खेल
टीम इंडिया के ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की


Sports Desk : टीम इंडिया के ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है। यूसुफ ने भारत के लिए 57 वनडे और 22 टी20 मैच खेले और वह 2007 में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में चैंपियन बनी टीम इंडिया का हिस्सा रहे। यूसुफ पिछले काफी सालों से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे और आईपीएल में भी किसी फ्रेंचाइजी ने उनको टीम में शामिल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी
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I thank my family, friends, fans, teams, coaches and the whole country wholeheartedly for all the support and love. #retirement pic.twitter.com/usOzxer9CE
— Yusuf Pathan (@iamyusufpathan) February 26, 2021
यूसुफ पठान ने अपने रिटायरमेंट की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मैं अपनी फैमिली, फैन्स, दोस्त, टीमें कोचों और पूरे देश को दिल से सपोर्ट और प्यार देने के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं।’ यूसुफ ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर की शुरुआत 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले टी20 मैच से की थी। इसके बाद यूसुफ ने साल 2008 में पाकिस्तान के खिलाफ ही अपना पहला वनडे मुकाबला भी खेला। यूसुफ पठान साल 2011 में खेले गए विश्व कप में भी टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे। बड़ौदा के इस ऑलराउंडर ने साल 2012 के बाद कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला। आईपीएल में भी यूसुफ का प्रदर्शन काफी शानदार रहा था और इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन में राजस्थान रॉयल्स को चैंपियन बनाने में ऑलराउंडर ने बड़ी भूमिका निभाई थी।
यूसुफ ने अपने वनडे करियर में खेले 57 मैचों की 41 पारियों में 27 की मामूली औसत से 810 रन बनाए और 33 विकेट झटके। वहीं, टी20 फॉर्मेट में इस ऑलराउंडर का प्रदर्शन बढ़िया रहा और उन्होंने 22 मैचों की 18 पारियों में 146.58 के स्ट्राइक रेट से 236 रन बनाए, जबकि गेंदबाजी में 13 विकेट अपने नाम किए। आईपीएल में यूसुफ कोलकाता नाइटराइडर्स और राजस्थान रॉयल्स जैसी शानदार टीम का हिस्सा रहे। यूसुफ पठान ने आईपीएल 2010 में मुंबई इंडियंस के खिलाफ महज 37 गेंदों में शतक जड़ा, जो अभी तक टूर्नामेंट का दूसरा सबसे तेज शतक भी है। यूसुफ साल 2019 में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए नजर आए थे।



खेल
वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन इयोन मोर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास ; इंग्लैंड के सबसे सफल कप्तान है मोर्गन


Sports Desk : इंग्लैंड के लिमिटेड ओवर फॉर्मेट के कप्तान इयोन मोर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 35 वर्षीय मॉर्गन इंग्लैंड के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने के साथ-साथ वनडे क्रिकेट में सबसे सफल कप्तान भी हैं। मॉर्गन ने इंग्लैंड के लिए 225 वनडे में 13 शतकों के साथ 6957 रन बनाए हैं। कुल मिलाकर मॉर्गन के वनडे क्रिकेट में 14 शतकों के साथ 7701 रन हैं।
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इयोन मॉर्गन ने 126 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 76 जीते और इस दौरान उनके जीत का प्रतिशत 65.25 रहा। उनके कप्तानी करियर का सबसे यादगार लम्हा इंग्लैंड को घरेलू धरती पर 2019 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप का खिताब दिलाना रहा।
इंग्लैंड के लिमिटेड ओवर फॉर्मेट के कप्तान इयोन मोर्गन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 35 वर्षीय मॉर्गन इंग्लैंड के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने के साथ-साथ वनडे क्रिकेट में सबसे सफल कप्तान भी हैं। मॉर्गन ने इंग्लैंड के लिए 225 वनडे में 13 शतकों के साथ 6957 रन बनाए हैं। कुल मिलाकर मॉर्गन के वनडे क्रिकेट में 14 शतकों के साथ 7701 रन हैं।
इयोन मॉर्गन ने 126 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 76 जीते और इस दौरान उनके जीत का प्रतिशत 65.25 रहा। उनके कप्तानी करियर का सबसे यादगार लम्हा इंग्लैंड को घरेलू धरती पर 2019 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप का खिताब दिलाना रहा।
मॉर्गन एक बेहद सफल टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी थे। उन्होंने 115 मैचों में 14 अर्धशतकों और 136.18 की औसत से 2458 रन बनाए। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे सफल T20I कप्तान हैं, उनकी कप्तानी में टीम ने 72 मैचों में से 42 मैच जीते हैं। मोर्गन पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। मोर्गन ने अपने पिछले 28 इंटरनेशनल मैचों में महज दो अर्धशतक लगाए थे। ऐसा माना जा रहा है कि मोर्गन की जगह जोस बटलर को इंग्लैंड की वनडे और टी20 टीम की कमान सौंपी जा सकती है।
मोर्गन ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, “सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श और विचार-विमर्श के बाद, मैं तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर रहा हूं। मेरे करियर का सबसे सुखद और बिना कोई शक सबसे बेहतरीन पलों को अलविदा कहना आसान निर्णय नहीं रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि अब ऐसा करने का सही समय है, मेरे लिए, व्यक्तिगत रूप से और इंग्लैंड के सीमित ओवरों की दोनों टीमों के लिए, जिन्हें मैंने यहां तक पहुंचाया।
उन्होंने कहा, ”मैं दो विश्व कप विजेता टीमों में खेलने के लिए भाग्यशाली रहा हूं, लेकिन मेरा मानना है कि इंग्लैंड की सफेद गेंद वाली टीमों का भविष्य पहले से कहीं ज्यादा उज्जवल है। हमारे पास पहले से कहीं अधिक अनुभव, अधिक ताकत और अधिक गहराई है।”


