैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नया घर खरीदने जैसे अदि कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन कई जगह पर मेलों का आयोजन किया जाता है।
क्या है मान्यता ?
बंगाली समुदाय में इस दिन सुबह जल्दी उठकर उगते सूर्य को देखने की भी परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से पूरे साल भर सफलता प्राप्त होती है। वहीं कई जगहों पर इस दिन लोग नाश्ते में प्याज, हरी मिर्ची और फ्राईड फिश के साथ भात खाते हैं।
पोइला बोइशाख के दिन पूरे साल अच्छी बारिश के लिए बादलों की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन परिवार की समृद्धि और भलाई के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।


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