नई दिल्ली:74वें गणतंत्र दिवस पर सेनाओं ने स्वदेशी की ताकत दिखाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर जब तिरंगा फहराया, उसके बाद परेड की शुरुआत हुई। सेनाओं के स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान नारी शक्ति की तस्वीर दिखी। डेयर डेविल्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और 50 एयरक्राफ्ट के फ्लाई पास्ट में राफेल गरजे। इनके अलावा आर्म्ड फोर्सेस, राज्यों और विभागों की 23 झांकियां निकाली गईं।
गणतंत्र दिवस की सुबह मोदी ने वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आजादी के योद्धाओं का सपना हम सभी मिलकर पूरा करेंगे। इस बार इजिप्ट यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी मुख्य अथिति थे। उनके देश की टुकड़ी ने भी परेड मेें हिस्सा लिया।
परेड की वो बातें, जिन पर गर्व है…
पहली बार भारतीय तोपों ने सलामी दी। अब तक ब्रिटेन में बनी तोपों से सलामी दी जाती थी।
अर्जुन टैंक, वज्र तोपों और आकाश मिसाइल सिस्टम के अलावा कर्तव्य पथ पर ब्रह्मोस मिसाइल नजर आई। खास बात ये कि ये सभी स्वदेशी हथियार हैं।
एयर डिफेंस मिसाइल रेजिमेंट की ओर से आकाश वेपन सिस्टम को लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने लीड किया। उनके साथी लीडर कैप्टन सुनील दशराथे थे।
नौसेना की टुकड़ी के 144 सेलर्स का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया। 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ पर नजर आए।
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की पूरी टुकड़ी में सिर्फ महिलाएं थीं। यह ऑल वुमन कॉन्टिजेंट था।
डेयर डेविल्स ने कर्तव्य पथ पर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
सिग्नल कॉर्प्स की डेयर डेविल्स टीम ने कर्तव्य पथ पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। कॉर्प्स के हवलदार सुजीद मोंडल ने 18 फीट ऊंची सीढ़ी लगाकर मोटरसाइकिल चलाई। कॉर्प्स के मुताबिक, दुनिया में कभी भी मोटरसाइकिल पर इतनी ऊंचाई वाली सीढ़ी से सवारी नहीं की गई। सुजीद के अलावा लांस नायक अजय यादव ने मोटरसाइकिल पर 50 योग मुद्राएं दिखाईं और नायक स्वप्निल ए ने सूर्य नमस्कार किया।
PM मोदी इस बार तीन रंग वाली राजस्थानी पगड़ी में नजर आए, पिछली बार पहनी थी उत्तराखंड की टोपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड से पहले वॉर मेमोरियल गए। शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी भगवा-पीले-लाल रंग की राजस्थानी पगड़ी और सफेद मफलर में नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार गणतंत्र दिवस पर कुर्ता-पायजामा पहना था। उनके गले में मणिपुर का पारंपरिक लेंग्यान गमछा था। उन्होंने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी, जिस पर ब्रह्मकमल बना था। पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी ऐसी ही टोपी पहनते थे।