खेल
छत्तीसगढ़ : अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के स्तर पर विकास होगा भिलाई का जयंती स्टेडियम ; एथलेटिक्स ट्रैक का भी होगा निर्माण


दुर्ग-भिलाई : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भिलाई शहर में बीएसपी के जयंती स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम के स्तर किया जाएगा विकास। 30 करोड़ की लागत से हालैंड की तकनीक का एस्ट्रोटर्फ बिछाया जाएगा। सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक भी बनेगा। एक बालिका खेल हॉस्टल भी बनाया जाएगा। यहां उनके रहने, खाने और खेलने की व्यवस्थाएं रहेंगी। कोच राष्ट्रीय स्तर के होंगे, जो उन्हें खेल की तकनीक व बारीकियां बताएंगे।
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अभी सेल के राउरकेला स्टील प्लांट में एक बालक खेल हॉस्टल है। भिलाई में बालिका हॉस्टल बन जाने से महिला खिलाड़ियों को सहुलियत होगी। अभी भिलाई में तमाम खेलों के स्टेडियम और मैदान हैं, लेकिन राष्ट्रीय खेल हॉकी और एथलेटिक्स के लिए आधुनिक सुविधाओं की जरूरत बहुत दिन से महसूस की जा रही थी। कड़े प्रशिक्षण के बाद भी हॉकी के खिलाड़ी एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं होने की वजह से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों का भी आयोजन किया जा सकेगा
रायपुर और राजनांदगांव के बाद अब भिलाई में भी एस्ट्रोटर्फ मैदान हो जाएगा। तीनों शहरों के बीच आपस में 40-40 किलोमीटर की दूरी है। इससे तीनों मैदान में एक साथ अतंरराष्ट्रीय स्तर के मैचों का आयोजन किया जा सकेगा। तीनों स्थान एक दूसरे से नजदीक है।
- 05 मीटर और चौड़ा रहेगा वास्तविक मैदान से
- 05 एजेंसियां अभी तक अनुबंध के लिए दे चुकी प्रजेंटेशन
- 05 एस्ट्रोटर्फ हो जाएगा इसके बनने से छग में।
डेढ़ दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी दूसरे शहरों में ले रहे ट्रेनिंग
भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान सबा अंजुम, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बलविंदर कौर मेहरा समेत दुर्ग जिले से 30 महिला व 50 पुरुष हॉकी खिलाड़ी निकले हैं। इनमें से 42 खिलाड़ी नेशनल खेल चुके हैं। देश-विदेश में राज्य और शहर का नाम रोशन किया। अभी भिलाई के डेढ़ दर्जन खिलाड़ी बिलासपुर और राजनांदगांव समेत देश के अन्य खेल हॉस्टल में ट्रेनिंग ले रहे हैं।
पांच एजेंसियां दे चुकी है प्रजेंटेशन, जल्द काम होगा
बीएसपी के महाप्रबंधक (खेल, संस्कृति और नागरिक सुविधाएं) सही राम जाखड़ ने बताया कि जयंती स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ बनाने के लिए अभी तक पांच एजेंसियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया है। कुछ और एजेंसियों ने अनुबंध के लिए संपर्क किया है। आने वाले दिनों में इनमें से किसी एक को काम दिया जाएगा। इसके बाद एस्ट्रोटर्फ बिछाने का काम शुरू होगा।
राज्य में 5 एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान हो जाएंगे, मिलेगी सुविधा
बीएसपी राष्ट्रीय खेल में अपना योगदान देने के उद्देश्य से जयंती स्टेडियम को पुन: संवार रहा है। हॉकी खेल के अनुकूल बना रहा है। अभी राज्य में रायपुर साइंस कॉलेज में दो, बिलासपुर और राजनांदगांव में 1-1 एस्ट्रोटर्फ मैदान हैं। रायपुर में वर्ल्ड कप का आयोजन भी चुका है।
राजनांदगांव और बिलासपुर में भी राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन हाे चुके हैं। यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय शिविरों में भी शामिल हो रहे हैं। भिलाई में एस्ट्रोटर्फ मैदान हाेने से अब यहां के खिलाड़ियों काे भी खेल की बेसिक जानकारी मिल सकेगी। साथ ही उन्हें तैयारी करने में भी सुविधा हाेगी।
हेडलाइन के अलावा इस खबर को CNT द्वारा संपादित नहीं किया गया है, सूचना के उद्देश्य से इस खबर को प्रकाशित किया गया है।


