देश-विदेश
दिल्ली-एनसीआर, पंजाब सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके, अभी तक नुकसान की खबर नहीं


National Desk : दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। धरती रात 10:31 बजे हिली और भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में था और इसकी तीव्रता 6.3 बताई गई है। कुछ ही मिनटों बाद पंजाब में दोबारा भूकंप आने की खबरों से डर का माहौल बन गया। न्यूज एजेसी एनआई की ओर से बताया गया कि रात 10:34 बजे दूसरी बार धरती हिली तो इसका केंद्र पंजाब के अमृतसर में था, लेकिन मौसम विभाग ने अमृतसर में भूकंप का केंद्र होने से इनकार किया है।
भूकंप के झटके उस समय महसूस किए गए जब लोग सोने की तैयारी में थे। झटके इतने तेज थे कि लोग डर के मारे घर से बाहर भागे। दिल्ली-एनसीआर में ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग तो बेहद खौफजदा थे, क्योंकि ऊंची इमारतों में कंपन अधिक महसूस होती है। लोग सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। लोग एक दूसरे को फोन करके खैरियत पूछने लगे।
हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक कहीं से किसी तरह के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। हालांकि, झटके इतने तेज हैं कि नुकसान की आशंका जाहिर की जा रही है। कुछ जगहों से दीवारों में दरारों की तस्वीरें सामने आई हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अभी तक अमृतसर या पंजाब के अन्य हिस्सों से नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर करीब से निगाह बनाए हुए है। उधर, भूकंप के झटके पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महसूस किए गए हैं।
जस्थान की राजधानी में शुक्रवार रात भूकंप का झटका महसूस किया गया। राजधानी जयपुर में लोगों ने भूकंप के झटके को महसूस किए, हालांकि इसमें किसी प्रकार के किसी नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी भूकंप का कंपन महसूस किया और ट्वीट के जरिए कहा, ”भूकंप का कंपन महसूस हुआ है, मैं ईश्वर से सभी की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”
Earthquake in Jalandhar.l, everybody is out of hostel #earthquake pic.twitter.com/oN3bPIuzFj
— Rohan Lumia (@LumiaRohan) February 12, 2021
Earthquake. Major one 😰 pic.twitter.com/a6EoYfycKf
— Ujala Arora (@WhereIsMy_Food) February 12, 2021
An earthquake of magnitude 6.1 on the Richter scale hit Amritsar, Punjab at 10:34pm today: National Centre for Seismology #earthquake pic.twitter.com/SdBnn9rYla
— रितिका चौधरी🇮🇳 (@RitikaaChaudhry) February 12, 2021
This felt in Delhi/NCR #earthquake pic.twitter.com/Tmb9HqVeH3
— Prof. इलाहाबादी 2.0 (نور) (@NooreAvadh) February 12, 2021



देश-विदेश
वर्ल्ड इकोनामिक फोरम ने वन संरक्षण के लिए CG में किए जा रहे कार्यों को सराहा ; VC के माध्यम से परिचर्चा में शामिल हुए CM बघेल


रायपुर : वर्ल्ड इकोनामिक फोरम द्वारा विश्व स्तर पर वन ट्रिलियन ट्री योजना पर काम किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत वर्ल्ड इकोनामिक फोरम पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहा है। छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण को और कैसे बेहतर बनाया जा रहा है इस संबंध में वन ट्रिलियन ट्री कार्यक्रम की प्रमुख निकोल सेवाड के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से परिचर्चा में शामिल हुए। इस परिचर्चा में भारत में वन ट्रिलियन ट्री कार्यक्रम की संचालक रित्विका भट्टाचार्य और भैरवी जानी ने कार्यक्रम के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
परिचर्चा में वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की तरफ से वन ट्रिलियन ट्री की प्रमुख सुश्री निकोल सेवाड ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण, ट्री कवर और फारेस्ट कवर को बढ़ाने के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की। सुश्री निकोल सेवाड ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जंगल को अर्थव्यवस्था से जोड़ना एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।
परिचर्चा में मुख्यमंत्री बघेल ने वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में साइंटिफिक तरीके से वनों के संरक्षण और भूजल स्रोत को रीचार्ज करने का काम किया जा रहा है जिससे छत्तीसगढ़ के नाले 10 से लेकर 30 सेंटीमीटर तक रीचार्ज हुए हैं। मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपजों के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा रहा है, यदि इनके लिए लघु उद्योगों की स्थापना की जाए तो ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बहुत फायदा होगा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी लोग जागरूक होंगे।
परिचर्चा में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगलों को वन वासियों ने ही बचाया है और वे वनों के रक्षक हैं। छत्तीसगढ़ में 42 फीसदी क्षेत्र जंगलों से घिरा हुआ है और राज्य में 31 फीसदी आबादी आदिवासियों की है जो प्रमुख रूप से वनों पर निर्भर हैं। इन्हें और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टों का वितरण कर रही है।
मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड इकोनामिक फोरम को सुझाव देते हुए कहा कि मौसम के अनुसार ही यदि हम पौधों का रोपण करें तो वनों के विकसित होने की संभावनाएं ज्यादा रहेंगी और ये तभी हो सकेगा जब इनको पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार ने यही काम किया है। इससे नालों में पानी रीचार्ज हुआ है और पानी की पर्याप्त मात्रा होने की वजह से जंगल का दायरा बढ़ रहा है।
वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के साथ मुख्यमंत्री श्री बघेल की वीडियो कांफ्रेंसिंग परिचर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी भी मौजूद थे।


