नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का वार्षिक आम बजट पेश कर दिया. इसे आम आदमी के जीवन से जुड़े हर क्षेत्र को स्पर्श करने वाला बजट बताया जा रहा है. केंद्र सरकार के इस बजट में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने वाली कई प्रभावी योजनाओं की भरमार है. केंद्र सरकार ने युवा और खेल मामलों के मंत्रालय के लिए 3397.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो पिछले साल के बजट से 723.97 करोड़ रुपये ज्यादा है।
खेल बजट की बात करें तो कोरोना के दौरान इसमें भारी कटौती देखने को मिली थी। साल 2020-21 में खेल बजट 2826.92 करोड़ रुपये का था। 2021-22 में इसमें 606.73 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी यानी 2021-22 में खेल बजट 2250.19 करोड़ रुपये का था। पिछले साल कुल खेल बजट 3062.60 का था, जिसे रिवाइज कर 2673.35 करोड़ रुपये का कर दिया गया था। अब यह 3397.32 करोड़ रुपये का हो गया है। यानी 723.97 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल भी स्पोर्ट्स बजट में 423.16 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई थी।
ओलंपिक समेत तमाम मल्टीस्पोर्ट्स की तैयारियों के लिए विदेश में प्रतिस्पर्धा और अभ्यास का खर्च खेल मंत्रालय ही वहन करता है। खेलो इंडिया के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में 890.42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके बाद 2021-22 के खेल बजट में खेलो इंडिया के लिए 232.71 करोड़ रुपये की कटौती की गई थी। वर्ष 2021-22 में इस मद को घटाकर 657.71 करोड़ रुपये कर दिया गया था। वहीं, 2022-23 में खेलो इंडिया कार्यक्रम में 316 करोड़ 29 लाख रुपये का इजाफा किया गया और इसे बढ़ाकर 974 करोड़ रुपये कर दिया गया था। 2023-24 के लिए इस बजट को 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।