खेल
Ranji Trophy Final : मध्य प्रदेश ने रचा इतिहास, 41 बार की चैंपियन मुंबई को 6 विकेट से चटाई धूल, जीता पहला खिताब


बेंगलुरु : मध्य प्रदेश ने 41 बार की चैंपियन टीम मुंबई को रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में 6 विकेट से हराकर पहली बार खिताब पर कब्जा किया। आखिरी दिन मुंबई ने एमपी के सामने जीत के लिए 108 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे टीम ने 29.5 ओवर में ही हासिल कर लिया। मध्य प्रदेश की इस जीत के हीरो यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार रहे जिन्होंने पहली पारी में शतक जड़ टीम को बढ़त दिलाई थी। एमपी ने इस खिताब के साथ 67 साल का सूखा खत्म किया है।
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मध्य प्रदेश पहली बार बनी चैंपियन
मध्य प्रदेश की टीम पहली बार रणजी ट्रॉफ चैंपियन बनी है। इससे पहले होल्कर टीम ने 1945-46 में पहली बार खिताब जीता था, जबकि 1947-48, 1950-51 और 1952-53 में भी खिताब अपने नाम किया था। मध्य प्रदेश के नाम यह पहला खिताब है।
बात मुकाबले की करें तो मुंबई की पहली पारी में सरफराज खान के शतक के दम पर 374 रन बनाए थे। वहीं एमपी ने पहली पारी में 536 रन बोर्ड पर लगाकर 162 रनों की लीड हासिल कर मैच पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया था। मध्य प्रदेश के लिए यश दुबे, शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने शतक जड़े थे।
पहली पारी में पिछड़ने के बाद मुंबई की टीम टूट सी गई थी, नियमों के अनुसार अगर 5वें दिन तक फाइनल मैच का रिजल्ट नहीं निकलता तो पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाता है।
दूसरी पारी में मुंबई की पूरी टीम तेजी से रन बनाने के प्रयास में 269 रनों पर ही ढेर हो गई। कुमार कार्तिकेय ने 4 विकेट लेकर मुंबई की कमर ही तोड़ दी।
108 रनों के आसान से लक्ष्य का पीछा एमपी ने 30वें ओवर की एक गेंद रहते ही कर लिया। हिमांशू ने इस दौरान 37 तो शुभम और पाटीदार ने 30-30 रन की पारी खेली। पाटीदार ने विनिंग शॉट लगाया और वह अंत तक नाबाद रहे।


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