CORONA VIRUS
Covid Update India : कोरोना केसों में 25.8% उछाल, भारत में 24 घंटे में 16,047 नए केस ; जानिए मौतों का आकड़ा


National Desk : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 16,047 नए केस सामने आए और 54 लोगों की मौत हुई. अब तक कुल 44,190,697 केस सामने आ चुके हैं. वहीं सक्रिय मामलों की बात करें तो उनकी संख्या 128,261 है. पिछले 24 घंटे में 19,539 लोग कोरोना से ठीक हुए, अब तक कोरोना से 43, 535,610 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. कोरोना से कुल 526,826 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में 15,21,429 वैक्सीनेशन हुआ. अब तक कुल 2,07,03,71,204 वैक्सीनेशन हो चुका है.
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,372 नए मामले, छह लोगों की मौत
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,372 नए मामले सामने आए, जबकि संक्रमण से छह लोगों की मौत हो गई. राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर बढ़कर 17.85 प्रतिशत हो गई है, जो 21 जनवरी के बाद से सर्वाधिक है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के 19,70,899 मामले सामने आ चुके हैं और इससे 26,336 लोगों की मौत हुई है। संक्रमण की दर सात अगस्त को 17.85 प्रतिशत दर्ज की गई, जो 21 जनवरी के बाद से सर्वाधिक है. तब संक्रमण दर 18.04 प्रतिशत दर्ज की गई थी. दिल्ली में अभी 7,484 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है.


देश-विदेश
बिहार में भाजपा को झटका : सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा, तेजस्वी के साथ 160 विधायकों के समर्थन से महागठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे


पटना : बिहार में जेडीयू और भाजपा के ‘ब्रेकअप’ का ऐलान भले ही अब हुआ हो लेकिन पिछले कुछ महीनों से ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच करीबी देखी जा रही थी। नीतीश से इस बारे में कई बार सवाल किया गया तो उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट का नाम देकर ही छोड़ दिया था। हालांकि अंदर जो खिचड़ी पक रही थी, आज वह सामने आ गई है और बिहार की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। 20 साल बाद करीब आने के बाद जो साथ 2017 में छूट गया था, वह फिर से जुड़ गया और एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
साल 2015 से 2017 तक महागठबंधन की सरकार थी जिसमें कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू शामिल थी। हालांकि कुछ इसी अंदाज में तब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से दूरी बना ली और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। नीतीश ने आज जो कुछ भी किया, उसका इशारा वह पहले ही दे चुके थे। आइए जानते हैं उन्होंने कब-कब भाजपा को संकेत दिए थे।
विधानसभा में नीतीश के साथ दिखी आरजेडी
जून में बिहार विधानसभा का सत्र खत्म हुआ है। इस बार का यह सत्र बेहद शांतिपूर्ण रहा। इसमें न तो तेजस्वी यादव ने ही नीतीश सरकार का विरोध में कोई बड़ी बात कही और न ही आरजेडी के नेताओं ने। बता दें कि बिहार में आरजेडी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है।
लालू प्रसाद यादव के इलाज की व्यवस्था
74 साल के लालू प्रसाद यादव का स्वास्थ्य जब ज्यादा बिगड़ गया और वह पटना से दिल्ली पहुंचे तो नीतीश कुमार खुद सारी व्यवस्था देख रहे थे। उन्होंने उनको दिल्ली पहुंचाने की भी व्यवस्था की थी।
मोदी सरकार के खिलाफ आरजेडी के विरोध को भी समर्थन
रविवार को तेजस्वी यादव की पार्टी ने महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। नीतीश सरकार ने इस प्रदर्शन के लिए काफी इंतजाम किए थे। सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई थी। साफ दिखायी दे रहा था कि इस विरोध प्रदर्शन को नीतीश सरकार का पर्दे के पीछे से समर्थन मिल रहा है।
जातिगत जनगणना पर तेजस्वी-नीतीश का साथ
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नीतीश का साथ तेजस्वी को पहले से ही मिलता रहा है। जब केंद्र सरकार ने कहा कि इस बार जातिगत जनगणना संभव नहीं है तो नीतीश कुमार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने ऐलान किया था कि बिहार में जाति के हिसाब से गिनती होगी।
तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे नीतीश
मई में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के घर पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। रमजान के महीने में इफ्तार का आयोजन किया जाता है। 72 साल के नीतीश न सिर्फ इफ्तार में शामिल हुए बल्कि तेजस्वी के साथ वह घर से बाहर निकले। ऐसा लगता है कि वह मीडिया और भाजपा दोनों को परिवर्तन का संकेत देना चाहते थे। इसके बात तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। यहां भी वे दोनों साथ में ही गेट से बाहर निकले।
लालू यादव की फिक्र
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जब भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया गया तो न तो जेडीयू के किसी नेता ने और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कार्रवाई पर कोई टिप्पणी की। इसका मतलब साफ था कि नीतीश कुमार केंद्र की इस कार्रवाई का समर्थन नहीं करते थे। लालू प्रसाद यादव उस वक्त एक दूसरे मामले में जमानत मिलने के बाद अस्पताल में थे।


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